भोपाल. पश्चिम-मध्य रेलवे मजदूर संघ (डबलूसीआरएमएस) के महामंत्री अशोक शर्मा के भोपाल स्थित आवास पर गुरुवार रात सीबीआई ने छापामार कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई है. सीबीआई ने अशोक शर्मा के खिलाफ इस संबंध में एक रिपोर्ट भी दर्ज की है.
श्री शर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है. सीबीआई की कार्रवाई के समय अशोक शर्मा कहां पर हैं, इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है. गौरतलब है कि अशोक शर्मा पिछले वर्ष 30 नवंबर को ही चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद से रिटायर हुए हैं. वे 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2022 तक इस पद पर कार्यरत रहे.
ये हैं संपत्ति का विवरण
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआत में अशोक शर्मा के पास करीब 5 लाख 80 हजार रुपए की संपत्ति थी. हालांकि, रिटायरमेंट के समय उनकी संपत्ति बढ़कर 1 करोड़ 24 लाख 68 हजार 996 रुपए हो गई. सीबीआई ने ज्ञात स्रोतों से अशोक शर्मा की आय 1 करोड़ 27 लाख 77 हजार 266 रुपए और व्यय 90 लाख 47 हजार 380 रुपए पाया है. इस मामले की जांच सीबीआई भोपाल निरीक्षक वंदना मिश्रा को सौंपी गई है.
विवादों से पुराना नाता है
अशोक शर्मा के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी शर्मा के खिलाफ पैसों की अनियमितता के दो मामले सामने आ चुके हैं
माइलेज भत्ता घोटाला: पहले मामले में अशोक शर्मा के खिलाफ डेपुटेशन पर रहते हुए भी लगातार माइलेज भत्ता उठाने का आरोप लगा था, जिससे रेलवे को करीब 22 लाख रुपए का चूना लगा था. यह मामला सामने आने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने माइलेज भत्ते पर रोक भी लगा दी थी. लेकिन, भोपाल के तत्कालीन डीआरएम शोभन चौधुरी ने नियम विरुद्ध तरीके से अशोक शर्मा को माइलेज भत्ता देने के आदेश जारी कर दिए थे.
कर्मचारियों के चंदे में गड़बड़ी- इससे पहले अशोक शर्मा के खिलाफ कर्मचारियों के चंदे में भी गड़बड़ी के आरोप लगे थे. ये आरोप किसी और ने नहीं, बल्कि पश्चिम-मध्य रेलवे के ही तत्कालीन अध्यक्ष आरपी भटनागर ने लगाए थे. इस मामले को लेकर भटनागर ने अशोक शर्मा के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी, जो मामला अभी भी जबलपुर अदालत में चल रहा है. इस रिपोर्ट में भटनागर ने अशोक शर्मा पर 67 लाख रुपए के गबन का आरोप लगाया था, हालांकि पुलिस जांच में यह रकम करीब 78 लाख रुपए सामने आई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-