केरल हाईकोर्ट: भारत माता धार्मिक प्रतीक कैसे, इससे कानून-व्यवस्था को क्या खतरा?

केरल हाईकोर्ट: भारत माता धार्मिक प्रतीक कैसे, इससे कानून-व्यवस्था को क्या खतरा?

प्रेषित समय :20:28:28 PM / Sat, Jul 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
भारत माता धार्मिक प्रतीक कैसे और इससे कानून-व्यवस्था को क्या खतरा?
खबरें हैं कि.... केरल हाईकोर्ट ने भारत माता को धार्मिक प्रतीक बताने पर कड़ी फटकार लगाते हुए केरल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से पूछा कि- भारत माता कैसे एक धार्मिक प्रतीक हो सकती हैं और इससे कानून-व्यवस्था को क्या खतरा?
खबरों की मानें तो.... केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मोहनन कुन्नुम्मल ने एक निजी कार्यक्रम रद्द करने का नोटिस जारी करने के आरोप में रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार को कुछ समय पहले निलंबित कर दिया था.
जस्टिस एन नागरेश ने रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार से निलंबन को चुनौती देनेवाली उनकी याचिका की सुनवाई के दौरान इस विषयक कुछ सवाल पूछे.
उल्लेखनीय है कि.... इस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीनेट हॉल में भाग लिया था, जहां भगवा ध्वज लिए भारत माता का चित्र प्रदर्शित किया गया था. इस मामले में रजिस्ट्रार अनिल कुमार के निलंबन पर रोक लगाने की अंतरिम याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल पूछा कि- भारत माता कैसे धार्मिक प्रतीक है? और.... इसे प्रदर्शित करने से केरल में कानून व्यवस्था की कौन-सी समस्या होने वाली थी?
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस संबंध में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि- चित्र के प्रदर्शन को लेकर माकपा और बीजेपी की छात्र शाखाओं- एसएफआई.... स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और एबीवीपी.... अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीच झड़प हुई थी.
अनिल कुमार का कहना था कि- विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें बताया कि सीनेट हॉल में एक धार्मिक प्रतीक प्रदर्शित किया गया था और ऐसी स्थिति में कार्यक्रम रद्द किया जा सकता है, कुलपति केवल आपातकालीन स्थितियों में ही रजिस्ट्रार को निलंबित कर सकते हैं.
इस विषयक हाईकोर्ट ने कहा कि- वीसी तब आदेश पारित कर सकते हैं, जब सिंडिकेट सत्र में न हो और सीनेट को निलंबन आदेश को मंजूरी देनी होगी.
इतना ही नहीं, यह भी पूछा गया कि- क्या राज्यपाल के कार्यक्रम में आने पर भी इस तरह से काम किया जाना चाहिए था?
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-