पलपल संवाददाता, इंदौर, भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल व इंदौर में अब बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा. सीएनजी पंप पर भी गैस नहीं भरी जाएगी. भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह व इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस आशय के आदेश जारी किए. इन दोनों शहरों में नियम के साथ साथ ऐसा माना जा रहा है कि जबलपुर में भी इस तरह का नियम जल्द ही लागू होगा. क्योंकि जबलपुर में पहले भी दो पहिया वाहन चालकों को बिना हैलमेट पेट्रोल न देने का फैसला किया जा चुका है.
बताया गया है कि भोपाल, इंदौर में सड़क हादसों को देखते हुए इस आशय के आदेश जारी किए गए है. इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कलेक्टर आशीष सिंह को पत्र लिख कर सभी शासकीय कार्यालयों में भी हेलमेट अनिवार्य करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट लोगों को एंट्री न दी जाए. गौरतलब है कि भोपाल में कुल 192 पेट्रोल पंप है. जहां हर रोज पेट्रोल व डीजल की खपत 21 लाख लीटर है. इनमें से आधी से ज्यादा पेट्रोल की खपत होती है. अब बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं दिया जाएगा. यानी मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य हो गया है. वहीं डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि पंप संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जो बिना हेलमेट पेट्रोल लेगा उस पर क्या कार्रवाई की जाएगी.
सरकार के आदेश के बाद निर्णय-
कलेक्टर के आदेश में कहा है कि इस संबंध में समय-समय पर केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा भी निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मप्र मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा.129 में स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक दो पहिया वाहन सवारी और वाहन चालक अनिवार्य रूप से आईएसआई मार्क हेलमेट पहनेगा. बिना हेलमेट पहने टू व्हीलर्स चलाने से हादसे की संभावना बनी रहती है. कलेक्टर ने एकपक्षीय आदेश जारी किया है.
इमरजेंसी में मिले सकेगी छूट-
प्रतिबंध मेडिकल संबंधी मामलों व आकस्मिक स्थिति में लागू नहीं होगा. यह प्रतिबंध अन्य किसी नियम/आदेश के प्रतिबंध के अतिरिक्त होंगे. यह आदेश 1 अगस्त 25 से लागू होगा. 29 सितंबर 25 तक की अवधि में प्रभावशील रहेगा. इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था व संचालक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता-23 की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकेगी.
बिना हेलमेट आने वालों पर क्या कार्यवाही-
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन बिना हेलमेट के पेट्रोल देने पर पंप संचालक पर तो कायवाही करेगा. लेकिन जो पेट्रोल ले रहा है उस पर क्या कार्यवाही होगी. सड़क पर पुलिस बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को नहीं पकड़ पा रही है. इस पर भी सख्ती होना चाहिए.
सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती-
सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और रिटायर्ड न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने इंदौर में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली थी. इस दौरान उन्होंने कुछ जरूरी निर्देश दिए थे. सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए. अगले 6 महीनों में सुधार के लिए रणनीति तैयार की जाए ताकि सकारात्मक बदलाव और नतीजे देखने को मिलें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

