शिवपुराण के अनुसार शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुएं और उनके फल

शिवपुराण के अनुसार शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुएं और उनके फल

प्रेषित समय :20:57:58 PM / Sun, Jul 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं का विशेष महत्व है. प्रत्येक वस्तु अपने साथ एक विशिष्ट फल लाती है. यदि श्रद्धा से उन्हें समर्पित किया जाए, तो भक्त को भौतिक और आध्यात्मिक लाभ दोनों प्राप्त हो सकते हैं. आइए जानते हैं — अनाज, रस (द्रव्य) और पुष्प अर्पण करने से क्या-क्या फल प्राप्त होते हैं:

भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले अनाज और उनके फल:
चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है.

तिल अर्पित करने से पापों का नाश होता है.

जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है.

गेहूं अर्पित करने से संतान की प्राप्ति होती है.

 इन अन्नों को पूजन के उपरांत गरीबों में दान कर देना चाहिए.

भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले द्रव (रस) और उनका फल:
जलधारा (गंगाजल या शुद्ध जल):

ज्वर (बुखार) में लाभ

सुख और संतान वृद्धि

शुद्ध घी:

नपुंसकता की शांति हेतु उपयोगी

ब्राह्मण भोज और सोमवार व्रत के साथ प्रभावी

शक्कर मिश्रित दूध:

बुद्धि विकास (तेज दिमाग) के लिए

सुगंधित तेल:

समृद्धि में वृद्धि

गन्ने का रस:

सभी प्रकार के आनंद की प्राप्ति

गंगाजल:

भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति

मधु (शहद):

राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में राहत

भगवान शिव को अर्पित किए जाने वाले पुष्प और उनके प्रभाव:
लाल व सफेद आंकड़ा:

भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति

चमेली के फूल:

वाहन सुख की प्राप्ति

अलसी के फूल:

भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है

शमी पत्र:

मोक्ष की प्राप्ति

बेला के फूल:

सुंदर और सुशील पत्नी की प्राप्ति

जूही के फूल:

घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती

कनेर के फूल:

नए वस्त्रों की प्राप्ति

हरसिंगार (पारिजात):

सुख-संपत्ति में वृद्धि

धतूरा के फूल:

सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति

लाल डंठल वाला धतूरा:

पूजन हेतु विशेष रूप से शुभ माना गया है

दूर्वा (दूब घास):

आयु में वृद्धि

भगवान शिव की पूजा केवल श्रद्धा से नहीं, अपितु सही विधि और प्रतीकों के साथ की जाए तो उसके दिव्य फल तुरंत और स्थायी रूप से अनुभव किए जा सकते हैं. शिवपुराण में वर्णित ये विधान हमें न केवल पूजन की शुद्धता सिखाते हैं, बल्कि एक सजीव अनुभव के माध्यम से जीवन को आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध भी करते हैं.

  हर वस्तु शिव को अर्पित करने से पहले, मन में पवित्रता और भावपूर्ण समर्पण होना चाहिए — तभी मिलती है शिव की सच्ची कृपा.  

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-