ऑस्ट्रेलियाई इन्फ्लुएंसरों द्वारा जुआ को ग्लैमराइज़ करना बना वैश्विक चिंता का विषय

ऑस्ट्रेलियाई इन्फ्लुएंसरों द्वारा जुआ को ग्लैमराइज़ करना बना वैश्विक चिंता का विषय

प्रेषित समय :20:26:18 PM / Tue, Aug 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

आज के डिजिटल युग में जब सोशल मीडिया जनमत निर्माण का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है, वहीं इसकी ताकत का गलत उपयोग भी गंभीर सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहा है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों द्वारा जुआ (gambling) को ग्लैमराइज़ करने की प्रवृत्ति अचानक तेज़ी से उभरी है, जिसने केवल ऑस्ट्रेलियाई समाज को ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है. इंस्टाग्राम, TikTok और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स पर जुए से जुड़े कंटेंट को एक ‘मज़ेदार, आकर्षक और तेज़ कमाई’ वाला शौक बताकर प्रस्तुत किया जा रहा है, जिससे किशोरों और युवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.ऑस्ट्रेलियाई इन्फ्लुएंसरों द्वारा जुए को ग्लैमराइज़ करना केवल एक स्थानीय प्रवृत्ति नहीं बल्कि एक वैश्विक संकट का संकेत है. यह हमारी डिजिटल संस्कृति की एक खतरनाक परत को उजागर करता है, जहां मनोरंजन और विज्ञापन के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है. ऐसे में ज़रूरत है सख्त नियमन, जागरूकता और सामूहिक नैतिक जिम्मेदारी की, ताकि हमारी अगली पीढ़ी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के दुष्प्रभावों से बची रह सके.

यह ट्रेंड तब और खतरनाक हो गया जब यह देखा गया कि इन इन्फ्लुएंसरों के लाखों फॉलोअर्स हैं, जिनमें बड़ी संख्या स्कूली छात्रों और कॉलेज जाने वाले युवाओं की है. जब ये प्रभावशाली चेहरे ऑनलाइन कैसीनो, बेटिंग ऐप्स और सट्टा प्लेटफ़ॉर्म्स पर खुद को मज़े करते हुए दिखाते हैं और ‘चलो पैसे बनाएँ’ जैसे नारों के साथ वीडियो अपलोड करते हैं, तो उनके अनुयायी इसे वास्तविकता मानने लगते हैं.

कैसे शुरू हुआ यह ट्रेंड

2025 की शुरुआत में कुछ ऑस्ट्रेलियाई TikTok और YouTube इन्फ्लुएंसरों ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स के साथ साझेदारी कर "sponsored content" डालना शुरू किया. शुरुआत में यह केवल प्रोडक्ट प्रमोशन की तरह लगा, लेकिन जल्द ही इन वीडियो में ‘लाइफस्टाइल’ को जोड़ा जाने लगा. उदाहरणस्वरूप, एक वीडियो में इन्फ्लुएंसर ने दिखाया कि कैसे उसने एक ऑनलाइन स्लॉट मशीन गेम खेलकर 10 मिनट में $500 जीत लिए और फिर उसी पैसे से महंगी शराब, कार और पार्टी का मज़ा लिया.

इन वीडियो का मकसद केवल ब्रांड प्रमोशन नहीं रहा – ये एक तरह की डिजिटल लत को बढ़ावा देने लगे. जुए को एक रोमांचक, लाभकारी और स्टाइलिश विकल्प के रूप में पेश करना सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को मानसिक रूप से जुए की ओर आकर्षित करने लगा.

क्यों है यह ख़तरनाक

ऑस्ट्रेलिया पहले से ही दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां प्रति व्यक्ति जुआ खेलने की दर सबसे अधिक है. 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, हर चार में से एक वयस्क ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने पिछले वर्ष किसी न किसी रूप में जुआ खेला था. अब जब यह ट्रेंड युवाओं में भी पैर पसार रहा है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति मानसिक स्वास्थ्य, आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक अलगाव की ओर ले जा सकती है. किशोर और युवा जब यह देखते हैं कि उनके फेवरेट इन्फ्लुएंसर ‘मज़े से पैसे’ कमा रहे हैं, तो वे बिना जोखिम को समझे इन ऐप्स का उपयोग करने लगते हैं. कई मामलों में परिवारों ने शिकायत की है कि उनके बच्चों ने माता-पिता के क्रेडिट कार्ड से हजारों डॉलर जुए में गवां दिए.

सरकारी प्रतिक्रिया और नियामक कदम

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस ट्रेंड को गंभीरता से लेते हुए डिजिटल विज्ञापन और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. खास तौर पर जुआ और तंबाकू से जुड़े विज्ञापनों को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं. 2025 की दूसरी तिमाही में प्रस्तावित एक विधेयक के अनुसार, यदि कोई इन्फ्लुएंसर 18 वर्ष से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध प्लेटफ़ॉर्म पर जुए का प्रचार करता है, तो उस पर $250,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

साथ ही, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के दबाव में कई वीडियो को हटाया और कुछ अकाउंट्स को अस्थायी रूप से निलंबित किया है.

जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

समाजशास्त्रियों और साइकोलॉजिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि यह ट्रेंड केवल डिजिटल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक संकट को जन्म दे सकता है. जुआ को स्टेटस सिंबल के रूप में पेश करना युवा मन को भ्रमित करता है. “जब एक 16 साल का बच्चा यह देखता है कि एक इन्फ्लुएंसर कह रहा है कि 'पैसे कमाने का सबसे आसान तरीका यही है', तो वह वास्तविकता और दिखावे के बीच फर्क नहीं कर पाता,” एक मनोवैज्ञानिक ने कहा.

वहीं कुछ इन्फ्लुएंसर भी अब इस प्रवृत्ति के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं. कई लोकप्रिय नामों ने #StopGlamourizingGambling हैशटैग के साथ वीडियो पोस्ट किए हैं, जिनमें वह इस प्रवृत्ति के पीछे छिपे खतरे को उजागर कर रहे हैं.

क्या है आगे का रास्ता

यह मामला न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि पूरे विश्व के लिए चेतावनी है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर फैली हर चमकदार चीज़ सच्चाई नहीं होती. जरूरी है कि सरकारें, अभिभावक और खुद युवा वर्ग इस विषय पर गंभीर विमर्श करें और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर जुए के प्रचार को नियंत्रित किया जाए.

शिक्षा संस्थानों में मीडिया साक्षरता और डिजिटल नैतिकता जैसे विषयों को शामिल कर युवाओं को यह सिखाना आवश्यक हो गया है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाली 'परफेक्ट लाइफ' हमेशा असली नहीं होती.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-