चंडीगढ. भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से संबंधित जल विवाद मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश पारित करते हुए पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर दिया है जिसमें सरकार ने हाईकोर्ट से 6 मई के आदेश वापिस लेने या संशोधन की मांग की थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उसके आदेश बिल्कुल सही थे. उसमें अब दखल दिए जाने का कोई आधार है नहीं है, 6 मई को हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि केंद्रीय गृह सचिव की मीटिंग में हरियाणा को पानी देने का जो निर्णय लिया गया है उसे लागू किया जाए.
पंजाब सरकार ने अपनी अर्जी में यह तर्क दिया था कि उक्त आदेश तथ्यों को छुपाकर लिया गया और इसे वापस लिया जाना चाहिए. पंजाब ने आरोप लगाया कि हरियाणा, बीबीएमबी और भारत सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों, विशेष रूप से 29 अप्रैल 2025 को हरियाणा द्वारा भेजे गए एक पत्र की जानकारी अदालत से छुपाई, जिसमें बीबीएमबी के चेयरमैन से अनुरोध किया गया था कि जल आपूर्ति विवाद को केंद्र सरकार को भेजा जाए.
पंजाब सरकार का यह भी दावा था कि जल विवाद केवल इंटर-स्टेट रिवर वाटर डिस्प्यूट्स एक्ट, 1956 के तहत ही सुलझाया जा सकता है, न कि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 या बीबीएमबी नियम 1974 के तहत, जैसा कि हाईकोर्ट ने माना. उन्होंने यह भी कहा कि बीबीएमबी इस मामले पर कोई निर्णय देने के लिए अधिकृत नहीं था, क्योंकि मामला केंद्र सरकार को भेजा जा चुका था.
हालांकि, अदालत ने पंजाब के सभी तर्कों को ठोस रूप से खारिज करते हुए कहा कि जिस पत्र का हवाला दिया गया वह केवल तकनीकी समिति की बैठक के एक प्रस्ताव के क्रियान्वयन हेतु था, न कि किसी विवाद का औपचारिक संदर्भ. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पंजाब को कोई आपत्ति है, तो वह नियम सात के तहत केंद्र सरकार को औपचारिक संदर्भ दे सकता है, जिसके लिए उसे पहले से ही आदेश में स्वतंत्रता दी जा चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-