बुमराह के शरीर की कहानी अब क्रिकेट से बड़ी होती जा रही है!

बुमराह के शरीर की कहानी अब क्रिकेट से बड़ी होती जा रही है!

प्रेषित समय :23:19:00 PM / Sat, Jul 26th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ उनके प्रदर्शन को देखते हुए एक बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि बुमराह का शरीर अब टेस्ट क्रिकेट की माँग को शायद पूरा नहीं कर पा रहा, और यह संकेत हो सकता है कि वह जल्द ही इस फॉर्मेट से संन्यास की ओर बढ़ें.

बुमराह भारत के लिए पिछले कुछ वर्षों में तेज़ गेंदबाज़ी का सबसे भरोसेमंद नाम रहे हैं. उनकी लाइन-लेंथ, यॉर्कर, और डेथ ओवर में कंट्रोल ने उन्हें विश्व स्तरीय गेंदबाज़ों की कतार में खड़ा किया है. लेकिन हाल के महीनों में बुमराह की फिटनेस को लेकर चिंता लगातार बढ़ती जा रही है. पीठ और घुटनों की पुरानी चोटों से उबरने के बाद उन्होंने फिर वापसी की, लेकिन यह वापसी पहले जैसी आक्रामक और धारदार नहीं दिख रही.

कैफ का बयान सिर्फ एक पूर्व खिलाड़ी की राय नहीं, बल्कि उस भावनात्मक और रणनीतिक संकट का संकेत है जिससे भारतीय क्रिकेट जूझ सकता है. उन्होंने कहा कि बुमराह की गति में स्पष्ट गिरावट देखी गई, और यह इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में और ज़्यादा उजागर हुई जहां स्विंग और सीम का फायदा उठाने के लिए पूरी ऊर्जा और लय की जरूरत होती है. कैफ ने यहां तक कहा कि बुमराह के चेहरे पर थकान, शरीर में भारीपन और रन-अप की धीमी रफ्तार यह बताती है कि उनका शरीर टेस्ट क्रिकेट की मांगों से लड़ते हुए थक चुका है.

बुमराह का करियर हमेशा ही अनूठा रहा है. घरेलू क्रिकेट से सीधे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग तरह की बॉलिंग ऐक्शन और विकेट लेने की आदत ने उन्हें सुपरस्टार बना दिया. परंतु उसी अनूठे ऐक्शन की वजह से उनके शरीर पर पड़ने वाला दबाव भी लगातार चर्चा में रहा. टेस्ट क्रिकेट, जो लंबी अवधि की थकान और बार-बार ओवर फेंकने की परीक्षा लेता है, बुमराह के शरीर के लिए शायद अब बहुत ज़्यादा बोझ बनता जा रहा है.

भारत के पास मोहम्मद सिराज, अर्शदीप सिंह और उमेश यादव जैसे अन्य विकल्प ज़रूर हैं, लेकिन बुमराह की जगह भर पाना आसान नहीं है. टेस्ट मैचों में जब सबकुछ पिच पर नहीं हो रहा होता, तब बुमराह जैसे गेंदबाज़ ही ब्रेकथ्रू दिलाते हैं. उनका अनुभव और विविधता भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण को संतुलन देती है.

अगर वाकई बुमराह टेस्ट से हटने का विचार कर रहे हैं तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए रणनीतिक रूप से एक बड़ा झटका होगा. वनडे और टी20 जैसे छोटे फॉर्मेट में उनका उपयोग सीमित किया जा सकता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट की मांगें बिल्कुल अलग हैं.

इस चर्चा ने एक बड़ा सवाल उठाया है—क्या आधुनिक तेज़ गेंदबाज़ लंबे समय तक तीनों फॉर्मेट में टिक पाएंगे? क्या अब हमें स्पेशलाइजेशन की ओर बढ़ना होगा? और अगर ऐसा होता है तो बुमराह को केवल सीमित ओवरों के लिए बचाकर रखना एक व्यावहारिक रास्ता हो सकता है.

बहरहाल, मोहम्मद कैफ की चिंता केवल व्यक्तिगत नहीं है—यह पूरे भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर एक गहरी सोच का हिस्सा बन सकती है. बुमराह अब एक नाम भर नहीं, एक सिस्टम बन चुके हैं. और अगर वह टेस्ट से हटते हैं, तो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक युग धीरे-धीरे पर्दे के पीछे चला जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-