भगवान सूर्यदेव को साक्षात् प्रत्यक्ष देवता माना गया है, जिनका प्रभाव न केवल हमारी शारीरिक चेतना पर होता है, बल्कि मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जीवन पर भी गहन असर डालता है. रविवार का दिन सूर्य पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ और प्रभावकारी होता है. इस दिन यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक सूर्य देव के विलक्षण मंत्रों का जाप किया जाए, तो अनेक बाधाओं से मुक्ति और तेजस्विता प्राप्त होती है.
आदित्य हृदय स्तोत्र एक अनुभूत और सिद्ध स्तोत्र है, जिसे स्पष्ट उच्चारण के साथ पढ़ा जाए तो यह नकारात्मकता से रक्षा करता है और आत्मबल प्रदान करता है. जो लोग यह स्तोत्र नहीं पढ़ पाते, वे नीचे दिए गए 5 प्रभावशाली मंत्रों में से किसी एक को चुनकर 108 बार जाप करें:
सूर्यदेव के 5 विलक्षण मंत्र
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्यः
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
पूजन के बाद मन ही मन अपनी कामना कहें. यह मंत्रजप न केवल शांति देता है, बल्कि कई बार असंभव कार्यों को भी संभव बना देता है. यही इन विलक्षण मंत्रों की प्रभावशीलता है.
12 सूर्य नमस्कार मंत्र – एक विलक्षण योगिक अनुशासन
सूर्य नमस्कार को “संपूर्ण योग अभ्यास” कहा गया है, और जब इसके साथ मंत्रों का समन्वय किया जाए, तो यह विलक्षण परिणाम देता है. नीचे दिए गए 12 मंत्रों का प्रयोग करते हुए सूर्य नमस्कार करना अत्यंत लाभदायक होता है:
ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः
ॐ पूष्णे नमः
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
ॐ मरीचये नमः
ॐ आदित्याय नमः
ॐ सावित्रे नमः
ॐ अर्काय नमः
ॐ भास्कराय नमः
अंत में, “ॐ सूर्याय नमः” के साथ सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें.
यह संपूर्ण प्रक्रिया न केवल एक भक्ति-साधना है, बल्कि एक विलक्षण आत्मिक अभ्यास भी है, जो तन, मन और आत्मा—तीनों को प्रकाशित करता है.
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