पमरे के बड़े रेल अफसर से 54 लाख की वसूली, लेकिन ब्याज पर प्रशासन मौन, विभागीय कार्रवाई से भी बचाया जा रहा

पमरे के बड़े रेल अफसर से 54 लाख की वसूली, लेकिन ब्याज पर प्रशासन मौन, विभागीय कार्रवाई से भी बचाया जा रहा

प्रेषित समय :14:38:55 PM / Sat, Jul 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल प्रशासन द्वारा अफसरों व कर्मचारियों के बीच किसी गड़बडिय़ों में मिलने वाले दंड में दोहरा मापदंड अपना रहा है, ऐसा ही एक मामला पश्चिम मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी अनुराग पांडे (पूर्व में उप महाप्रबंमधक) से 54,10,955 की गलत वेतन भुगतान के कारण वसूली की गई है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि न तो इस राशि पर कोई ब्याज वसूला गया और न ही उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई की गई है, वहीं इस बड़ी राशि के ब्याज के संबंध में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) द्वारा लगातार पमरे प्रशासन से पत्राचार किया जाता रहा है.

रेलवे ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, श्री पांडे को 09.12.2013 से सेवा में आने के बाद गलत तरीके से वेतन सुरक्षा  दी गई, जबकि वे ओपन कंपटीटिव एग्जाम से चयनित हुए थे. ऐसे मामलों में रेलवे बोर्ड और डीओपीटी के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि ऐसे अधिकारियों को वेतन सुरक्षा का लाभ नहीं मिलना चाहिए. फिर भी 54 लाख से अधिक की सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ, और विभाग ने 10 साल बाद इसे केवल मूलधन के रूप में वापस लेना तय किया है. ब्याज की कोई बात नहीं की गई है, जो आम कर्मचारियों के मामले में अनिवार्य होता है.

वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संरक्षण दिया जा रहा

सूत्रों के अनुसार, यांत्रिक (मैकेनिकल) कैडर के ही वरिष्ठ अधिकारी जो पमरे के चीफ विजिलेंस आफीसर हैं,एक ही कैडर के होने के कारण श्री पांडे को संरक्षण मिलने की चर्चाएं जोरों पर हैं. चर्चा कर्मचारियों के बीच इस बात की भी है कि यदि इस तरह का कोई मामला कर्मचारियों का होता तो अब तक उस पर कठोर विभागीय दंडात्मक कार्रवाई हो जाती, किंतु यह मामला बड़े अधिकारियों खासकर ग्रुप ए से जुड़ा है तो मामले की लीपापोती जारी है. रेलवे कर्मचारियों द्वारा मांग की जा रही है कि उच्च अधिकारियों को भी समान दंडात्मक कार्रवाई के दायरे में लाया जाए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-