कामाख्या और जगन्नाथ पुरी दोनों का निवास नीलांचल में

कामाख्या और जगन्नाथ पुरी दोनों का निवास नीलांचल में

प्रेषित समय :18:08:09 PM / Fri, Jun 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

ये भी बिरला संयोग ही है कि माई कामाख्या नीलांचल पहाड़ी पर स्थित है, और भगवान जगन्नाथ नीलाद्री या नीलांचल पर निवास करते है, एक की भौगोलिक स्थिति असम गुवाहाटी है तो दूसरी की उड़ीसा समुद्र तट है, दोनों ही पूर्व में है, सबसे बड़ा संयोग यह है कि ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष में ही दोनों मंदिरों के द्वार बंद होते है, /*भगवान कृष्ण* भगवान जगन्नाथ मंदिर के द्वार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष एकम से बंद हो जाते है वही मां कामाख्या के द्वार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष एकादशी द्वादशी को बंद होते है, दोनों का संबंध शुक्र ग्रह से ही है, भगवान कृष्ण का अवतार स्त्री शक्ति के लिए हुआ था, उन पर स्त्री कारक ग्रह शुक्र का विशेष प्रभाव था, प्रेम और त्याग और युद्ध कृष्ण अवतार में विशेष रूप से देखने को मिलते है, कृष्ण चरित्र दिव्य प्रेम का कारक है, राधाजी, रुक्मणि,सत्यभामा 16001 रानियों के पति और ब्रह्मांड में एकमात्र पुरुष भगवंत कृष्ण ही है.

*मां कामख्या* मां कामाख्या का स्थान भगवान भोलेनाथ और माता सती के दिव्य प्रेम का परिचायक है, जहां माता सती ने अपने पति परमेश्वर के अपमान के चलते अपने पिता के यज्ञ में शामिल सभी लोगों को श्राप दिया और खुद को यज्ञ अग्नि में भस्म कर दिया, बाद  में वही सती मां ने हिमाचल के घर में पुनर्जन्म लिया और शिव जी विवाह किया, इस तरह मां कामख्या का यह स्थान पवित्र प्रेम की शक्ति पीठ है.
*दोनों स्थान स्ट्रर शक्ति के परिचायक है.
*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*(9893280184)
मां कामाख्या साधक जन्मकुंडली विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-