पटना. बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण पर हंगामा मचा हुआ है. इस बीच आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार की मतदाता सूची के नए ड्राफ्ट में उनका ही नहीं नहीं है. तेजस्वी यादव ने शनिवार को पटना में अपने आवास पेक पोलो रोड पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये दावा किया. इस दौरान तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के एप्लीकेशन पर उन्होंने अपना ईपिक नंबर डाला. जिसमें उनका रिकॉर्ड नॉट फाउंड लिखा नजर आया.
इस दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि, जब मेरा नाम कट सकता है तो बिहार के लाखों गरीबों का नाम कटना तय है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग गोदी आयोग बन गया है. समय आने पर सबका हिसाब किया जाएगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग यह न सोचे कि उसे दो गुजरातियों का बैकअप हासिल है. इसके साथ ही तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले में स्वत: संज्ञान ले और बिहार की किस विधानसभा के किस बूथ पर किन-किन लोगों का नाम काटा गया है इसकी सूची जारी कराए.
हर विधानसभा से 20-30 हजार नाम काटने का आरोप
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि, हर विधानसभा क्षेत्र से लगभग 20 से 30 हज़ार नाम हटाए गए हैं. यानी कुल लगभग 65 लाख, यानी लगभग 8.5 प्रतिशत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं. चुनाव आयोग जब भी कोई विज्ञापन जारी करता था, तो उसमें लिखा होता था कि इतने लोग स्थानांतरित हो गए हैं, इतने लोगों की मृत्यु हो गई है, और इतने लोगों के नाम डुप्लिकेट हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि, लेकिन चुनाव आयोग ने हमें जो सूची उपलब्ध कराई है, उसमें उन्होंने बड़ी चालाकी से किसी भी मतदाता का पता, बूथ संख्या और ईपीआईसी नंबर नहीं दिया है, ताकि हम यह पता न लगा सकें कि किन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं.
इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि बीएलओ आए थे और हमारा सत्यापन करके गए. उसके बाद भी मतदाता सूची में नाम नहीं है. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि आपकी पत्नी का वोटर आईडी कार्ड बना है तो उन्होंने कहा कि जब मेरा बना ही नहीं तब मेरी पत्नी का कैसे बन जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



