पांच दिनों के विशेष नक्षत्र संयोग को पंचक कहते हैं. इन पांच दिनों को शुभ और अशुभ कार्यों के लिए देखा जाता है. पंचक के दौरान कुछ कार्य करना बेहद अशुभ माना जाता है. पंचक पंचांग का विशेष भाग है.
क्या है पंचक
जब चंद्रमा कुंभ से मीन राशि में गुजरता है, तो पंचक का प्रभाव होता है. आमतौर पर इसे पांच महत्वपूर्ण नक्षत्रों में चंद्रमा के गुजरने का समय माना जा सकता है. ये नक्षत्र है - धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती. इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या नए निर्माण कार्य से बचना चाहिए.
पंचक अशुभ क्यों माना जाता है?
कहते हैं पंचक के समय किसी तरह के शुभ काम का परिणाम नहीं मिलता है और उस काम को पांच बार करना पड़ता है. हिंदू धर्म में जब किसी की मृत्यु भी पंचक के दौरान होती है, तो विशेष पूजा पाठ करके पंचक की शांति की जाती है. पंचक के दौरान ये काम बिल्कुल ना करें.
धनिष्ठा नक्षत्र: जरूरी ना हों, तो यात्रा को टालें. गैस, पेट्रोल आदि का काम ना करवाएं. नए घर का वास्तु प्रवेश ना करें.
शतभिषा नक्षत्र: इस समय नया बिजनेस शुरू ना करें. पार्टनरशिप का कोई काम करने से भी बचें.
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र: इस नक्षत्र में विवाह, नए घर का वास्तु या नई गाड़ी खरीदते हैं, तो यह शुभ नहीं होता है. कार्य करने वाला व्यक्ति बीमार हो जाता है.
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र: इस दौरान कोई नया काम शुरू करते हैं, तो असफलता मिलती है.
रेवती नक्षत्र: इस समय काम करने से आर्थइक हानि होने की आशंका बनी रहती है. रेवती भी एक गंडमूल नक्षत्र है और इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति को हर दूसरे महीने बगलामुखी पूजा करनी होती है.
पंचक के प्रकार और उनका प्रभाव
पंचांग के अनुसार पंचक एक विशेष समय होता है. इसमें किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले सावधानी बरती जाती है. यह पांच दिनों की अवधि होती है. आइए, पंचक के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि किस पंचक में कौन-कौन से कार्य वर्जित माने गए हैं.
पंचक के पांच प्रकार-
रोग पंचक यह पंचक तब होता है जब पंचक की शुरुआत रविवार से होती है. इस पंचक के दौरान यज्ञ या धार्मिक अनुष्ठान जैसे कार्य करने से बचना चाहिए.
राज्य या नृप पंचक यदि पंचक की शुरुआत सोमवार से होती है, तो इसे राज्य पंचक या नृप पंचक कहा जाता है. इस समय नौकरी या नई सरकारी योजनाओं में प्रवेश करना वर्जित माना जाता है.
अग्नि पंचक मंगलवार से शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है. इस समय घर का निर्माण, गृह प्रवेश, या किसी प्रकार की नई संपत्ति से जुड़े कार्य नहीं किए जाने चाहिए.
चोर पंचक शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है. इस समय यात्रा करने से बचा जाता है, क्योंकि चोरी या धन हानि की आशंका रहती है.
मृत्यु पंचक पंचक यदि शनिवार से शुरू होता है, तो इसे मृत्यु पंचक कहते हैं. इस पंचक के दौरान विवाह, सगाई, और अन्य शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.
पंचक के दौरान करें ये उपाय
पंचक के दौरान कुछ आसान उपाय करके आप इस समय को शांतिपूर्ण और शुभ बना सकते हैं. पंचक के दौरान निम्नलिखित 5 उपाय करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है:
भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें.
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करें.
पंचक के समय में असहाय गायों को हरा चारा खिलाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं
इस समय आप घर या मंदिरों में विशेष पूजा, अनुष्ठान, या हवन करवा सकते हैं.
पंचक के दौरान नाखून और बाल काटने से बचना चाहिए.

