अभिमनोज
यदि दुर्घटना के वक्त ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर हो चुका हो, तो इंश्योरेंस कंपनी से मुआवजा मिलना मुश्किल होता है, लेकिन.... यदि ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करने के लिए ग्रेस पीरियड का समय बाकी हो तो मुआवजा मिल सकता है.
खबर है कि.... उत्तराखंड राज्य उपभोक्ता आयोग ने श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को कार मालिक हरविंदर सिंह को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है, जबकि.... कंपनी ने उनका इंश्योरेंस क्लेम इस आधार पर खारिज कर दिया था कि- दुर्घटना के वक्त ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था.
खबरों की मानें तो.... वर्ष 2017 में ऋषिकेश के पास पावकी देवी रोड पर एक सुरक्षा दीवार गिरने से सिंह की कार खाई में गिर गई थी, जिसमें ड्राइवर जगदीश चौहान की मौत हो गई थी, इसकी बीमा पॉलिसी मई 2016 में ली गई थी और दुर्घटना के समय वैध थी, लेकिन.... इंश्योरेंस कंपनी ने दावा इस आधार पर खारिज कर दिया था कि- ड्राइवर का लाइसेंस 23 मार्च 2017 को ही समाप्त हो चुका था.
इस मामले में हरविंदर सिंह ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें 2022 में आयोग ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, इसके बाद.... इंश्योरेंस कंपनी ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की, परन्तु वहां भी फैसला सिंह के ही पक्ष में गया.
इस मामले में हरविंदर सिंह की ओर से दलील दी कि- मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करने के लिए तीस दिन का ग्रेस पीरियड होता है और हादसा उसी अवधि में हुआ था, इस पर आयोग ने माना कि- यदि ड्राइवर जीवित होता, तो वह निश्चित रूप से लाइसेंस रिन्यू करवा लेता.
अलबत्ता.... राज्य आयोग ने जिला आयोग के फैसले को तो बरकरार रखा, परन्तु मुआवजे की राशि छह लाख रुपये से घटाकर चार लाख रुपये कर दी, इसके अतिरिक्त इंश्योरेंस कंपनी को शिकायत दर्ज करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज और पांच हजार रुपये मुकदमे के खर्च के तौर पर भी देने होंगे!
एक्सपायर ड्राइविंग लाइसेंस पर इंश्योरेंस कंपनी ने किया क्लेम खारिज, उपभोक्ता आयोग ने दिया 4 लाख रुपये चुकाने का आदेश!
प्रेषित समय :21:40:40 PM / Mon, Jun 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर