-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* बुध प्रदोष व्रत - बुधवार, 6 अगस्त 2025
* प्रदोष पूजा मुहूर्त - 19:12 से 21:22
* त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - 6 अगस्त 2025 को 14:08 बजे
* त्रयोदशी तिथि समाप्त - 7 अगस्त 2025 को 14:27 बजे
* शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है.
* भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं!
* प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं.
* शिवोपासना में दुर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से... जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं.
* सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है.
* प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत वस्त्रों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है.
* जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते है.
* इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं इसलिए उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है.
विभिन्न दिनों के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है....
* बुधवार के दिन यह व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है.
* बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है.
* शुक्रवार प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है.
* शनिवार प्रदोष व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है.
* रविवार के दिन प्रदोष व्रत हमेशा स्वस्थ रखता है.
* सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
* मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से ऋण-रोग से मुक्ति मिलती है.
* संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है.
श्री त्रिपुरा सुंदरी दैनिक धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया : बुधवार, 6 अगस्त 2025
* श्रावण पुत्रदा एकादशी पारण का समय - 06:04 से 08:42, 6 अगस्त 2025
* पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 14:08
* एकादशी तिथि प्रारम्भ - 4 अगस्त 2025 को 11:41 बजे
* एकादशी तिथि समाप्त - 5 अगस्त 2025 को 13:12 बजे
शक सम्वत 1947, विक्रम सम्वत 2082, अमान्त महीना श्रावण, पूर्णिमान्त महीना श्रावण, वार बुधवार, पक्ष शुक्ल, तिथि द्वादशी - 14:08 तक, नक्षत्र मूल - 13:00 तक, योग वैधृति - 07:18 तक, करण बालव - 14:08 तक, द्वितीय करण कौलव - 02:22, (7 अगस्त 2025) तक, सूर्य राशि कर्क, चन्द्र राशि धनु, राहुकाल 12:38 से 14:16, अभिजित मुहूर्त - नहीं है.
दैनिक चौघड़िया- बुधवार, 6 अगस्त 2025
लाभ - 06:04 से 07:43
अमृत - 07:43 से 09:21
काल - 09:21 से 11:00
शुभ - 11:00 से 12:38
रोग - 12:38 से 14:16
उद्वेग - 14:16 से 15:55
चर - 15:55 से 17:33
लाभ - 17:33 से 19:12
रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 19:12 से 20:33
शुभ - 20:33 से 21:55
अमृत - 21:55 से 23:17
चर - 23:17 से 00:38
रोग - 00:38 से 02:00
काल - 02:00 से 03:21
लाभ - 03:21 से 04:43
उद्वेग - 04:43 से 06:05
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, विभिन्न पंचांगों, धर्मग्रथों से साभार ली गई है, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.

