शुभमन गिल ने रचा नया इतिहास लेकिन एक रनआउट से बदल गई टेस्ट की तस्वीर

शुभमन गिल ने रचा नया इतिहास लेकिन एक रनआउट से बदल गई टेस्ट की तस्वीर

प्रेषित समय :22:03:50 PM / Thu, Jul 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही ऐतिहासिक टेस्ट श्रृंखला के अंतिम चरण में युवा कप्तान शुभमन गिल ने वो कारनामा कर दिखाया है, जो अब तक भारतीय क्रिकेट के महानायक सुनील गावस्कर के नाम था. 1978 में वेस्टइंडीज के खिलाफ गावस्कर ने श्रृंखला में 732 रन बनाए थे, लेकिन 47 साल बाद गिल ने उसे पीछे छोड़ 737 रन के आंकड़े को छू लिया — और वो भी इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में. यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक ऐसे युवा नेतृत्व की कहानी है, जो भारत की अगली क्रिकेट पीढ़ी की उम्मीदों को आकार दे रही है.शुभमन गिल ने इस श्रृंखला में न केवल एक रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि एक नई क्रिकेटिंग चेतना को जन्म दिया. उनके खेल में जो परिपक्वता और संतुलन दिखा, वह उन्हें भारत का अगला लीजेंड बना सकता है. और यद्यपि एक रनआउट की कीमत भारी पड़ी, परंतु वह क्षण गिल की यात्रा में एक छोटा सा विराम मात्र था, न कि पूरी कहानी का अंत.

गिल की पारी अब सिर्फ एक खेल नहीं, एक प्रेरणा बन चुकी है — आने वाले समय में इसके पन्ने और भी स्वर्णिम हो सकते हैं.

ऐतिहासिक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
23 वर्षीय शुभमन गिल को इस टेस्ट श्रृंखला के दौरान रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में कप्तानी की ज़िम्मेदारी मिली थी. एक तरफ यह उनके करियर के लिए एक बड़ा मौका था, वहीं दूसरी ओर यह दबाव भरा भी था, क्योंकि भारत को इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला जीतने की उम्मीद थी. ऐसे में गिल ने कप्तानी के साथ-साथ बल्लेबाज़ी में भी उत्कृष्टता दिखाई. उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में दो शतक और तीन अर्धशतक जड़े — जिनमें उनका 186 रन का पारी निर्णायक साबित हुई.

उनकी तकनीक, संयम और काउंटर अटैक की शैली ने उन्हें इस सीरीज़ का हीरो बना दिया. खासकर लेग-साइड की खेल में उनकी कलाई का कमाल और ऑफ-साइड की सधी हुई ड्राइव्स ने विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों को प्रभावित किया.

रिकॉर्ड तोड़ने की खुशी पर रनआउट की खलल
हालांकि जिस क्षण उन्होंने 737 रन पूरे किए, उसी पारी में एक दुर्भाग्यपूर्ण रनआउट हुआ, जो मैच के संतुलन को पूरी तरह इंग्लैंड की ओर मोड़ गया. गिल और साथी बल्लेबाज़ के बीच तालमेल की कमी से यह रनआउट हुआ, जिससे भारतीय पारी ढहने लगी और मजबूत स्थिति में दिख रही टीम अचानक संघर्ष करने लगी.

इस रनआउट ने सोशल मीडिया पर बहस को जन्म दिया. कुछ लोगों ने इसे युवा कप्तान की "lack of match awareness" कहा, जबकि अन्य ने इसे "momentary lapse" करार दिया. हालांकि ज्यादातर प्रशंसकों ने गिल के समर्पण और असाधारण योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि एक रनआउट इस यादगार श्रृंखला को धुंधला नहीं कर सकता.

सोशल मीडिया पर गूंज
गिल का नाम ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब शॉर्ट्स पर ट्रेंड करता रहा. "Gill737", "#GillCaptaincy", और "NextWallOfIndia" जैसे हैशटैग लाखों पोस्ट के साथ वायरल हुए. पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया, "जिस ठहराव और आत्मविश्वास के साथ शुभमन खेल रहे हैं, वह भारतीय क्रिकेट को एक नई दिशा देगा." वहीं हरभजन सिंह ने कहा, "गावस्कर को पीछे छोड़ना आसान नहीं, गिल ने ये कर दिखाया."

कुछ मीम्स भी चर्चा में रहे — खासकर उनके रनआउट पर, जहाँ एक क्लासिकल फोटो में लिखा था, "गिल ने इतिहास रचा, लेकिन गलत सिग्नल से बेचारा खुद आउट हो गया." यह बताता है कि आज का दर्शक जानकारी और व्यंग्य दोनों में कितना सक्रिय है.

रणनीतिक नेतृत्व की झलक
गिल की कप्तानी की भी सराहना हुई. गेंदबाज़ी में बदलाव, फील्डिंग सेटअप और युवा खिलाड़ियों को जिम्मेदारी सौंपने के उनके निर्णयों ने उन्हें एक सोचने वाला कप्तान साबित किया. हालांकि इस श्रृंखला के दौरान कुछ निर्णय विवादित भी रहे, लेकिन समग्र रूप में उन्होंने खुद को नेतृत्व के लिए तैयार खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया है.

आगे की राह
गिल की इस श्रृंखला में सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संकेत है — भारतीय क्रिकेट अब विराट कोहली, रोहित शर्मा के बाद एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है, जहां तकनीक, मनोबल और नेतृत्व का नया मेल दिखेगा.

बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार, उन्हें अब दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए स्थायी उप कप्तान घोषित किया जा सकता है, और 2026 WTC चक्र में भारत की कप्तानी भी सौंपी जा सकती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शुभमन इस निरंतरता को बरकरार रखते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-