नई दिल्ली/भोपाल. एमपी के भिंड के अटेर से कांग्रेस विधायक व विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ रेप केस की जांच फिर से शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत कटारे के खिलाफ दर्ज मामले की जांच भोपाल रेंज के डीआईजी की निगरानी में कराने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच की निगरानी डीआईजी स्तर के अधिकारी करेंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि फिलहाल हेमंत कटारे की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी, बशर्ते वे जांच में पूरा सहयोग करें. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश मध्यप्रदेश सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. जिसमें हाईकोर्ट के 2 दिसंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, एएजी अमित शर्मा व अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे.
वहीं हेमंत कटारे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गगन गुप्ता ने पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की निगरानी डीआईजी भोपाल करेंगे ताकि निष्पक्षता बनी रहे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती तब तक हेमंत कटारे की गिरफ्तारी नहीं की जाए, यदि वे जांच में पूरा सहयोग करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चार सप्ताह में जवाब (काउंटर एफिडेविट) दाखिल करने का निर्देश भी दिया है. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी. गौरतलब है कि पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर दर्ज रेप केस में एफएसएल रिपोर्ट बदले जाने का आरोप लगाया था. उन्होंने मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना व मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी.
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