पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में एक जन स्वास्थ्य रक्षक डाक्टर बनकर अवैध रुप से क्लिनिक संचालित कर लोगों का इलाज कर रहा था. इस बात का खुलासा जिला प्रशासन द्वारा रिछाई रांझी में दी गई दबिश से हुआ है. टीम ने मौके से भारी मात्रा में दवाएं बरामद की है. जांच में न क्लिनिक का कोई रजिस्ट्रेशन था न ही दवाओं का वैध लाइसेंस था.
बताया गया है कि रिछाई रांझी में दशरथ कुमार बैरागी उम्र 50 वर्ष लम्बे समय से जन स्वास्थ्य क्लिनिक का संचालन कर रहा ािा. जबकि वर्ष 2001 में स्वास्थ्य विभाग ने दशरथ कुमार ग्रामीण सेवा के लिए जन स्वास्थ्य रक्षक के रूप में प्रशिक्षण दिया था. प्रारंभिक वर्षों में उसने कुछ समय तक जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्र में सहयोगी के रूप में काम किया. उसका काम घायल व्यक्ति के घाव साफ करना, पट्टी करना व डॉक्टर-नर्स की मदद करना था.
लेकिन कुछ ही समय बाद उसने अपना निजी क्लिनिक खोल लिया और स्वयं को डाक्टर बताते हुए मरीजों का इलाज करने लगा. वह मरीजों को दवाएं देने के साथ साथ इंजेक्शन भी देता था. दशरथ कुमार द्वारा इलाज किए जाने की शिकायत कलेक्टर दीपक सक्सेना व सीएमएचओ संजय मिश्रा से की गई. इसके बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने रिछाई स्थित उसकी क्लिनिक पर छापा मारा.
औषधि निरीक्षक शरद जैन व डीआई प्रवीण कुमार पटेल की टीम जब क्लिनिक में पहुंची तो दशरथ कुमार बैरागी मरीजों को दवा दे रहा था. क्लिनिक में भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं पाई गईं. जब टीम ने क्लिनिक के दस्तावेज और लाइसेंस मांगे तो वह कोई कागज नहीं दिखा सका. टीम ने क्लिनिक को सील कर वहां से जब्त की गई दवाओं को कोर्ट की निगरानी में रखवा दिया है. सभी दवाओं को जांच के लिए राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल भेजा जा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

