अब बिहार का मखाना दुनियाभर में मोती जैसे चमकेगा

अब बिहार का मखाना दुनियाभर में मोती जैसे चमकेगा

प्रेषित समय :15:07:15 PM / Wed, Jul 2nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अनिल मिश्र/पटना 

पूरे देशभर में एक सुपाच्य, गुणकारी और लाभकारी मखाना के नाश्ता चाहे सुबह हो या शाम सभी को पसंद है.इसी मखाना का अब दिन बदलने वाला है.कभी उत्तर बिहार का प्रमुख खेती और जिविकोपार्जन का माध्यम रहा मखाना अब बिहार और अपने देश भारत तक ही सीमित रहेगा. बल्कि पूरी दुनियाभर में मोतियों जैसे चमक बिखेरेंगा. दरअसल इस बाबत बिहार सरकार के अनुसार अब जब मखाना को यूनिक कोड मिल गया है, तो इसके निर्यात में आसानी होगी. जिससे विदेशों में उत्पाद की पहचान स्पष्ट होगी और क्लियरेंस प्रक्रिया भी तेज़ होगी. इससे मखाना के स्टार्टअप और प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वालों को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा.दरअसल एचएस कोड एक अंतरराष्ट्रीय सिस्टम है.

जिसके जरिए किसी भी सामान को व्यापार के लिए एक यूनिक कोड दिया जाता है. इस कोड से सीमा शुल्क अधिकारी सामान की पहचान कर उसका सही टैक्स तय करते हैं. भारत में यह कोड 8 अंकों का होता है. इसका इस्तेमाल जीएसटी, कस्टम और निर्यात संबंधी जरूरत में होता है.बिहार प्रदेश में उतरी बिहार का प्रमुख खेती और जिविकोपार्जन का मुख्य माध्यम मखाना की पहचान उनके कोड से की जाएगी. पॉप्ड मखाना  का कोड 20081921 होगा, जबकि मखाना पाउडर/आटा का कोड 20081922 और अन्य मखाना उत्पादों का कोड 20081929 होगा. इस कोड के जरिए अब मखाना के निर्यात, टैक्स, और मार्केटिंग में पारदर्शिता आएगी और सरकारी योजनाओं का लाभ लेना भी आसान होगा.

जिसके कारण बिहार में मखाना  उत्पादन करने वाले  किसानों के लिए अच्छी खबर है. क्योंकि बिहार का मशहूर मखाना अब दुनिया भर में अपनी अलग पहचान के साथ बिकेगा. इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एचएस (हॉर्मोनाइज्ड सिस्टम) कोड मिल गया है, जो इसे एक खास दर्जा और ग्लोबल बाजार में नई पहचान देगा. बिहारवासियों के वर्षों से  अथक प्रयास के बाद यह सफलता मिली है, जिससे किसानों, प्रोसेसिंग यूनिट्स और मखाना कारोबारियों को बड़ा फायदा मिलेगा. दरअसल उत्तर बिहार का मिथिलांचल के  नाम से मशहूर दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों की शान मखाना अब वैश्विक बाजार में अपने नाम से जाना जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-