कोई भी सामान खोना/चोरी होना आज के समय में सामान्य बात है. अंक विद्या में गुम हुई वस्तु के बारे में प्रश्न किया जाए तो उसका जवाब बहुत हद तक सच साबित होता है.
जैसे, सर्व प्रथम आप 1 से 108 के बीच का एक अंक मन में सोचें और उस अंक को 9 से भाग दें. शेष जो अंक आए तो आगे लिखे अनुसार उसका उत्तर होगा —
शेष अंक 1 आया है तो वह (सूर्य का अंक है) — पूर्व दिशा में मिलने की आशा है.
शेष अंक 2 (चंद्रमा का अंक है) — वस्तु किसी स्त्री के पास होने की आशा है पर वापस नहीं मिलेगी.
शेष अंक 3 (बृहस्पति का अंक है) — वस्तु वापस मिल जाएगी. मित्रों और परिवार के लोगों से पूछें.
शेष अंक 4 (राहु का अंक है) — ढूंढने का प्रयास व्यर्थ है. वस्तु आपकी लापरवाही/असावधानी से खोई है.
शेष अंक 5 (बुध का अंक है) — आप धैर्य रखें, वस्तु वापस मिलने की आशा है.
शेष अंक 6 (शुक्र का अंक है) — वस्तु आप किसी को देकर भूल गए हैं. घर के दक्षिण-पूर्व या रसोई घर में ढूंढने की कोशिश करें.
शेष अंक 7 (केतु का अंक है) — चिंता न करें, खोई वस्तु मिल जाएगी.
शेष अंक 8 (शनिश्चर का अंक है) — खोई वस्तु मिलने की आशा नहीं है. वस्तु को भूल जाएं तो अच्छा है.
शेष अंक 9 या 0 (मंगल का अंक है) — यदि खोई वस्तु आज मिल गई तो ठीक, अन्यथा मिलने की कोई आशा नहीं है.
उदाहरण — यदि प्रश्नकर्ता ने 83 अंक कहा है तो 83 को 9 से भाग दें.
83 ÷ 9 = 2
शेष आया 2 जो चंद्रमा का अंक है.
अतः वस्तु किसी स्त्री के पास है पर वापस प्राप्त नहीं होगी.
नक्षत्र के आधार पर जानिए खोये सामान की जानकारी मिलेगी अथवा नहीं मिलेगी
इसके लिए सभी नक्षत्रों को चार बराबर भागों में बांट दिया गया है. एक भाग में सात नक्षत्र आते हैं, जिन्हें अंध, मंद, मध्य तथा सुलोचन नाम दिया गया है. इन नक्षत्रों के अनुसार चोरी की वस्तु की दिशा का ज्ञान तथा फल ज्ञान के विषय में जो जानकारी प्राप्त होती है, वह एकदम सटीक होती है.
नक्षत्रों का लोचन ज्ञान —
अंध लोचन नक्षत्र — रेवती, रोहिणी, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, विशाखा, पूर्वाषाढ़ा, धनिष्ठा
मंद लोचन नक्षत्र — अश्विनी, मृगशिरा, अश्लेषा, हस्त, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, शतभिषा
मध्य लोचन नक्षत्र — भरणी, आर्द्रा, मघा, चित्रा, ज्येष्ठा, अभिजित, पूर्वाभाद्रपद
सुलोचन नक्षत्र — कृत्तिका, पुनर्वस, पूर्वाफाल्गुनी, स्वाती, मूल, श्रवण, उत्तराभाद्रपद
यदि वस्तु अंध लोचन में खोई है तो वह पूर्व दिशा में शीघ्र मिल जाती है.
यदि वस्तु मंद लोचन में गायब हुई है तो वह दक्षिण दिशा में होती है और गायब होने के 3-4 दिन बाद कष्ट से मिलती है.
यदि वस्तु मध्य लोचन में खोई है तो वह पश्चिम दिशा की ओर होती है और गायब होने के एक माह बाद उस वस्तु की जानकारी मिलती है. ढाई माह बाद उस वस्तु के मिलने की संभावना बनती है.
यदि वस्तु सुलोचन नक्षत्र में गायब हुई है तो वह उत्तर दिशा की ओर होती है और वस्तु के मिलने की संभावना कम ही होती है.
गायब/खोई वस्तु के शीघ्र प्राप्ति हेतु दिव्य मंत्र
जीवन में भूलना, गायब होना, चले जाना, बलात ले लेना अथवा लेने के बाद कोई भी वस्तु वापस नहीं मिलना ऐसी घटनाएं स्वाभाविक रूप से घटित होती रहती हैं.
यदि आपका कोई भी सामान गायब हो गया है या मिल नहीं रहा है तो अपने पूजाघर में एक देशी घी का दीपक जलाकर पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें. अपनी खोई हुई वस्तु की कामना को उच्चारण करके भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्रधारी रूप का ध्यान करें और इस मंत्र का विश्वासपूर्वक जप 1008 बार करें. इससे गायब हुई वस्तु एवं अपना फंसा धन प्राप्त होने की संभावना प्रबल हो जाती है.
मंत्र —
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान.
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते.

