AI की दस्तक के साथ नौकरियों पर संकट TCS से 12000 कर्मचारियों की विदाई ने बदला IT सेक्टर का मिज़ाज

AI की दस्तक के साथ नौकरियों पर संकट TCS से 12000 कर्मचारियों की विदाई ने बदला IT सेक्टर का मिज़ाज

प्रेषित समय :21:20:55 PM / Mon, Jul 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

 मुंबई. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने करीब 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की प्रक्रिया शुरू की है, जो भारत की आईटी इंडस्ट्री में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और ऑटोमेशन को अपनाने की तेज़ रफ्तार का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है. TCS ने वित्त वर्ष 2026 में अपनी वैश्विक कार्यबल का लगभग 2%, यानी लगभग 12,200 कर्मचारियों को कटौती करने का निर्णय लिया है . यह कंपनी के अब तक के सबसे बड़े छंटनी अभियान के रूप में माना जा रहा है और भारतीय IT उद्योग में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है \.

कर्मचारी कटौती की मुख्य प्रभावित श्रेणियाँ मिड- और सीनियर‑लेवल मैनेजमेंट होंगी TCS CEO K. Krithivasan ने Moneycontrol को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि यह कदम AI की वजह से नहीं, बल्कि “स्किल मismatch” और redeployment की असमर्थता के कारण उठाया गया है . उन्होंने दोहराया कि यह कोई AI‑ड्रिवन स्वचालन निर्णय नहीं है, बल्कि भविष्य की व्यवसायिक जरूरतों से मेल नहीं खाने वाले रोल्स के कारण यह चयन किया गया है .

TCS ने बताया कि उसके पास जून 2025 तक लगभग 613,000 कर्मचारियों की वैश्विक संख्या थी, और इस कटौती से करीब़ 12,200 लोगों को प्रभावित किया जाएगा  . कंपनी ने यह भी कहा कि यह संक्रमण “सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से” किया जा रहा है ताकि ग्राहकों की सेवा में कोई बाधा न आए . प्रभावित कर्मचारियों को नोटिस अवधि के वेतन, सेवरेंस पैकेज, आउटप्लेसमेंट सहायता, और काउंसलिंग जैसी सुविधाएँ दी जाएँगी .

पूर्व Tech Mahindra CEO CP Gurnani ने इस कदम को भारतीय IT की ‘Sholay युग’ की समाप्ति बताते हुए कहा कि अब कंपनियाँ कर्मचारियों की संख्या के बजाय परिणाम‑उन्मुख मापदंडों और AI‑आधारित मॉडल पर जोर दे रही हैं . उन्होंने यह स्वीकार किया कि यह परिवर्तन सिर्फ TCS तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे उद्योग के दृष्टिकोण को बदल रहा है.

विश्लेषकों का मानना है कि AI‑ड्रिवन सेवाओं और स्वचालन के बढ़ते प्रभाव के कारण पारंपरिक मानव‑आधारित मॉडल अब धीरे-धीरे अप्रासंगिक हो रहे हैं . HFS Research के CEO Phil Fersht ने कहा कि टीसीएस जैसे सेवा प्रदाताओं को अपनी लाभ मार्जिन और प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने के लिए कर्मियों की संरचना को पुनर्संतुलित करना पड़ा .

यह निर्णय उस समय आया है जब वैश्विक तकनीकी मांग सुस्त पड़ रही है और क्लाइंट्स तकनीकी खर्च में कटौती कर रहे हैं. साथ ही TCS की revised bench नीति ने उन कर्मचारियों के लिए दबाव बढ़ा दिया जो लगातार project पर तैनात नहीं किये जा रहे हैं.

सामाजिक मीडिया प्रतिक्रिया मिश्रित रही. कुछ पेशेवरों ने चिंता जताई कि TCS जैसी संस्था से भी बचाव की उम्मीद अब कम होती जा रही है. एक यूज़र ने लिखा, “अगर TCS जसी कंपनी छंटनी कर सकती है, तो अब इंडस्ट्री में कहीं कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है.” 

यह छंटनी न सिर्फ TCS की संरचना को प्रभावित करेगी, बल्कि व्यापक रूप से भारतीय IT इंडस्ट्री की प्राथमिकताओं और कार्यशैली को बदलने का संकेत है. अब कौशल, नवाचार और AI‑ड्रिवन सेवा मॉडल ही अगले युग का आधार होंगी. 12,000+ नौकरियों की यह कटौती भारतीय IT सेक्टर की एक नई दिशा को दिखाती है—जहां श्रम‑गहन कार्य नहीं, बल्कि प्रभाव‑दायक क्षमता और तकनीकी कुशलता प्रमुख होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-