पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश में पहली बार अब कक्षा 9वीं के साथ आईटीआई होगी. इसका फायदा यह होगा कि 10 वीं पास करने के साथ ही स्टूडेंट के हाथ में नौकरी होगी. अब उसे नौकरी नहीं करनी है तो दूसरा ऑप्शन 12वीं तक डिप्लोमा करने का रहेगा. इतना ही नहीं स्टूडेंट सीधे इंजीनियरिंग के सेकेंड ईयर में एडमिशन भी ले पाएगा. इसकी शुरुआत इसी सत्र से हो गई है.
स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ स्टूडेंट आठ ट्रेड में आईटीआई कर सकेंगे. इसमें ईवी मैकेनिक ट्रेड के तहत स्टूडेंट इलेक्ट्रिक व्हीकल की ट्रेनिंग ले सकेंगे तो प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मेसन, ड्रेस डिजाइन, स्विंग टेक्नोलॉजी, वायरमैन के साथ रेफ्रिजरेशन एंड एसी ट्रेड में आईटीआई कर सकेंगे. ट्रेंड विद्यार्थियों को रूस में नौकरी का मौका भी मिल सकेगा. जहां वे अपने हुनर के बदले एक से डेढ़ लाख रुपए महीने तक की कमाई कर सकेंगे.
एक साथ करा सकेंगे दो कोर्स-
राज्य ओपन स्कूल के डायरेक्टर काश् का कहना है कि एनसीवीईटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग) ने देश के पांच बोर्ड को ड्युअल अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता दी है. इसका मतलब है कि ये बोर्ड अब एनसीवीईटी के साथ मिलकर व्यवसायिक प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान कर सकते हैं. यह पहल छात्रों को अधिक विकल्प व अवसर प्रदान करने के लिए की गई है. ड्युअल अवार्डिंग बॉडी का मतलब है कि ये बोर्ड न केवल अपने पारंपरिक प्रमाण पत्र जारी करेंगे, बल्कि एनसीवीईटी के साथ मिलकर भी प्रमाण पत्र जारी करेंगे. इससे छात्रों को दोहरी मान्यता प्राप्त होगी और उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. ओपन बोर्ड अब एक बार में दो कोर्स करा सकेगा जिसमें स्टूडेंट 9वीं व 10 वीं की पढ़ाई जारी रखते हुए आईटीआई भी कर सकेंगे. इसे दोहरा सर्टिफिकेट कोर्स नाम दिया गया है. इसके तहत न केवल 9वीं और 10 वीं की परीक्षा हो जाएगीए बल्कि वे आईटीआई भी कर सकेंगे. इसके बाद 11-12 वीं करते हुए डिप्लोमा पूरा हो जाएगा.
10 वीं के बाद ही नौकरी का ऑफर-
इसके तहत दो साल की पढ़ाई के बाद ही स्टूडेंट हाई स्कूल पास हो जाएगा तो उसके साथ ही दो साल का आईटीआई डिप्लोमा भी कर सकेगा. इसके बाद स्टूडेंट के पास विकल्प रहेगा कि वह आगे की पढ़ाई करना चाहता है या नौकरी. पारिवारिक स्थिति व अपनी रुचि के अनुसार स्टूडेंट नौकरी का विकल्प भी चुन सकेंगेए जिसमें बोर्ड मदद करेगा. यदि विद्यार्थी आगे पढ़ाई करना चाहता है तो 11 वीं और 12 वीं के साथ डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं.
स्टूडेंट के पास विदेश जाने का मौका-
इस योजना के तहत पास होने वाले ट्रेंड विद्यार्थियों को दूतावास के माध्यम से रूस में नौकरी का मौका भी मिल सकेगा, जहां वे सर्विस करके अपने हुनर के बदले एक से डेढ़ लाख रुपए महीने तक की कमाई कर सकेंगे.
शिक्षामंत्री के विधानसभा क्षेत्र से शुरुआत-
प्रदेश में इस योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत गाडरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सांईखेड़ा में होने जा रही है. सांईखेड़ा के शासकीय स्कूल में आठों ट्रेड के लिए लैब स्थापित की जा रही है. यह स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की विधानसभा क्षेत्र में है. इसके साथ इस मॉडल आईटीआई में 100 स्टूडेंट के रुकने की व्यवस्था भी होगी. यहां एक्सपर्ट थ्योरी के साथदृसाथ लगातार प्रैक्टिकल की ट्रेनिंग भी देंगे.
ऑनलाइन टीचिंग, 15-15 दिन की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग-
पायलट प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा क्षेत्र के 300 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों को 9वीं-10 वीं के साथ आईटीआई करने का मौका मिलेगा. इसकी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से स्कूली विषयों के साथ कराई जाएगीए वहीं प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए साल में दो बार 15-15 दिन आईटीआई में रहकर प्रैक्टिकल का मौका मिलेगा. स्टूडेंट मॉडल आईटीआई बिल्डिंग के छात्रावास में रहकर ट्रेनिंग ले सकेंगे. 15-15 दिन के दो सत्रों में स्टूडेंट अधिक ट्रेनिंग ले सकेंगे. इसके लिए हर दिन 12दृ 12 घंटे का ट्रेनिंग शेड्यूल बनाया गया है.
फीस न भरने वाले भर सकेंगे बॉन्ड-
आईटीआई की फीस जहां 25 हजार होती है, वहीं स्टूडेंट पढ़ाई के साथ 15 हजार रुपए में आईटीआई कर सकेंगे. इस योजना का प्रारूप बनाते समय इस बात की व्यवस्था भी की गई है कि आर्थिक रूप अक्षम होने के चलते कोई तकनीकी कौशल सीखने से वंचित ना हो. योजना के तहत ऐसी व्यवस्था की गई है कि फीस न भर सकने वाले स्टूडेंट से एक बॉन्ड भरवाया जाएगा. बॉन्ड भरने वाले स्टूडेंट से पढ़ाई पूरी होने के बाद एक साल काम कराया जाएगा जिससे फीस की प्रतिपूर्ति हो जाएगी.
मल्टी एंट्री, मल्टी एग्जिट पॉलिसी भी है-
योजना केवल फीस के मामले में लचीली नहीं है बल्कि पूरी पॉलिसी को इस तरह बनाया गया है कि विद्यार्थी इसमें अलग-अलग स्तर पर प्रवेश लेकर व निकलने के विकल्प चुन सकते हैं. इसे मल्टीपल एंट्री एवं मल्टीपल एग्जिट नाम दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को तैयार किया गया है जिससे हजारों विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा.
योजना में रोजगार भी जनरेट किए जाएंगे-
ओपन बोर्ड के डायरेक्टर का कहना है कि इस योजना के तहत न केवल स्कूली विद्यार्थियों को तकनीकी कौशल में दक्ष किया जाएगा बल्कि रोजगार भी जनरेट किए जाएंगे. इसके लिए उद्यमियों से चर्चा चल रही है. पढ़ाई के साथ तकनीकी कौशल सीखने के बाद हमारे पास बड़ी संख्या में तकनीकी रूप से सक्षम युवा तैयार होंगेए जिनकी मदद से स्थानीय स्तर पर ही उत्पादन की योजना बनाई जा रही हैएजिससे इन युवाओं को रोजगार मिल सकेगा.
प्रदेश में 1 साल में तैयार हो रहे मात्र 85 एसी मैकेनिक-
मध्य प्रदेश में 221 सरकारी आईटीआई व 717 निजी आईटीआई हैं. इनमें एक लाख से अधिक सीटें हैं, लेकिन इतने के बावजूद इनमें एसी मैकेनिक की मात्र 150 सीटें हैं. यह दो साल का कोर्स है, ऐसे में एक साल में मात्र 85 एसी मैकेनिक तैयार होकर निकल रहे हैं. जबकि ईवी मैकेनिक तो 50 भी तैयार नहीं हो पा रहे हैं. 8.5 करोड़ आबादी वाले प्रदेश में कौशल क्षमता वाले युवाओं की बड़ी संख्या में जरूरत हैए लेकिन उस अनुपात में युवा तैयार नहीं हो पा रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

