नई दिल्ली. “मूल्य ही अब नई मात्रा है” – इसी सशक्त थीम के साथ थाईलैंड ने अपनी 2026 की नई पर्यटन रणनीति का अनावरण कर दिया है. यह नीति मात्र पर्यटकों की भीड़ जुटाने की जगह गुणवत्ता, भरोसे और सांस्कृतिक पहचान पर आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक निर्णायक बदलाव का संकेत है. वर्ष 2025 में अब तक थाईलैंड ने 1.4 ट्रिलियन बात (लगभग 4.5 अरब डॉलर) का पर्यटन राजस्व अर्जित किया है, और अब लक्ष्य है—दीर्घकालिक समृद्धि, टिकाऊ विकास और अर्थपूर्ण अनुभव.
वर्षों तक थाईलैंड को सस्ते पर्यटन, अधिकतम आगंतुकों और भारी संख्या पर केंद्रित रणनीति के लिए जाना जाता रहा.
इस नई सोच में उन सस्ते पर्यटन मॉडलों के लिए स्थान सीमित हो जाएगा जिनका मुख्य आधार केवल संख्या और मूल्य-आधारित पैकेज थे. अब थाईलैंड कल्याण, लग्ज़री, अनुभवपरक और रचनात्मक पर्यटन को प्राथमिकता देगा.
थाईलैंड की पुरानी छवि को पीछे छोड़ते हुए यह रणनीति देश को एक ऐसे गंतव्य के रूप में स्थापित करने की ओर बढ़ रही है जहाँ यात्रा सिर्फ दृश्य नहीं, भावना और आत्मिक जुड़ाव का माध्यम बन जाए.
इस रणनीति की घोषणा बैंकॉक के क्वीन सिरिकिट नेशनल कन्वेंशन सेंटर में पर्यटन एवं खेल मंत्रालय के अधीन थाईलैंड पर्यटन प्राधिकरण (TAT) द्वारा की गई.
पर्यटन मंत्री थियनथोंग ने कहा, “अब पर्यटन सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं रहा. यह विश्वास, मूल्य और समावेशन की बात है. थाईलैंड लौट नहीं रहा—आगे बढ़ रहा है, नवाचार और सुरक्षा के साथ.”
थाईलैंड की नई दिशा
TAT की गवर्नर थपनी कीअतफाईबून ने इस रणनीति को एक परिवर्तनकारी सोच बताया, जिसमें पर्यटन सफलता को केवल आगमन संख्या से नहीं, बल्कि दीर्घकालिक प्रभाव और संतुलन से आंका जाएगा. इस दृष्टिकोण के चार आधार हैं:
मूल्य को प्राथमिकता – यात्रियों की रुचियों के अनुसार सटीक और भावनात्मक विपणन.
संतुलित पर्यटन – पूरे वर्ष देश के सभी क्षेत्रों में पर्यटकों का प्रवाह बढ़ाना.
थीम आधारित अनुभव – सांस्कृतिक, रचनात्मक और रुचिकेंद्रित गतिविधियों को बढ़ावा.
सतत विकास – ज़िम्मेदार पर्यटन को व्यवहारिक मानदंड बनाना.
सरकार ने इस योजना के लिए 4.5 अरब बात का निवेश किया है, जिससे 22 रणनीतिक पहलों को लागू किया जाएगा.
वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर ध्यान
TAT की नई रणनीति में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और अमेरिका जैसे देशों को लक्ष्य बनाया गया है. साथ ही मध्य पूर्व के लिए स्वास्थ्य और लग्ज़री पैकेज, तथा वियतनाम, ताइवान, इंडोनेशिया जैसे उभरते बाजारों के लिए अलग-अलग रणनीति बनाई गई है.
पर्यटन का प्रचार अब केवल दृश्यात्मक नहीं, भावनात्मक और उद्देश्यपरक होगा. नया वैश्विक नारा है: "Unforgettable Experience" और "Healing is the New Luxury" — यानी थाईलैंड सिर्फ एक खूबसूरत जगह नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक शांति का केंद्र बनेगा.
घरेलू पर्यटन को भी प्राथमिकता
केवल अंतरराष्ट्रीय नहीं, घरेलू पर्यटन भी रणनीति का अभिन्न हिस्सा है. “द ग्रैंड मोमेंट” जैसे अभियानों के ज़रिए थाई नागरिकों को भी परिवार, प्रकृति और संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा दी जाएगी.
देश के पांच प्रमुख क्षेत्रों को विशिष्ट अनुभवों से जोड़ा जाएगा:
मध्य – संगीत महोत्सव, लग्ज़री पर्यटन
उत्तर – मौसमी कहानियाँ, सांस्कृतिक गतिविधियाँ
पूर्व – भोजन व साहसिक यात्रा
दक्षिण – प्रकृति आधारित स्वास्थ्य पर्यटन
उत्तर-पूर्व – पारंपरिक विरासत, स्थानीय गौरव
साथ ही, सुखोथाई, फेत्चाबुरी और सुफानबुरी जैसे क्षेत्रों में सांस्कृतिक पर्यटन मार्ग विकसित किए जाएंगे.
पर्यटन में नवाचार और गुणवत्ता
थाईलैंड अब जमीन, समुद्र, रेल और वायु मार्गों के ज़रिए कनेक्टिविटी को मजबूत कर रहा है. मेकोंग क्रूज़, थीम ट्रेनें और निजी विमान सेवाएँ इसका हिस्सा होंगी. "Trusted Thailand Safe Travel Stamp" अगस्त से शुरू होगा, जो वैश्विक पर्यटकों में सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक बनेगा.
सांस्कृतिक महोत्सव होंगे आकर्षण का केंद्र
आगामी वर्षों में थाईलैंड कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उत्सवों को पर्यटन से जोड़ेगा, जिनमें शामिल हैं:
Tomorrowland Thailand 2026
Maha Songkran World Water Festival
Amazing Thailand Countdown
Honda LPGA Thailand
World Wai Kru Muay Thai Ceremony
Nakhon Phanom Fire Boat Festival
Ubon Ratchathani Candle Procession
Christmas Star Parade in Sakon Nakhon
यह सभी कार्यक्रम थाईलैंड की सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर को विश्व मंच पर प्रस्तुत करेंगे.
उद्देश्य आधारित पर्यटन की ओर
TAT की गवर्नर थपनी का कहना है, “2026 में सफलता का पैमाना आगंतुकों की संख्या नहीं, बल्कि अनुभवों की गुणवत्ता होगी. यह हमारा ‘लोकप्रियता से उद्देश्य की ओर’ बढ़ने का समय है.”
थाईलैंड अब केवल एक गंतव्य नहीं, बल्कि एक सार्थक और स्थायी यात्रा अनुभव बनना चाहता है — जहाँ हर यात्री न केवल घूमे, बल्कि कुछ महसूस करे, जुड़ाव पाए और लौटे तो साथ ले जाए एक गहरी स्मृति.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

