जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल से स्वतंत्रता दिवस पर आज 15 अगस्त को 12 कैदियों को रिहा किया गया. इनमें 11 पुरुष और एक महिला शामिल हैं. ये कैदी डिंडोरी, सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी, छिंदवाड़ा और बालाघाट के रहने वाले हैं. बाहर खुली हवा में निकलकर सांसें लेने पर सभी बहुत खुश थे और अपराध से तौबा करने की कसम भी खाई.
रिहा किए गए कैदियों ने 14 साल की सजा पूरी की है. इसके साथ ही उन्होंने जेल में अच्छे आचरण से 6 साल की माफी भी मिली है. उप-जेल अधीक्षक मदन कमलेश ने बताया कि अब कैदियों की रिहाई के लिए पांच अवसर तय किए गए हैं. इनमें 15 अगस्त, 26 जनवरी, अंबेडकर जयंती, गांधी जयंती और 15 नवंबर जनजातीय गौरव दिवस शामिल हैं. पहले सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही कैदी रिहा होते थे.
नए नियम से कैदियों को जल्द रिहाई का मौका मिलेगा. पहले उन्हें अगले राष्ट्रीय पर्व तक इंतजार करना पड़ता था. कैदियों की रिहाई कई बातों पर निर्भर करती है. इनमें अच्छा आचरण, जेल नियमों का पालन, औद्योगिक प्रशिक्षण में भागीदारी और परिवार से जुड़े रहना शामिल है. रिहा किए गए कैदियों को उनकी मेहनत का पारिश्रमिक और प्रशिक्षण किट दी गई है. इससे वे जेल से बाहर नई जिंदगी शुरू कर सकेंगे.
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