SSC परीक्षा में अव्यवस्थाओं पर छात्रों का फूटा ग़ुस्सा, जंतर-मंतर से CGO तक छाया विरोध

SSC परीक्षा में अव्यवस्थाओं पर छात्रों का फूटा ग़ुस्सा

प्रेषित समय :21:37:41 PM / Thu, Jul 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. देश की एक प्रमुख केंद्रीय भर्ती एजेंसी, Staff Selection Commission (SSC) को लेकर इस समय पूरे देशभर के युवा उम्मीदवारों में तीव्र आक्रोश देखा जा रहा है. ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #SSCMisManagement ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लाखों छात्रों और शिक्षकों ने आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं.SSC पर वर्तमान संकट सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि भारत के करोड़ों युवाओं की आशाओं और प्रशासनिक प्रणाली में विश्वास का संकट है. जहां एक ओर बेरोज़गारी बड़ी चुनौती बनी हुई है, वहीं यदि परीक्षाएं ही पारदर्शिता और समयबद्धता से नहीं हो पा रहीं, तो युवाओं के भविष्य पर संकट मंडराना स्वाभाविक है.

सरकार और SSC को शीघ्र और ईमानदार प्रतिक्रिया देनी होगी, वरना यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है, और शिक्षा क्षेत्र में अविश्वास की खाई और गहरी हो सकती है.

परीक्षा रद्द होने, केंद्रों की दुर्व्यवस्था, समय पर प्रवेश न मिलने और कथित पुलिसिया दुर्व्यवहार के कारण विद्यार्थियों का विरोध जंतर-मंतर से लेकर CGO कॉम्प्लेक्स, जहां SSC का मुख्यालय स्थित है, तक पहुंच गया. कुछ स्थानों पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़प की भी खबरें सामने आईं हैं. यह विरोध अब केवल परीक्षा तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि युवाओं के प्रशासनिक संस्थानों में घटते भरोसे का प्रतीक बन गया है.

अंतिम समय पर परीक्षा रद्द, छात्रों में आक्रोश
27 जुलाई को आयोजित होने वाली SSC MTS (Multi Tasking Staff) परीक्षा को कुछ राज्यों में बिना स्पष्ट कारणों के रद्द कर दिया गया. जिन केंद्रों पर परीक्षा हुई, वहां पर भी कई उम्मीदवारों को समय से पहले गेट बंद होने के कारण प्रवेश नहीं दिया गया.

छात्रों के अनुसार, कई केंद्रों पर तकनीकी समस्याओं के नाम पर परीक्षा शुरू ही नहीं हो पाई, वहीं कुछ जगहों पर स्टाफ की अनुपलब्धता और इंटरनेट कनेक्टिविटी बाधाओं ने परीक्षार्थियों को निराश किया.

प्रयागराज की एक छात्रा अंशिका सिंह बताती हैं, “हम 500 किलोमीटर दूर से आए थे, लेकिन गेट समय से पहले बंद कर दिया गया और हमें किसी ने भी कोई समाधान नहीं दिया. हमारी मेहनत, पैसा और समय सब व्यर्थ चला गया.”

सोशल मीडिया पर आंदोलन की चिंगारी
जैसे ही यह खबर वायरल हुई, देशभर से छात्रों ने SSC की लापरवाही के खिलाफ आवाज़ उठाना शुरू किया. #SSCMisManagement ट्रेंड करने लगा और देखते ही देखते यह देश का टॉप ट्विटर ट्रेंड बन गया.

विभिन्न शिक्षक और कोचिंग संस्थानों ने भी छात्रों के पक्ष में मोर्चा खोला. प्रमुख शिक्षण संस्थानों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स ने लाइव सेशनों और बयानों के जरिए SSC के खिलाफ एकजुटता दिखाई. कई यूट्यूब शिक्षकों ने SSC की “गंभीर प्रणालीगत विफलताओं” की ओर ध्यान दिलाया.

जंतर-मंतर और CGO परिसर में प्रदर्शन
दिल्ली के जंतर-मंतर पर 30 जुलाई को छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू किया, जिसे बाद में पुलिस ने हटाने की कोशिश की. छात्र वहीं से CGO कॉम्प्लेक्स की ओर बढ़े और SSC के दफ्तर के सामने धरना देने का प्रयास किया.

मगर वहां उन्हें पुलिस बैरिकेडिंग और धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा. कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया गया, जिसके बाद विरोध और तेज़ हो गया. छात्रों का कहना है कि वे तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगे, जब तक SSC स्पष्ट माफीनामा और शेड्यूल की स्थिरता सुनिश्चित नहीं करता.

छात्रों की मांगें
छात्रों ने आयोग से निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी हैं:

परीक्षा के स्थगन/रद्दीकरण के स्पष्ट और सार्वजनिक कारणों की घोषणा.

परीक्षा संचालन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बाहरी निगरानी समिति का गठन.

रद्द हुई परीक्षाओं की तिथि जल्द घोषित कर मुफ्त पुनः परीक्षा की सुविधा.

तकनीकी गड़बड़ियों के लिए निजी एजेंसियों की जवाबदेही तय करना.

परीक्षा केंद्रों की स्थिति में सुधार और जिला/राज्य अनुसार अधिक केंद्रों की उपलब्धता.

सरकार और आयोग की प्रतिक्रिया
अब तक SSC या सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की गई है, केवल SSC की वेबसाइट पर एक संक्षिप्त सूचना जारी हुई है कि “तकनीकी कारणों से कुछ केंद्रों पर परीक्षा स्थगित की गई है और जल्द नई तिथि घोषित की जाएगी.”

यह अस्पष्टता ही छात्रों के आक्रोश को और हवा दे रही है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से भी अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे छात्रों में भ्रम और रोष बढ़ रहा है.

शिक्षा नीति विशेषज्ञ डॉ. रघुवीर सिंह के अनुसार, “SSC जैसी संस्थाएं यदि समय पर पारदर्शी निर्णय नहीं लेंगी, तो यह सिर्फ नौजवानों का मनोबल नहीं गिराएगा, बल्कि प्रशासनिक सेवा की साख भी प्रभावित करेगा. आज का युवा केवल नौकरी नहीं चाहता, वह सम्मानजनक प्रक्रिया चाहता है.”
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-