भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ महीनों से यह चर्चा तेज़ रही है कि टीम इंडिया के दो सबसे बड़े सितारे—विराट कोहली और रोहित शर्मा—अब वनडे क्रिकेट में अपने करियर के अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं या नहीं. इस बहस को हवा मिली हाल के कुछ चयन निर्णयों, युवा खिलाड़ियों के प्रदर्शन और आने वाले आईसीसी टूर्नामेंटों में टीम संयोजन की संभावनाओं से. लेकिन अब बीसीसीआई ने इस विषय पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया देकर माहौल को साफ करने की कोशिश की है. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि विराट और रोहित भारतीय वनडे टीम के अब भी अहम हिस्से हैं और उनके संन्यास को लेकर किसी भी तरह की जल्दबाज़ी करने का सवाल ही नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक, बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इन दोनों खिलाड़ियों का अनुभव टीम के लिए अनमोल है, खासकर बड़े टूर्नामेंटों और नॉकआउट मैचों में, जहां दबाव से निपटने के लिए गहरी समझ और मानसिक मजबूती की ज़रूरत होती है. बोर्ड का तर्क है कि विराट और रोहित न केवल बेहतरीन बल्लेबाज़ हैं, बल्कि ड्रेसिंग रूम में युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत भी हैं. उनकी उपस्थिति टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाती है और विपक्षी टीमों के लिए मानसिक दबाव का कारण बनती है.
विराट कोहली, जिन्होंने पिछले दशक में वनडे क्रिकेट में कई विश्व रिकॉर्ड बनाए, फिलहाल शानदार फॉर्म में हैं और हालिया द्विपक्षीय सीरीज़ में उन्होंने लगातार रन बनाए हैं. वहीं, रोहित शर्मा—जिन्हें उनकी 'हिटमैन' पारी के लिए जाना जाता है—ने हाल ही में कुछ अहम मुकाबलों में बड़ी पारियां खेलकर यह साबित किया है कि वह अब भी सीमित ओवर क्रिकेट के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ों में से एक हैं. दोनों खिलाड़ियों का फिटनेस लेवल और खेल के प्रति समर्पण बोर्ड के लिए इस बात का सबूत है कि वे आने वाले समय में भी टीम के लिए योगदान देने में सक्षम हैं.
बीसीसीआई के अंदरूनी हलकों में यह भी माना जा रहा है कि 2025 और 2027 के बीच होने वाले बड़े टूर्नामेंटों—जिसमें चैंपियंस ट्रॉफी और अगले वनडे वर्ल्ड कप शामिल हैं—में इन दोनों खिलाड़ियों की भूमिका निर्णायक हो सकती है. बोर्ड का ध्यान फिलहाल युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच संतुलन बनाए रखने पर है, ताकि टीम के पास हर परिस्थिति में खेलने का अनुभव और ऊर्जा दोनों हों.
जहां एक ओर सोशल मीडिया और क्रिकेट पंडितों का एक वर्ग टीम में युवा रक्त के लिए जगह बनाने की वकालत करता है, वहीं दूसरी ओर कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि अनुभवी खिलाड़ियों को समय से पहले हटाना टीम के हित में नहीं होगा. खासकर तब, जब वे फिट हैं, फॉर्म में हैं और मैदान पर अपनी उपयोगिता साबित कर रहे हैं. विराट और रोहित के मामले में यही स्थिति है—दोनों ने अभी तक ऐसे संकेत नहीं दिए हैं कि वे अपने करियर को समाप्त करने के बारे में सोच रहे हैं.
बीसीसीआई के इस बयान को टीम इंडिया के फैंस के लिए राहत की खबर माना जा रहा है, क्योंकि विराट और रोहित जैसे दिग्गज खिलाड़ियों का मैदान पर होना हमेशा दर्शकों के लिए खास अनुभव होता है. यह बयान टीम के अंदर स्थिरता का संदेश भी देता है और यह संकेत है कि चयन प्रक्रिया केवल प्रदर्शन और फिटनेस के आधार पर ही होगी, न कि उम्र या बाहरी दबावों के आधार पर.
अब आने वाले महीनों में, खासकर एशिया कप और अन्य महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सीरीज़ के दौरान, यह देखना दिलचस्प होगा कि विराट और रोहित अपनी फॉर्म और फिटनेस को किस तरह बनाए रखते हैं. लेकिन एक बात तो तय है—BCCI के इस स्पष्ट रुख ने इस बहस को फिलहाल विराम दे दिया है और यह संदेश दे दिया है कि टीम इंडिया के इन दो स्तंभों का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

