ज्योतिष डेस्क
नई दिल्ली: आकाशीय घटनाओं की श्रृंखला में 6 अगस्त का दिन खगोलीय और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है. एक ओर जहां क्रियाशील ग्रह मंगल का गोचर तुला राशि में हुआ, वहीं दूसरी ओर चंद्रमा का शुक्र और बृहस्पति से विपरीत दृष्टि संबंध बनने के कारण भावनात्मक, संबंधों और नीति-निर्णय से जुड़े क्षेत्र प्रभावित होने की आशंका है.
मंगल तुला राशि में: कूटनीति और संतुलन का समय
शाम के समय लगभग 6:22 बजे मंगल ने सिंह से निकलकर तुला राशि में प्रवेश किया. तुला राशि में मंगल की उपस्थिति को संतुलन और न्याय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, लेकिन साथ ही यह स्थिति तेज़ निर्णयों में अस्थिरता और अंदरूनी संघर्षों का भी संकेत देती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गोचर कूटनीतिक वार्ताओं, रिश्तों की पेचीदगियों, और साझेदारियों में नए आयाम ला सकता है.
चंद्रमा का द्वंद्व: भावनाओं और निर्णयों पर असर
6 अगस्त की सुबह 1:34 बजे चंद्रमा मकर राशि में स्थित होकर शुक्र (कर्क राशि) से विरोध में आया. दोपहर 12:36 बजे बृहस्पति से भी उसका यही संबंध बना.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह स्थिति भावनाओं में असंतुलन, अनावश्यक खर्च, और संबंधों में भ्रम को जन्म दे सकती है. विशेषकर आर्थिक व न्यायिक फैसलों में भावनात्मक हस्तक्षेप की संभावना अधिक रहेगी.
राशियों पर प्रभाव: किसे लाभ, किसे सावधानी?
मेष: रिश्तों में सतर्कता, विवाद से बचें.
वृषभ: मानसिक भ्रम और आर्थिक अस्थिरता.
मिथुन: प्रेम और रचनात्मकता के क्षेत्र में उलझन.
कर्क: घर-परिवार से जुड़ी चिंताएं.
सिंह: आत्मबल में कमी, संयम से रहें.
कन्या: कार्यक्षेत्र में असमंजस, निर्णय टालें.
तुला: ऊर्जा में असंतुलन, त्वरित निर्णय से बचें.
वृश्चिक: भावनात्मक अपव्यय, खर्च अधिक.
धनु: मित्रता और सहयोग में अविश्वास की भावना.
मकर: वरिष्ठों से तनाव, संयम जरूरी.
कुम्भ: यात्राओं में विलंब, दस्तावेज़ों की जांच करें.
मीन: निवेश से बचें, आध्यात्मिक शांति पर ध्यान दें.
वैश्विक परिदृश्य पर संभावित प्रभाव
राजनीति में तीव्र संवाद और शांति वार्ताओं की शुरुआत हो सकती है, लेकिन कूटनीतिक असहमति बनी रहेगी.
शेयर बाज़ार और आर्थिक निर्णयों में उतार-चढ़ाव संभव है.
मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र में बड़े खुलासे या विवाद सामने आ सकते हैं.
कुछ क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि हो सकती है.
सावधानी और उपाय
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, यह समय ध्यान, जप, प्राणायाम और विचारों की स्पष्टता के लिए उपयुक्त है. शांति और धैर्य बनाकर रखा जाए तो इस गोचर से उत्पन्न मानसिक दबाव को सहज किया जा सकता है.

