*सूर्य दोष:
रोज सुबह स्नान के बाद सूर्य को तांबे के पात्र से जल अर्पित करें, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें, और गुड़ की डली खाकर घर से निकलें.
चंद्रमा दोष:
रोज सुबह माता के पांव छुएं, सोमवार को शिवलिंग पर दूध-जल चढ़ाएं, और पांच कन्याओं को खीर खिलाएं.
मंगल दोष:
हनुमान जी की पूजा करें, मंगलवार को लाल मसूर दाल का दान करें, तांबे का टुकड़ा भूमि में गाड़ें, और मूंगा रत्न धारण करें (ज्योतिषी की सलाह से).
बुध दोष:
बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं, गणेशजी की पूजा करें, और "ॐ बुधाय नमः" मंत्र का जाप करें.
गुरु (बृहस्पति) दोष:
गुरुवार को पीली चीजों का दान करें, केले के पेड़ की पूजा करें, और भगवान विष्णु की पूजा करें.
शनि दोष:
शनिवार को पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं, शनि स्तोत्र का पाठ करें, और मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं.
राहु दोष:
गोमेद रत्न धारण करें (ज्योतिषी की सलाह से), भगवान भैरव की पूजा करें, और काले कपड़े में नारियल बांधकर बहते पानी में प्रवाहित करें.
केतु दोष:
गणेशजी की पूजा करें, केतु स्तोत्र का पाठ करें, और लहसुनिया रत्न धारण करें (ज्योतिषी की सलाह से).
इन उपायों को श्रद्धा और नियमितता से करने पर ग्रह दोषों का प्रभाव कम होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है.
ग्रह दोषों से बचाव के सबसे प्रभावी ज्योतिषीय उपाय
प्रेषित समय :20:09:29 PM / Thu, Jun 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर