रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन दिनों राजधानी रांची के बजाय, रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड अंतर्गत अपने पैतृक गांव नेमरा में है, जहां रहकर पिछले 11 दिनों से वह राजधर्म के साथ पुत्र धर्म के कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. सीएम हेमंत के पिता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन का 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था.
पिता के निधन के बाद से ही उनके मंझीले बेटे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन्हें मुखाग्नि देने के बाद उनकी अंतिमकार्य से जुड़ी विधियों का पारंपरिक रीति रिवाज से निर्वहन कर रहे हैं. 15 अगस्त को अपने परिवार और परिजनों के साथ ग्रामीणों की मौजूदगी में दशकर्म की विधि का निर्वहन करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने बड़े बाल और बड़ी दाढ़ी का त्याग करते हुए सर मुड़वाया
पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ श्राद्ध कर्म
शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचे उनके परिजनों, रिश्तेदारों और दूर-दराज से आए ग्रामीणों के सहयोग से पारंपरिक रीति-रिवाजों और स्थानीय मान्यताओं के अनुरूप सभी अंतिम क्रिया के संस्कार किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद नेमरा गांव में रहकर तैयारियों पर विशेष नजर रखे हुए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नेमरा आने वाले लोगों के लिए यातायात व्यवस्था, पेयजल, भोजन, चिकित्सा सहायता, सुरक्षा और ठहरने की सुविधाएं पूरी तरह सुनिश्चित की जाएं. प्रशासन की ओर से गांव और आसपास के क्षेत्रों में सफाई अभियान भी चलाया गया है, ताकि श्राद्ध कर्म में आने वाले लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो.
लोगों की सुविधा के लिए पार्किंग से लेकर गांव के अंदर तक 300 से अधिक ई-रिक्शा की व्यवस्था होगी, जिससे सभी लोग पार्किंग स्थल से आयोजन स्थल तक आसानी के साथ पहुंच सकें. गाडिय़ों के लिए 3 बड़ी पार्किंग स्थलों का निर्माण किया गया है, और प्रत्येक पार्किंग स्थल के पीछे बायो-टॉयलेट की व्यवस्था की गई है. पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रास्तों पर छायादार शेड, विश्राम स्थल और धूप व बारिश से बचने के लिए अलग से पंडाल भी लगाए गए हैं.
भोजन के लिए 3 बड़े पंडाल, हजारों लोग बैठेंगे साथ
वहीं, भोजन व्यवस्था के लिए 3 बड़े पंडाल बनाए गए हैं, जहां एक साथ हजारों लोगों के बैठकर भोजन करने की व्यवस्था होगी. इसमें स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ पारंपरिक प्रसाद भी परोसा जाएगा. स्वच्छता और सुचारू सेवा के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और रसोइयों की टीम तैनात रहेगी.
वहीं, लोगों की सुरक्षा -व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल के लिए धुमकुडिय़ा में पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. सुरक्षा व्यवस्था में 10 आईपीएस अधिकारी, 60 डीएसपी, 65 इंस्पेक्टर और लगभग 2500 से अधिक पुलिस के जवान तैनात रहेंगे. व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में रहेगा. यातायात प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस, प्रशासन और स्वयंसेवकों की टीमें लगातार 24 घंटे सक्रिय रहेंगी.
विशेष प्रदर्शनी भी लगेगी
श्राद्ध कर्म (संस्कार भोज) के अवसर पर पूर्व सीएम के जीवन संघर्ष, राजनीतिक योगदान, आदिवासी समाज के उत्थान में उनकी भूमिका और जनसेवा की अमूल्य मिसाल को प्रदर्शित करने के लिए विशेष प्रदर्शनी और स्मृति दीर्घा भी तैयार किया जा रहा है. यहां गुरुजी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ तस्वीरें, ऐतिहासिक दस्तावेज़ और उनके कार्यकाल की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




