पलपल संवाददाता, रायपुर. छत्तीसगढ़ के जीएसटी विभाग ने टैक्स चोरी को लेकर लोहा कारोबारी अमन अग्रवाल उम्र 32 वर्ष की पहली गिरफ्तारी की गई है. अमन को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
अमन पर आरोप है किए वो बोगस फर्मों व मृतकों के नाम से जारी नंबर का उपयोग कर रहा था. उसने 145 करोड़ रुपए के फर्जी बिलों के आधार पर 26.9 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का फ्रॉड कर राजस्व नुकसान पहुंचाया. अग्रवाल अगस्त्य फर्म के जरिए स्क्रैप व लोहे का व्यवसाय करता है. यह फर्म 2023-24 में रजिस्टर्ड हुई थी. जांच में पाया गया किए आरोपी ने 2023-24, 2024-25 व 2025-26 वित्तीय साल में बोगस फर्मों के जरिए खरीदी-बिक्री दर्शाई.
फर्म ने अपने नाम पर फर्जी फर्मों के इनवायस के माध्यम से आईटीसी का फ्रॉड किया. उसे अन्य फर्मों को भी पासऑन किया. उसने जिन फर्मों के साथ बिक्री दर्शाई वे फर्में भी जाली निकलीं. इस वजह से शासन के कोष को करीब 26.9 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ. इन फर्जी इनवायसों के पीछे 10 बोगस आपूर्तिकर्ता फर्मों के नाम सामने आए हैं. इन फर्मों की जीएसटीआर-2बी रिपोर्ट में कोई भी डेटा उपलब्ध नहीं था. इससे यह साबित हो गया कि आपूर्ति के बिना ही फर्जी आईटीसी का दावा किया गया.
कागजों में मृतक को बताया जिंदा-
अमन अग्रवाल ने ऐसे.ऐसे व्यक्तियों के नाम से बोगस फर्म तैयार कियाख् जिनकी मौत 2010 में हो गई थी. लेकिन 2013 व 2015 में उससे खरीदी दिखाई गई. जबकि उन दस्तावेजों का उपयोग 2025 में पंजीयन के लिए किया गया. जांच में पता चला कि आरोपी अग्रवाल के साथ कुछ और लोग सिंडिकेट की तरह काम करते थे. विभाग इस सिंडिकेट की जांच कर रहा है. इस तरह फर्म से फर्जी पंजीयन प्राप्त कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ लिया. यह छत्तीसगढ़ वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 16 की शर्तों का उल्लंघन है. इन परिस्थितियों के आधार पर अग्रवाल को इस नियम की धारा 132 (1) (बी) एवं 132 (1)द्ध;(सी) के तहत गिरफ्तार किया गया है. विभाग यह कोशिश कर रहा है कि फर्जी लेनदेन व टैक्स फ्रॉड में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
सीजीएसटी में 48 लोगों की गिरफ्तारियां-
खबर है कि दूसरे मामलों में दो आरोपी फरार हैं. अब विभाग इस तरह के मामलों में तेजी लाएगा. उधर सीजीएसटी विभाग की दोनों विंगों ने अब तक लगभग 48 लोगों को अरेस्ट किया है. हालांकि गिरफ्तारी का अधिकार जीएसटी व सीजीएसटी विभाग दोनों को ही है. ये फर्मे है हुसैनी इंटरप्राइजेस, यूनिक इंटरप्राइजेस, धनलक्ष्मी इंटरप्राइजेस, अंसारी ट्रेडर्स, अगस्त्य इंटरप्राइजेस, ललित ट्रेड लिंक, विनायका वेंचर्स, महावीर इंटरप्राइजेस, जयभोले इंटरप्राइजेस और ब्रिस्टल मल्टी ट्रेड.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




