ध्रुव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में तंत्र-साधना का दुर्लभ संयोग, जानिए राशियों पर ग्रहों का प्रभाव

ध्रुव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में तंत्र-साधना का दुर्लभ संयोग, जानिए राशियों पर ग्रहों का प्रभाव

प्रेषित समय :20:39:34 PM / Wed, Jun 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

26 जून 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, खगोलीय और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से गुप्त नवरात्रि आरंभ हो रही है, जो तंत्र, साधना और सिद्धियों की दृष्टि से विशिष्ट मानी जाती है. साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ध्रुव योग और मिथुन राशि में चंद्रमा का प्रभाव भी बन रहा है. गुप्त नवरात्रि इस बार उस कालखंड में आई है जब कर्क राशि में सूर्य-बृहस्पति-बुध का युति प्रभाव है, और एक सप्ताह के भीतर ही चंद्र ग्रहण (3 जुलाई 2025) आने वाला है. यह स्थिति साधकों और ग्रह-संतुलन की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है.

 इस दिन की आकाशीय स्थिति, ग्रहों के संयोगों और 12 राशियों पर उनके प्रभाव का विस्तार से विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं:

आकाशीय स्थिति और प्रमुख ग्रह संयोग
सूर्य कर्क राशि में — भावनात्मकता, मातृत्व, संरक्षण और अंतर्मुखता का प्रतीक.

बृहस्पति कर्क राशि में — उच्च भावना, ज्ञान और संकल्प बल का विकास.

बुध 22 जून को कर्क में प्रवेश कर चुका है — स्मृति, भावना और संप्रेषण शक्ति में वृद्धि.

चंद्रमा मिथुन राशि में — वाणी, लेखन, मानसिकता और चपलता का प्रभाव.

शुक्र कृतिका नक्षत्र में प्रवेश (26 जून) — प्रेम, सौंदर्य और इच्छाओं में तेज़ परिवर्तन.

सर्वार्थ सिद्धि योग: 26 जून प्रातः 8:46 से 27 जून प्रातः 5:35 तक.

ध्रुव योग: 26 जून को रात 11:40 बजे तक.

नव चंद्र (New Moon) की ओर बढ़ती तिथि — ऊर्जा का भीतर की ओर संचय.

3 जुलाई 2025 को उपच्छाया चंद्रग्रहण — यह गुप्त नवरात्रि के ठीक अंतिम चरण में पड़ेगा.

राशिवार प्रभाव: गोचर, आकाशीय ऊर्जा और गुप्त नवरात्रि के अनुसार
 मेष (Aries)
ध्यान और मंत्र-साधना से आत्मिक शक्ति में वृद्धि होगी. चंद्रमा का तीसरा स्थान कार्यकुशलता बढ़ाएगा. दुर्गा सप्तशती का पाठ लाभकारी रहेगा.

वृषभ (Taurus)
धन स्थान में चंद्रमा का प्रभाव खर्च और निवेश के प्रति सजग बनाता है. छिपे हुए शत्रुओं से सावधानी रखें. मां बगलामुखी की साधना उत्तम.

मिथुन (Gemini)
चंद्रमा आपके लग्न में — मानसिक ऊर्जा उच्च स्तर पर. गायत्री मंत्र और ध्यान से आत्मविश्वास बढ़ेगा. यह नवरात्रि निर्णायक सिद्ध हो सकती है.

कर्क (Cancer)
सूर्य, बुध और गुरु आपकी राशि में—विशेष भाग्यकाल. आत्मज्ञान, परंपरा और शक्ति जागरण के लिए श्रेष्ठ समय. माता की कृपा से समस्याएं दूर होंगी.

सिंह (Leo)
गुप्त नवरात्रि की साधना से कार्यक्षेत्र में अप्रत्याशित लाभ संभव. ग्रहण से पूर्व काल में संयम और जप को प्राथमिकता दें. ध्यान पर केंद्रित रहें.

कन्या (Virgo)
शुक्र कृतिका में — संबंधों में सावधानी रखें. पूजा स्थिरता लाएगी. तारा या त्रिपुरसुंदरी की आराधना विशेष लाभ दे सकती है.

तुला (Libra)
मानसिक द्वंद्व से मुक्ति हेतु ध्यान और एकांत आवश्यक है. चंद्र-शुक्र योग आपके भावनात्मक निर्णयों को प्रभावित करेगा. मां धूमावती की साधना करें.

वृश्चिक (Scorpio)
मित्र और संबंधों में पारदर्शिता रखें. छठे दिन छिन्नमस्ता साधना अत्यंत शुभ. गुप्त मंत्र-सिद्धि में सफलता के योग.

धनु (Sagittarius)
भाग्य स्थान में ग्रह योग — गुरु की कृपा बनी हुई है. आध्यात्मिक यात्रा या अनुष्ठान का अवसर बन सकता है. मां भुवनेश्वरी की कृपा से प्रतिष्ठा बढ़ेगी.

मकर (Capricorn)
शत्रु और रोग से राहत मिलेगी. ग्रहण के पहले संयम आवश्यक. इस समय देवी काली की उपासना विशेष रूप से लाभकारी.

कुंभ (Aquarius)
बुद्धि और वाणी पर संयम रखें. शुक्र कृतिका में भावनात्मक भ्रम हो सकता है. गुप्त नवरात्रि की साधना से चित्त स्थिर होगा.

मीन (Pisces)
धन और घर के मामलों में ग्रह योग अनुकूल. गायत्री जप से मानसिक संतुलन प्राप्त होगा. माता की आराधना से स्थायी सुख की प्राप्ति.

विशेष संकेत
ग्रहण के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इस नवरात्रि में शब्द-शक्ति (मंत्र) की साधना अत्यंत फलदायी होगी.

गृहस्थ लोग दुर्गा सप्तशती, गायत्री जप, और दीपदान करें.

साधक और तांत्रिक — इस काल को महाकाली, छिन्नमस्ता, बगलामुखी, भैरवी की साधना के लिए श्रेष्ठ मानें.

सूर्य–बृहस्पति–बुध की युति शक्तिशाली मानसिक और आध्यात्मिक अन्वेषण का योग बना रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-