नई दिल्ली. मानसून की शुरुआत होती ही देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में कुदरत का कहर देखने को मिल रहा है. दिन रात हो रही भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं. कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. जिससे 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 78 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इस बीच पूर्वोत्तर राज्यों में लैंडस्लाइड का सिलसिला भी शुरू हो गया है.
बाढ़ और भूस्खलन के चलते 34 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच खबर आई है कि सिक्किम में सेना का एक कैंप भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है. ये हादसा रविवार शाम को करीब 7 बजे हुआ. जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि 9 जवान अभी भी लापता हैं. जिनकी तलाश की जा रही है. लेकिन अभी तक उनका कोई पता नहीं चला है.
तीन जवानों के शव बरामद
भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया. जिसमें बताया गया कि भारी बारिश के कारण 01 जून को शाम करीब 7 बजे एक आर्मी कैंप में भूस्खलन हुआ. जिसमें मामूली रूप से घायल चार कर्मियों को बचा लिया गया है. जबकि हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनीश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा के पार्थिव शरीर बरामद कर लिए गए हैं. वहीं लापता छह लोगों के लिए बचाव अभियान जारी है.
भारी बारिश के चलते सिक्किम में फंसे 1500 पर्यटक
सिक्किम में पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है. जिसके चलते राज्य के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. जबकि कई इलाकों में भूस्खलन हो रहा है. खराब मौसम के चलते करीब 1500 पर्यटक भी फंसे हुए हैं, जिनको सुरक्षित निकालने की कोशिशें की जा रही है. इधर उत्तर सिक्किम में भारी बारिश और लैंडस्लाइड के चलते हालात बेहद खराब हो गए हैं. लोचन और लाचुंग इलाकों में करीब 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं. मंगन जिले के एसपी सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक ठहरे हुए हैं. भूस्खलन के चलते दोनों ओर से रास्ते बंद हैं
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