कुंडली में शुक्र नीच का हो, शत्रु राशि में हो, पाप ग्रहों से पीड़ित हो, या अष्टम/द्वादश भाव में अशुभ योग बना रहा हो), तो इसके नकारात्मक प्रभाव जीवन के कई क्षेत्रों में देखने को मिल सकते हैं. मुख्यतः शुक्र प्रेम, वैवाहिक जीवन, भौतिक सुख, विलासिता, कला, सौंदर्य और भोग-विलास से जुड़ा ग्रह है. यदि यह अशुभ हो तो निम्नलिखित प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
*शुक्र अशुभ होने के परिणाम*
1. वैवाहिक जीवन में परेशानी
विवाह में देरी,पति-पत्नी के बीच असंतोष या झगड़े,प्रेम संबंधों में धोखा या ब्रेकअप
2. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
जननांग या प्रजनन से जुड़ी बीमारियाँ,त्वचा रोग,आंखों की समस्या,हार्मोनल असंतुलन (खासतौर पर महिलाओं में)
3. विलासिता की कमी जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की कमी
गाड़ी, घर, ऐश्वर्य की वस्तुओं की प्राप्ति में बाधा
4. कला और सौंदर्य से दूरी
व्यक्ति में सौंदर्यबोध की कमी
रचनात्मकता या कलात्मक प्रतिभा में बाधा
5. विचलित कामुक प्रवृत्ति
अनैतिक संबंधों की ओर झुकाव
चरित्र या सामाजिक छवि पर कलंक
6. आर्थिक नुकसान
फैशन, डिजाइन, फिल्म, म्यूजिक या ग्लैमर इंडस्ट्री से जुड़ी करियर में असफलता
*उपाय (शुक्र दोष शांति हेतु)*
*शुक्रवार को व्रत रखें
*शुक्र बीज मंत्र का जाप करें:
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:. (108 बार रोज़ या शुक्रवार को विशेष)
*सफेद वस्त्र और चंदन का प्रयोग करें
*चांदी की अंगूठी या सफेद वस्तुएं धारण करें
*दुर्गा माँ या लक्ष्मी जी की पूजा करें.
*गाय, कन्याओं और सुहागिन स्त्रियों को दान दें
*श्वेत चंदन, चावल, दही, मिश्री, इत्र का दान करें.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*(9893280184)
मां कामाख्या साधक जन्मकुंडली विशेषज्ञ
कुंडली में यदि शुक्र ग्रह अशुभ हो तो ऐसे परिणाम मिलते
प्रेषित समय :18:25:27 PM / Sun, Jun 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर