अमरावती. आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) ने सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव रखा है. सोमवार को घोषित इस नए प्रस्ताव के तहत, आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया को सरल और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाया है. इस कदम से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि अनावश्यक संसाधनों के उपयोग को भी कम किया जाएगा.
एपीपीएससी ने अपनी भर्ती प्रक्रिया में प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स) को लेकर एक नया मानदंड प्रस्तावित किया है. अब प्रारंभिक परीक्षा केवल तभी आयोजित की जाएगी, जब किसी अधिसूचित पद के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या उस पद की संख्या से 200 गुना अधिक होगी. उदाहरण के लिए, अगर किसी भर्ती के लिए 100 पद अधिसूचित किए गए हैं, तो प्रारंभिक परीक्षा तभी होगी, जब 20,000 से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे.
सिर्फ मुख्य या एकल होगी परीक्षा
इसके विपरीत, अगर आवेदनों की संख्या इस सीमा से कम रहती है, तो आयोग सीधे एकल-चरणीय भर्ती प्रक्रिया या मुख्य परीक्षा का आयोजन करेगा. यह प्रस्तावित बदलाव उम्मीदवारों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और आयोग के संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वर्तमान प्रणाली और उसकी चुनौतियां
वर्तमान में, एपीपीएससी की भर्ती प्रक्रिया में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा तब आयोजित की जाती हैं, जब आवेदनों की संख्या 25,000 से अधिक होती है, भले ही रिक्तियों की संख्या कितनी भी हो. इस प्रक्रिया को आयोग ने अब बोझिल और संसाधन खपाऊ माना है. आयोग का कहना है कि अनावश्यक प्रारंभिक परीक्षाएं आयोजित करने से अनावश्यक खर्च और समय की बर्बादी होती है। इसीलिए, इस नई फि़ल्टरिंग प्रणाली का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है।
सिंगल एग्जामिनेशन करा सकता है आयोग
अगर यह प्रस्ताव राज्य सरकार मान लेती है, तो कई भर्तियां जो पहले दो चरणों (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा) में आयोजित की जाती थीं, अब केवल एक चरण में पूरी हो सकेंगी. इससे न केवल भर्ती प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि उम्मीदवारों को भी कम समय में नौकरी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा.यह बदलाव विशेष रूप से उन भर्तियों के लिए लाभकारी होगा, जिनमें रिक्तियों की संख्या कम और आवेदनों की संख्या सीमित होती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




