नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बुलडोजर एक्शन सुर्खियों में है. मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के बाद बुधवार सुबह डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) ने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के भूमिहीन कैंप में अवैध निर्माणों को गिराने की कार्रवाई शुरू की. इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है, जबकि चार बुलडोजर और दो पोक्लीन मशीनों से बस्ती को ध्वस्त किया जा रहा है.
डीसीपी दक्षिण-पूर्वी दिल्ली डॉ. हेमंत तिवारी ने मौके पर मौजूद रहकर सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली. प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इलाके में धारा 144 जैसी सतर्कता अपनाई है. दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अतिशी मौके पर पहुंचीं और डीडीए की कार्रवाई का विरोध किया. उन्होंने कहा, तीन दिन पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऐलान किया था कि दिल्ली में एक भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी, लेकिन आज सुबह से ही भूमिहीन कैंप में बुलडोजर चल रहा है. यह साफ है कि भाजपा सरकार गरीबों को उजाडऩा चाहती है.
अतिशी ने आगे आरोप लगाया कि डीडीए ने कोर्ट की सुनवाई से पहले ही तोडफ़ोड़ शुरू कर दी, जबकि इस मामले में आज सुनवाई होनी थी. उन्होंने इसे गरीब विरोधी रवैया करार देते हुए कहा कि जहां-जहां गरीबों के साथ अन्याय होगा, आम आदमी पार्टी उनके साथ खड़ी रहेगी. सरकार की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन डीडीए अधिकारियों ने दावा किया है कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है. दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी इसे भाजपा और डीडीए की मिलीभगत से गरीबों को हटाने की साजिश बता रही है.
तोडफ़ोड़ की कार्रवाई के बीच स्थानीय लोगों में भारी नाराजग़ी है. कई परिवारों का कहना है कि उन्हें न तो पहले से कोई नोटिस मिला, न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई. कई महिलाएं और बुजुर्ग सड़क पर बैठकर विरोध कर रहे हैं.
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