पलपल संवाददाता, इंदौर. एमपी के इंदौर में लव जिहाद के लिए फंडिंग के आरोपी कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी को पुलिस ने जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया है. उस पर हिंदू लड़कियों को फंसाने के लिए एक लाख व निकाह करने के लिए दो लाख रुपए मुस्लिम युवकों को देने के आरोप हैं.
पुलिस ने इससे पहले सोमवार को अनवर की बेटी आयशा को दिल्ली से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दिल्ली में दबिश दी थी. तब अनवर फरार हो गया था. उसे श्रीनगर पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है. हालांकि इंदौर पुलिस ने अनवर की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है. अनवर कादरी की गिरफ्तारी पर एडिशनल डीसीपी रामसनेही मिश्रा ने बताया हमारी टीमें लगी हुई हैं. अगर गिरफ्तार किया जाता है तो सूचित कराया जाएगा. अनवर कादरी की बेटी आयशा के पास से हमें काफी जानकारी मिली है. जल्द ही कुछ व गिरफ्तारियां होगी.
बेटी पार्षद पिता की अग्रिम जमानत की कर रही थी तैयारी
बेटी आयशा दिल्ली में अपने पिता अनवर कादरी की सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत को लेकर तैयारी कर रही थी. उसने वहां जमानत के दस्तावेज भी तैयार कराए थे, जिन पर अनवर के हस्ताक्षर हो गए थे. पुलिस को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से जानकारी मिली. इसके बाद पुलिस को शंका हुई थी कि अनवर बेटी के पास दिल्ली में है और टीम वहां पहुंच गई. सोमवार को आयशा की गिरफ्तारी से पहले कई महिलाएं क्राइम ब्रांच के ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने पहुंची थीं. उनका आरोप था कि बेटियों को जबरन फंसाया जा रहा है. अनवर की गिरफ्तारी नहीं होने के चलते पुलिस अब परिवार को निशाना बना रही है.
वकील है और जज की पढ़ाई कर रही है आयशा-
अनवर कादरी के परिवार के लोगों का कहना है कि आयशा की गिरफ्तारी कानूनी रूप से पूरी तरह गलत है. वह वकील होने के नाते जमानत की अर्जी की तैयारी कर रही थी, ऐसे में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आयशा खुद पेशे से वकील है और दिल्ली में रहकर सिविल जज की पढ़ाई की तैयारी कर रही है. उसकी छोटी बहन भी दिल्ली से वकालत की तैयारी कर रही है. पुलिस को मोबाइल में अनवर के साथ उसकी कोई बातचीत नहीं मिली, तो उसे वहीं छोड़ दिया गया. छोटी बहन ने ही इंदौर में परिवार को आयशा के पकड़े जाने की जानकारी दी थी. बाणगंगा पुलिस को फिलहाल आयशा का 3 अगस्त तक का रिमांड मिला हुआ है.
दो युवकों ने पुलिस को बताया था अनवर फंडिंग करता है-
इंदौर पुलिस ने साहिल शेख व अल्ताफ के खिलाफ दो युवतियों के साथ रेप और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान सामने आए वीडियो में दोनों आरोपियों ने कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी का नाम लियाए जिस पर उन्हें लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने और निकाह के लिए पैसों का लालच देने का आरोप है. पुलिस को मिले वीडियो साक्ष्यों और आरोपियों के बयान के आधार पर पार्षद अनवर कादरी का नाम एफआईआर में जोड़ा गया था.
हिन्दू नामों से फर्जी आईडी बनाकर युवतियों से संपर्क क रता रहा-
पुलिस अधिकारियों के अनुसार के मुताबिकए आरोपी ने सोशल मीडिया पर फर्जी हिंदू नामों से आईडी बनाकर युवतियों से संपर्क किया था. मोबाइल जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वे अर्जुन व राज जैसे नामों का इस्तेमाल कर लड़कियों से दोस्ती करते और फिर उन्हें बहलाकर मुलाकात के लिए बुलाते थे. इसके बाद शादी और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जाता था.
अनवर ने युवकों को लड़की फंसाने रुपए देने की बात कही थी-
साहिल शेख और अल्ताफ ने पुलिस को बताया था कि अनवर ने युवकों को एक लड़की को फंसाने के लिए एक लाख रुपए और निकाह कराने पर दो लाख रुपए देने की बात कही थी. जांच में पता चला था कि यह एक संगठित गिरोह की साजिश हो सकती है. पुलिस इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है और आगे जल्द ही बड़े खुलासे संभव हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में गलत तरीके से बना आम्र्स लाइसेंस-
पुलिस अधिकारियों की माने तो जम्मू-कश्मीर के पुंछ से गलत तरीके से एक आम्र्स लाइसेंस अनवर के नाम से जारी किया था. इस लाइसेंस को सस्पेंड किया है. कुछ फर्म व एसोसिएट्स भी सामने आए हैं. 3 बैंक अकाउंट व एक फिशरिस फर्म की जानकारी भी मिली है. जांच में खुलासा हुआ है कि एक संगठित अपराध किया जा रहा है. इललीगल तरीके से फंडिंग की जानकारी मिली है. पुलिस व्यावसायिक साझेदारी में शामिल लोगों तक पहुंची है. संकेत मिले हैं कि इस मामले में कई लोग शामिल हैं.
जानलेवा हमले पर 14 साल पहले काटी एक साल की सजा-
2011 में कांग्रेस पार्षद अनवर कादरी व उसके भाई और एक अन्य आरोपी को जानलेवा हमले के मामले में अदालत ने एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी. यह हमला 6 मई 2009 को इंदौर के आजादनगर चौराहे के पास अनवर हुसैन पर किया गया था. अनवर हुसैन आरोपियों पर चल रहे एक अन्य मामले में गवाह था. पुलिस ने कादरी सहित कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से पिस्तौलए कट्टाए तलवार और चाकू बरामद किए गए थे.
उज्जैन में डकैती का केसए इसी से मिला डकैत नाम-
अनवर कादरी पर 1996 में उज्जैन के महाकाल थाने में डकैती का केस दर्ज किया गया था. इसके बाद उसे अनवर डकैत के नाम से पहचाना जाने लगा. अनवर ने इंदौर में भी मारपीटए घर में घुसकर धमकाने जैसी कई घटनाओं को अंजाम दिया. अनवर कांग्रेस से तीन बार पार्षद रह चुका है. उसकी पत्नी दो बार पार्षद रही है. प्रमोद टंडन के शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए अनवर को शहर कांग्रेस का महामंत्री भी नियुक्त किया गया था. उसने एक बार निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था.

