नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार ने देश की आजादी की शाम यानी कि शुक्रवार (15 अगस्त) को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में व्यापक सुधार की योजना पेश की है, जिसके तहत कर की दरों को सरल और तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, नई जीएसटी व्यवस्था में 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो प्रमुख दरें होंगी, जबकि लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं (सिन गुड्स) पर 40 प्रतिशत की स्पेशल दर लागू की जाएगी. इस सुधार का मकसद आम उपभोक्ताओं को राहत देना और टैक्स सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी बनाना है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में शामिल 99 प्रतिशत वस्तुओं को नई व्यवस्था में 5 प्रतिशत की कर दर में ट्रांसफर किया जाएगा.इसका मतलब है कि रोजमर्रा की जरूरतों और सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर कर का बोझ कम होगा, जिससे आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. यह कदम विशेष रूप से मध्यम वर्ग और निम्न-आय वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा.
28 प्रतिशत स्लैब के सामान पर लगेगा 18 प्रतिशत की दर
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान 28 प्रतिशत कर स्लैब में शामिल लगभग 90 प्रतिशत कर योग्य वस्तुओं को नई व्यवस्था में 18 प्रतिशत स्लैब में लाया जाएगा. यह कदम महंगी और गैर-जरूरी वस्तुओं पर कर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा दे सकता है.
तंबाकू पर 40 प्रतिशत जीएसटी, पेट्रोलियम उत्पाद हुआ बाहर
नई जीएसटी व्यवस्था में तंबाकू उत्पादों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी, लेकिन कुल कर बोझ (88 प्रतिशत) वर्तमान स्तर पर ही रहेगा. वहीं, पेट्रोलियम उत्पादों को नई जीएसटी स्ट्रक्चर में भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा. यह निर्णय ईंधन की कीमतों पर स्थिरता बनाए रखने के लिए लिया गया है.
आम आदमी को मिलेगी राहत
सरकारी सूत्रों ने साफ कर दिया है कि रोजमर्रा की जरूरतों और सामान्य उपयोग की वस्तुओं, जैसे कि घरेलू सामान और दैनिक उपयोग के उत्पादों पर केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. बता दें कि, ये कदम आम आदमी के लिए आर्थिक राहत सुनिश्चित करेगा और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

