भारतीय पुरुष से विवाह के तीन कारण बताकर रूसी महिला बनी सोशल मीडिया सनसनी

भारतीय पुरुष से विवाह के तीन कारण बताकर रूसी महिला बनी सोशल मीडिया सनसनी

प्रेषित समय :20:54:15 PM / Tue, Aug 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

आज के वैश्विक डिजिटल दौर में सोशल मीडिया न केवल ट्रेंड्स को जन्म देता है, बल्कि व्यक्तिगत निर्णयों को वैश्विक विमर्श का हिस्सा भी बना देता है. ऐसा ही एक मामला हाल ही में चर्चा में आया, जब एक रूसी महिला द्वारा भारतीय युवक से विवाह करने के तीन कारणों को लेकर दिया गया वीडियो लाखों लोगों तक पहुँचा और वायरल हो गया. यह मामला अब इंटरनेट पर बहस और भावनाओं का विषय बन गया है.

यह घटना केवल एक प्रेम प्रसंग या वैवाहिक निर्णय नहीं है, बल्कि भारत की पारिवारिक, सांस्कृतिक और पुरुष मानसिकता की सकारात्मक छवि को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उभरी एक प्रेरक कहानी बन चुकी है.एलिज़ा और राजीव की प्रेम कहानी महज़ दो व्यक्तियों के मिलन की नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों के संगम और भावनात्मक मूल्यों की पुनर्पुष्टि की कहानी है. जब एक रूसी महिला भारतीय पुरुष के सम्मान, पारिवारिक मूल्यों और संस्कृति को खुले दिल से स्वीकार करती है, तो यह न केवल भारतीय समाज के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह वैश्विक मानवीय मूल्यों की ओर लौटने का एक संकेत भी हो सकता है.

यह वायरल वीडियो सिर्फ ट्रेंड नहीं, बल्कि एक संवाद है – संस्कृतियों के बीच, रिश्तों के मायनों के बीच, और यह सोचने के लिए कि आधुनिकता का मतलब क्या केवल स्वतंत्रता है या उसमें जिम्मेदारी, समर्पण और सम्मान भी शामिल होने चाहिए?

क्या है पूरा मामला?
रूस की रहने वाली 27 वर्षीय एलिज़ा (Eliza) ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक भारतीय युवक राजीव शर्मा से विवाह किया. एलिज़ा सोशल मीडिया पर एक ट्रैवल ब्लॉगर और कंटेंट क्रिएटर हैं, जबकि राजीव एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, जो दिल्ली में कार्यरत हैं. दोनों की पहली मुलाकात गोवा में एक योग रिट्रीट के दौरान हुई थी, जहाँ से उनकी मित्रता और फिर प्रेम संबंध शुरू हुआ.

विवाह के बाद एलिज़ा ने एक इंस्टाग्राम रील और यूट्यूब वीडियो के माध्यम से तीन प्रमुख कारण साझा किए कि क्यों उन्होंने भारतीय पुरुष को जीवन साथी के रूप में चुना. यह वीडियो मात्र 48 घंटों में 1 करोड़ से अधिक बार देखा गया, और ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब शॉर्ट्स तथा फेसबुक पर ट्रेंड करने लगा.

एलिज़ा द्वारा बताए गए तीन कारण
1. परिवार के प्रति सम्मान और जुड़ाव
एलिज़ा ने कहा कि “भारतीय पुरुष अपने परिवार को सिर्फ रिश्ते की तरह नहीं, बल्कि आत्मा से जोड़कर जीते हैं.” उन्होंने उल्लेख किया कि जब वह राजीव के माता-पिता से मिलीं, तो उन्हें ऐसा लगा मानो वह वर्षों से इस परिवार का हिस्सा रही हों. यह भावनात्मक स्थिरता और परंपराओं के प्रति सम्मान उन्हें बेहद आकर्षक लगा.

2. भावनात्मक सुरक्षा और प्रतिबद्धता
एलिज़ा ने भारतीय पुरुषों की यह विशेषता बताई कि वे संबंधों को लेकर बेहद प्रतिबद्ध होते हैं. "पश्चिमी समाज में डेटिंग संस्कृति अक्सर तेज़ होती है, लेकिन भारतीय पुरुष जब प्यार करते हैं तो पूरे समर्पण और इज्ज़त के साथ निभाते हैं."

3. भारतीय संस्कृति और जीवनशैली का सौंदर्य
एलिज़ा को भारतीय जीवनशैली की विविधता और संस्कृति बेहद प्रभावित करती है. "यहाँ की सादगी, आध्यात्मिकता, और त्योहारों में जो warmth है, वह यूरोप की व्यावसायिक जीवनशैली से बहुत अलग है," उन्होंने कहा.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो के सामने आते ही सोशल मीडिया पर दो प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखी गईं. एक वर्ग ने इस निर्णय की सराहना की और भारतीय संस्कृति व पुरुषों की पारिवारिक सोच की प्रशंसा की. "यह केवल विवाह नहीं, भारत की संस्कृति की जीत है," जैसा एक यूज़र ने लिखा.

वहीं कुछ आलोचक इसे "ऑनलाइन ट्रेंडिंग के लिए गढ़ी गई कहानी" कहकर खारिज कर रहे हैं. हालांकि अधिकांश प्रतिक्रियाएं सकारात्मक रही हैं, और यह वीडियो प्रेरणादायक कहानी के रूप में सामने आया है.

विवाह की झलकियाँ और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
एलिज़ा और राजीव का विवाह पूरी तरह भारतीय रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ. हल्दी, मेंहदी, फेरे और संगीत – सब कुछ पारंपरिक अंदाज़ में हुआ. एलिज़ा ने लाल बनारसी साड़ी पहनकर फेरे लिए और सिंदूर तथा मंगलसूत्र की महत्ता पर एक विशेष पोस्ट भी किया.

बाद में, दोनों ने मॉस्को में एक रिसेप्शन भी आयोजित किया जिसमें एलिज़ा ने राजीव को पारंपरिक रूसी टोस्ट के साथ सम्मानित किया.

यह विवाह दोनों देशों के सांस्कृतिक सेतु के रूप में देखा जा रहा है.

क्या यह एक नया ट्रेंड है?
यह कोई पहला मामला नहीं है. पिछले कुछ वर्षों में कई यूरोपीय और अमेरिकी महिलाओं ने भारतीय पुरुषों से विवाह कर पारंपरिक जीवन शैली को अपनाया है. हालांकि अभी यह संख्या सीमित है, लेकिन इस घटना ने एक नई सोच को जन्म दिया है – क्या पश्चिमी आधुनिकता से ऊबी हुई पीढ़ी अब भावनात्मक स्थिरता की ओर लौटना चाहती है?

विशेषज्ञ इसे “सांस्कृतिक पुनर्संयोजन” (Cultural Reorientation) का हिस्सा मान रहे हैं, जहाँ पश्चिम के लोग अब आध्यात्मिक और पारिवारिक मूल्यों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-