एमपी: EOW द्वारा जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा कर शासन को चूना लगाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़

एमपी: EOW द्वारा जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जीवाड़ा कर शासन को चूना लगाने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़

प्रेषित समय :19:10:12 PM / Fri, Jun 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर/भोपाल. मध्य प्रदेश में जीएसटी इनपुट में फर्जीवाड़ा करने वाले मुख्य सरगना को ईओडब्ल्यू ने झारखंड की राजधानी रांची से गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उसने फर्जी बिल बनाकर शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति पहुंचाई.

आरोपी विनोद कुमार सहाय उर्फ एनके खरे ने फर्जी जीएसटी चालान जारी किए, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया जा सके. आरोपी ने बिना जीएसटी पंजीकरण के व्यवसाय भी चलाया है. फर्जी जीएसटी नंबर का उपयोग करके चालान जारी किए. इन फर्जी बिलों के माध्यम से आरोपी ने सरकार को जीएसटी का भुगतान करने से बचने की कोशिश की. जिससे कर चोरी हुई. उसकी गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू इस मामले की जांच कर रही है. पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस फर्जीवाड़े में कोई और शामिल है.

जबलपुर सहित इन जिले में बड़े पैमाने पर किया फर्जीवाड़ा

आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने जबलपुर, भोपाल और इंदौर में एक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर जीएसटी धोखाधड़ी की है. उसके गिरोह ने भोले-भाले लोगों को झांसा देकर दस्तावेजों का दुरुपयोग किया और फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट का अवैध हस्तांतरण कर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है.

ऐसे हुआ था खुलासा

मामले का खुलासा प्रताप सिंह लोधी की शिकायत और वाणिज्य कर विभाग, जबलपुर की सहायक आयुक्त वैष्णवी पटेल और ज्योत्सना ठाकुर की भेजी गई रिपोर्टों से हुआ है. इन रिपोर्टों में धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक साजिश के माध्यम से जीएसटी चोरी का संकेत दिया गया था.

लोन का झांसा देकर लेते थे दस्तावेज

मुख्य आरोपी विनोद कुमार सहाय उर्फ एनके खरे ने वर्ष 2019-2020 के दौरान जबलपुर में प्रताप सिंह लोधी, दीनदयाल लोधी, रविकांत सिंह और नीलेश कुमार पटेल जैसे व्यक्तियों से संपर्क किया. उसने इन लोगों को यह कहकर झांसा दिया कि ऋण प्राप्त करने के लिए जीएसटी पंजीकरण आवश्यक है. इस बहाने से, उसने उनसे उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो, बैंक खाता स्टेटमेंट, कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज (जैसे खसरा, किस्तबंदी खतौनी, ऋण पुस्तिका) और बिजली बिल जैसे दस्तावेज हासिल कर लिए. इन दस्तावेजों का उपयोग कर विनोद सहाय ने फर्जीवाड़ा किया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-