नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने आज को कांग्रेस नेता राहुल गांधी व विपक्ष के वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोपों का जवाब दिया. चुनाव आयोग ने कहा वोट चोरी जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल कर झूठी कहानी गढऩे की कोशिश करना करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सीधा हमला है.
आयोग ने कहा कि ऐसे आरोप लाखों चुनाव कर्मियों की ईमानदारी पर भी चोट है. एक व्यक्ति, एक वोट का कानून भारत के पहले आम चुनाव 1951-1952 से ही लागू है. यदि किसी के पास इस बात का प्रमाण है कि किसी व्यक्ति ने किसी चुनाव में वास्तव में दो बार मतदान किया है, तो उसे बिना किसी सबूत के देश के सभी मतदाताओं को चोर कहने के बजाय, एक शपथ-पत्र के साथ निर्वाचन आयोग को यह प्रमाण सौंपना चाहिए. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 12 अगस्त को कहा था केवल एक सीट नहीं बल्कि बहुत सी सीटें हैं, जहां वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जा रही है. यह नेशनल लेवल पर सिस्टमेटिकली किया जा रहा है.
बिहार की अपडेट हुई वोटर लिस्ट में 124 साल की फर्स्ट टाइम वोटर मिंता देवी के सवाल पर राहुल ने कहा कि हां मैंने उसके बारे में सुना है. ऐसे एक नहीं अनलिमिटेड केसेस हैं. पिक्चर अभी बाकी है. चुनाव आयोग यह जानता है और हम भी जानते हैं. पहले कोई सबूत नहीं थाए लेकिन अब हमारे पास सबूत हैं. हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं. एक व्यक्ति एक वोट संविधान की नींव है. ईसी का कर्तव्य है कि वो एक व्यक्ति एक वोट को लागू करे लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. हम ऐसा करते रहे हैं और करते रहेंगे. हालांकि चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से कहा है कि वे वोट चोरी के अपने दावे को सही मानते हैं तो हलफनामे पर साइन करके दें. अगर उन्हें अपने दावों पर भरोसा नहीं है तो देश से माफी मांगें.

