पलपल संवाददाता, भोपाल/जबलपुर. रांझी के झारखंड से गिरफ्तार किए गए विनोद कुमार सहाय उर्फ एनके खरे निवासी ग्राम टिबरी जबलपुर एमपी ने वर्ष 2009 से फर्जी नाम नीलू सोनकर, एनके खरे का उपयोग कर विभिन्न फर्जी फर्मो व शेल कंपनियों के माध्यम से करोड़ों रुपए की हेराफे री की है. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) भोपाल द्वारा की जा रही जांच में अभी तक 512 करोड़ रुपए के फर्जी बिल, 130 करोड़ रुपए की GST चोरी व 23 फर्मो का खुलासा हुआ है.
EOW के अधिकारियों ने बताया कि विनोद सहाय उर्फ एनके खरे द्वारा नियंत्रित एवं संचालित फर्जी कंपनयों के नेटवर्क ने अब तक लगभग 512 करोड़ की बोगस इनवॉइसिंग विभिन्न नामों से दर्शाई है. यह इनवॉइसिंग वास्तव में किसी भी वास्तविक वस्तु या सेवा के क्रय-विक्रय पर आधारित नहीं थी बल्कि यह केवल कागजों पर दिखाया गया फर्जी व्यापार था, जिसका वास्तविक उद्देश्य था. आरोपी को EOW द्वारा रांची (झारखंड) से ट्रांजिट रिमांड पर जबलपुर लाया गया. आरोपी विनोद सहाय 2 जुलाई तक की पुलिस अभिरक्षा में है.
-खरीदार कंपनियों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (FAKE ITC) का लाभ देना.
-GST का अपवंचन करना
-फर्जी दस्तावेजों, डमी प्रोपराइटर व डिजिटल पहचान का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिग जैसी आर्थिक आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना.
फर्जी फर्मो से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया-
इन 512 करोड़ की इनवॉइस वैल्यू का कोई भौतिक स्टॉक, गोदाम, माल ढुलाई, परिवहन दस्तावेज या बैंकिंग आधार नहीं पाया गया. इन लेनदेन में प्रयुक्त कंपनियां जैसेृ नर्मदा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, अंकिता स्टील एंड कोल, जगदम्बा कोल केरियर्स, महक इंटरप्राइजेज, केडी सेल्स कॉर्पोरेशन, कोराज टेक्निक, महामाया ट्रेडर्स इत्यादि इन सभी का तो संचालन विनोद सहाय स्वयं करता था या फिर उसने अन्य नामों के माध्यम से नेटवर्क फैला रखा था. जीएसटी पोर्टल पर इन कंपनियों से कर योग्य आपूर्ति के रूप में दिखाया गया आंकड़ा 500 करोड़ से अधिक है. जिसमें से अधिकांश पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पास किया गया. जिससे सरकार को सीधे करोड़ों का कर नुकसान हुआ. यह भी पाया गया कि इस नेटवर्क के लेनदेन के पैटर्न, बैंक खातों, मेल ID मोबाइल नंबर और ITC क्लेम के बी पूर्ण डिजिटल समन्वय था. जिससे यह एक (आर्गनाइज्ड जीएसटी स्केम सिंडीकेट) सिद्ध होता है.
14 फर्जी फर्म व 9 अन्य के नाम से संचालित फर्मे मिली-
अब तक की जांच में आरोपी के नाम से 14 फर्जी फर्मों और 9 अन्य व्यक्तियों के नाम से संचालित फर्मों मिली है. कुल मिलाकर 23 से अधिक फर्मों का संचालन सामने आया है.
-जगदम्बा कोल केरियर्स फर्म, जबलपुर-
यह फर्म विनोद सहाय द्वारा स्थापित की गई थी, इस फर्म के माध्यम से लगभग 59 करोड़ की फर्जी इनवॉइसिंग की गई और 18 करोड़ का फर्जी ITC लिया गया.
महामाया ट्रेडर्स (कोरबा, छत्तीसगढ़)-
कोल ट्रेडिंग के नाम पर बनाई गई इस फर्म के माध्यम से 30 करोड़ की बोगस इनवॉइस तैयार की गई. फिर 8 करोड़ का फर्जी ITC क्लेम किया गया.
ब्लैक डायमंड ट्रेडकोम (नागपुर)-
इस फर्म ने कथित तौर पर बिना किसी वास्तविक व्यापार के 15 करोड़ की इनवॉइस तैयार कर 4 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया.
जेएमडीडी् स्टील्स प्रालि (नागपुर)-
स्टील के नाम पर 80 करोड़ की फर्जी इनवॉइस जनरेट की कर 20 करोड़ रुपए का आईटीसी क्लेम किया गया.
जेएमएसडी एलोयस प्रालि (नागपुर)-
90 करोड़ की इनवॉइसिंग और 23 करोड़ का फर्जी आईटीसी ट्रांसफर इस फर्म के माध्यम से हुआ.
JMKD एनर्जी प्रालि (नागपुर)-
इस ऊर्जा कंपनी के नाम पर 95 करोड़ के बिल बनाए गए, जिनके आधार पर 21 करोड़ का फर्जी ITC लिया गया.
सिनोट्रोन मिनरल्स प्रालि (नागपुर)-
खनिज व्यापार के नाम पर इस फर्म ने 26 करोड़ की फर्जी सप्लाई दिखाई और 6 करोड़ का ITC लिया.
डेवोर्स रिसोर्सेस प्रालि (नागपुर)-
30 करोड़ की इनवॉइसिंग और 9 करोड़ का फर्जी ITC इस कंपनी से हुआ
ब्लूवर्थ ट्रेडकोम प्रालि (वर्धा)&
इस फर्म ने 7 करोड़ के इनवॉइस तैयार कर 1.5 करोड़ का ITC लिया.
केएसके सीमेंट (नागपुर)-
इस सीमेंट फर्म ने 20 करोड़ की इनवॉइसिंग की और 5 करोड़ का फर्जी ITC क्लेम किया.
भारत एलोयस (नागपुर)-
20 करोड़ की फर्जी बिक्री और 5 करोड़ का ITC क्लेम इस फर्म से हुआ.
राधाकृष्णा ट्रेडिंग कंपनी (नागपुर)-
18 करोड़ की इनवॉइसिंग व 4 करोड़ का फर्जी टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया गया. आर्याकोल प्रालि (नागपुर)-
12 करोड़ की इनवॉइस और 3 करोड़ का ITC लिया गया.
गेरिजन कोल प्रालि (नागपुर)-
जिसने 10 करोड़ की फर्जी इनवॉइस बनाई और 2 करोड़ का फर्जी ITC लिया.
-इनवॉइस वैल्यू: लगभग 512 करोड़ की फर्जी इनवॉइसिंग की गई है.
-इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की हानि: लगभग 130 करोड़ की अवैध ITC प्राप्त की गई है.
प्रमुख राज्य: मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ,़
मुख्य नेटवर्क लोकेशन: जबलपुर, नागपुर, बिलासपुर, कोरबा, रांची
एनके खरे (फर्जी नाम)- आरोपी विनोद सहाय स्वयं एनके खरे, नीलू सोनकर आदि नामों से फर्जी ID बनाकर कार्य करता रहा.
बैंक खातों की संख्या- अब तक के साक्ष्यों से 150 से अधिक बैंक खाते ट्रेस हुए हैं जो आरोपी या उसके सहयोगियों द्वारा नियंत्रित किए गए.
फर्जी दस्तावेज- आरोपी के घर से विभिन्न विभागों की सीलें, नकली ट्रांसपोर्ट रसीदें, GST बिल बुक्स, पैन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य प्रमाण पत्र जब्त किए गए हैं.