सूर्य का सिंह राशि में गोचर: पूर्व दिशा के स्वामी, ग्रहों के राजा; सूर्य 17 अगस्त 2025 को 1 बजकर 41 मिनट पर सिंह राशि में यानी कि स्वयं की राशि में प्रवेश कर गये हैं. ध्यान दें कि यह 16 और 17 अगस्त की अर्ध रात्रि होगी, जिसे हम अंग्रेजी तिथि के अनुसार 17 अगस्त ही कहेंगे. यानी की 17 अगस्त 2025 की सुबह 1 बजकर 41 मिनट पर सूर्य अपनी स्वयं की राशि सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य 17 सितम्बर 2025 तक यहीं अर्थात सिंह राशि में बने रहेंगे. सामान्य तौर पर यह सूर्य को मजबूत करने वाली स्थिति मानी जाएगी. क्योंकि सूर्य को मान सम्मान, नेतृत्व क्षमता, उच्च पद का कारक ग्रह माना गया है. यह पिता और शासन प्रशासन से जुड़े मामलों पर गहरा प्रभाव रखता है. इस कारण से इन सभी मामलों में सूर्य की मजबूती का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है. सूर्य का सिंह राशि में गोचर का आपकी लग्न या आपकी राशि के अनुसार कैसा प्रभाव रहने वाला है यह बताने से पहले हम यह जानते हैं कि सूर्य के इस गोचर परिवर्तन का भारतवर्ष पर कैसा प्रभाव पड़ने वाला है?
सूर्य का सिंह राशि में गोचर 17 अगस्त 2025 को होगा.
सूर्य का सिंह राशि में गोचर का भारतवर्ष पर प्रभाव:-वैसे तो सामान्य तौर पर सूर्य का सिंह राशि में गोचर चतुर्थ भाव में अच्छा नहीं माना जाता लेकिन भारतवर्ष की कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी भी होते हैं और यह अपने ही भाव, अपनी ही राशि में जा रहे हैं. अतः यह कोई बड़ी नकारात्मकता नहीं देंगे बल्कि नकारात्मकता को आने से रोकेंगे भी लेकिन सूर्य केतु की युति और सूर्य पर राहु का प्रभाव भी रहेगा. अतः भारत में कुछ हद तक आंतरिक असंतुलन देखने को मिल सकता है. नेताओं और जिम्मेदार व्यक्तियों पर लांछन या आरोप लगा सकते हैं. शासन प्रशासन से जुड़ा हुआ कोई भ्रष्टाचार भी सामने आ सकता है. जनता में एक विचित्र सा आक्रोश भी देखने को मिल सकता है. हालांकि अपनी राशि में होने के कारण सूर्य स्थितियों पर जल्द ही नियंत्रण प्राप्त करने में मददगार बनेंगे लेकिन इन मामलों में परेशानियां या असंतुलन देखने को मिल सकता है.
आइए अब जानते हैं कि सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपकी राशि के अनुसार कैसे परिणाम देने का काम करेगा? यहां पर यह स्पष्ट कर देना जरूरी है कि यदि इस राशिफल को आप अपनी लग्न राशि के अनुसार देखेंगे तो परिणाम ज्यादा सटीक रहेंगे.फिर भी यदि किसी कारण से आप ऐसा न कर पाएं तो आप अपनी चंद्र राशि या फिर नाम राशि के अनुसार भी देख सकते हैं. वैसे सर्वाधिक प्रभाव लग्न राशि का ही माना जाएगा. पहले जानते हैं कि सूर्य का सिंह राशि में गोचर का मेष राशि वाले लोगों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा?
यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है. सूर्य का सिंह राशि में गोचर:- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि : सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं और सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके पंचम भाव होने जा रहा है. वैसे तो सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को पंचम भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है. ऐसे गोचर के बारे में कहा गया है. विद्यार्थियों को भी मेहनत करने की स्थिति में ही अच्छे परिणाम मिल सकेंगे. खान-पान पर संयम रखना जरूरी रहेगा कि पेट इतिहास से संबंधित कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं विशेष कर यदि आपको एसिडिटी की शिकायत रहती है तो खाने पीने की टाइमिंग में पंक्चुअलिटी बहुत जरूरी रहेगी साथ-साथ अन्य यात्रा पर्यटन भी जरूरी रहेंगे.
उपाय: नियमित रूप से सरसों के तेल की आठ बने कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा.
वृषभ राशि : सूर्य आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होते हैं तथा सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है. चौथे भाव में भी सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला नहीं माना गया है बल्कि इसे मानसिक व्यथा और माता से संबंधित परेशानियां देने वाला कहा गया है, जमीन जायदाद से संबंधित मामले भी प्रयत्न करने पर बेहतर दिशा में जा सकेंगे. यदि आपको सीने से संबंधित कोई तकलीफ पहले से रही है तो इस गोचर की अवधि में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी.
उपाय: अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाना शुभ रहेगा.
मिथुन राशि : सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं तथा ये गोचरवश आपके तीसरे भाव में ही जा रहे हैं. तीसरे भाव में सूर्य के गोचर को बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है. ऐसे में जब सूर्य अपनी राशि में होगा तो परिणाम और भी अच्छे रह सकते हैं. स्थान परिवर्तन की कोशिश कर रहे लोगों को भी सफलता मिल सकती है. स्वास्थ्य सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा. शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिल सकती है. आपका कॉन्फिडेंस बहुत अच्छा रहेगा. फलस्वरूप आप बहुत सारे मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे. आप अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकल सकेंगे. पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति के लिए भी इस गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाएगा.
उपाय: पिता की सेवा करें और पिता तुल्य व्यक्तियों को दूध और चावल खिलाकर उनका आशीर्वाद लें, यह आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा.
कर्क राशि : सूर्य आपकी कुंडली में धन भाव अर्थात दूसरे के स्वामी होकर आपके दूसरे भाव में ही गोचर करने वाले हैं. वैसे तो सूर्य का सिंह राशि में गोचर दूसरे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है, ऐसे गोचर को लेकर कहा गया है कि सूर्य मुख या नेत्र से संबंधित कुछ परेशानियां दे सकता है. यदि कोई ऐसा व्यक्ति अहंकार पूर्ण व्यवहार कर रहा है जिस पर आपकी समझाइस का असर पड़ता है तो आप उसे समझा कर भी पारिवारिक मामलों को बेहतर दिशा दे सकते हैं. सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में किसी भी प्रकार की आर्थिक हानि नहीं होनी चाहिए अर्थात सावधानी पूर्वक निर्वाह करके आप संतोषप्रद परिणाम प्राप्त कर सकेंगे.
उपाय: किसी भी मंदिर में नारियल तथा बादाम चढ़ाना शुभ रहेगा.
सिंह राशि : सूर्य आपके लग्न या राशि के स्वामी होते हैं तथा वर्तमान में सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके पहले भाव में होने जा रहा है. वैसे तो पहले भाव में सूर्य के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है, ऊपर से राहु केतु का प्रभाव भी पहले भाव पर बना हुआ है; यह अभी अनुकूल स्थिति नहीं है लेकिन सूर्य अपनी राशि में आए हैं, इसलिए स्वास्थ्य से संबंधित मामलों में जिन नकारात्मक परिणामों की बात गोचर शास्त्र करता है, वहीं स्वयं को शांत और अहंकार मुक्त रखने की स्थिति में संबंधियों के साथ संबंध भी खराब होने से बच सकेंगे. यानी कि सूर्य के इस गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है लेकिन अपनी राशि में होने के कारण सावधानी पूर्वक निर्वाह करके आप न केवल परेशानियों से बच सकेंगे बल्कि सकारात्मक दिशा में भी बढ़ सकेंगे.
उपाय: इस महीने गुड़ न खाएं, यह आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा.
कन्या राशि सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और द्वादश भाव के स्वामी होते हुए ये आपके द्वादश भाव में ही गोचर करने वाले हैं. द्वादश भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है. सूर्य के इस गोचर की अवधि में खर्च अधिक रह सकते हैं.जिन्हें रोकने की जरूरत रहेगी. शासन प्रशासन से जुड़े व्यक्तियों से किसी भी प्रकार का विवाद करना उचित नहीं रहेगा बल्कि सरकारी कामों में ईमानदारी के साथ सहयोग करना जरूरी रहेगा. साथ ही साथ शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में अपनी ईमानदारी का प्रमाण रखना भी समझदारी का काम होगा. नेत्र और पैरों से संबंधित कोई पीड़ा भी इस समय अवधि में देखने को मिल सकती है. इस बात को लेकर जागरूक रहना भी समझदारी का काम होगा.
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाएं और अपने आराध्य को दंडवत प्रणाम करें, यह आपके लिए उपाय की तरह काम करेगा.
तुला राशि : सूर्य आपके लाभेश होकर लाभ भाव में ही गोचर करने वाले हैं. लाभ भाव में सूर्य का सिंह राशि में गोचर बहुत अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है. ऐसी स्थिति में जब सूर्य लाभ भाव में अपनी ही राशि में रहेंगे, यह तुला लग्न या तुला राशि वाले लोगों के लिए काफी अच्छी स्थिति कही जाएगी. सूर्य अपने स्तर पर आपको काफी अच्छा लाभ पहुंचा सकते हैं. . ऐसे में आपकी कंपनी की पॉलिसी के अनुसार आपका प्रमोशन इत्यादि भी संभावित रहेगा. पिता के माध्यम से भी अच्छा लाभ मिल सकता है अथवा पिता तुल्य व्यक्तियों का सहयोग आपके लिए फायदेमंद रह सकता है. स्वास्थ्य सामान्य तौर पर आपका अच्छा रहेगा. इसके चलते आप विभिन्न मामलों में अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे.
उपाय: मांस, मदिरा और अंडे जैसी चीजों से दूरी बनाए रखना अर्थात स्वयं को शुद्ध और सात्विक बनाए रखना उपाय की तरह काम करेगा.
वृश्चिक राशि : दशम भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके दशम भाव में ही गोचर कर रहे हैं. सूर्य के इस गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है. ऊपर से सूर्य अपनी राशि में रहेंगे जो आपको शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में काफी अच्छे परिणाम दिलवा सकते हैं. साथ ही साथ घर गृहस्थी का भी ख्याल रखना है लेकिन सामान्य तौर पर इस गोचर से हम अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं.
उपाय: किसी गरीब को शनिवार के दिन काले कपड़े भेंट करें.
धनु राशि : भाग्य भाव के स्वामी होकर सूर्य आपके भाग्य भाव में ही गोचर करने वाले हैं. वैसे तो भाग्य भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना गया है.शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में कुछ आपत्ति वाले लक्षण देखने को मिल सकते हैं लेकिन सावधानी पूर्वक किया गया निर्वाह और प्रशासनिक लोगों का सम्मान, व्यवधानों को दूर करने में सहायक बनेगा.
उपाय: इस गोचर की अवधि में नमक कम खाएं, विशेषकर रविवार के दिन नमक का सेवन बिलकुल न करें.
मकर राशि : सूर्य आपके अष्टमेश होते हैं और वर्तमान में ये आपके अष्टम भाव ही गोचर कर रहे हैं. अष्टम भाव में सूर्य के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है. ऊपर से अष्टमेश का अष्टम भाव में जाना और भी अधिक कमजोर बिंदु माना जाएगा.. भले ही उनमें से कुछ लोगों के साथ आपके मित्रवत संबंध रहे हों लेकिन इस गोचर की अवधि में उन्हें भी पूरा सम्मान देते रहना है. आर्थिक मामले में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है. साथ ही साथ उचित खान-पान भी अपनाना जरूरी रहेगा, जिससे आपका स्वास्थ्य अनुकूल बना रहे.
उपाय: स्वयं को क्रोधी होने से बचाए और किसी भी तरीके का विवाद न करें, यह प्रयास उपाय की तरह हितकारी सिद्ध होगा.
कुम्भ राशि : सप्तमेश सूर्य आपके सप्तम भाव में ही गोचर करने वाले हैं. सप्तम भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता. ऐसे गोचर के बारे में गोचर शास्त्र कहता है कि सूर्य का सप्तम भाव में गोचर पति-पत्नी में कलह करवाता है. तो ऐसे में यदि आप विवाहित व्यक्ति हैं तो आपको अपने दांपत्य जीवन का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा साथ ही साथ अपने स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना जरूरी रहेगा. अर्थात सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में अपनी राशि में होने के कारण सूर्य नकारात्मकता को समेटने का प्रयास करेंगे.
उपाय: रविवार के दिन नमक न खाएं, ऐसा करना आपके लिए हितकारी सिद्ध होगा.
मीन राशि : सूर्य आपके छठे भाव के स्वामी हैं और सूर्य का सिंह राशि में गोचर आपके छठे भाव में होगा. छठे भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है. ऐसी स्थिति में जब सूर्य अपनी राशि में होंगे तो छठे भाव से मिलने वाले परिणाम और भी ज्यादा मजबूत हो सकते हैं और भी ज्यादा सकारात्मक हो सकते हैं. सूर्य के इस गोचर रोगों का नाश करने वाला माना गया है.आप अपने शत्रुओं या प्रतिस्पर्धियों से बेहतर करते हुए देखे जा सकेंगे. कामों में अच्छी सफलता मिलने की उम्मीदें मजबूत होंगी. शासन प्रशासन का अच्छा सहयोग भी मिल सकेगा. अर्थात सामान्य तौर पर इस गोचर से अच्छी अनुकूलता मिलने की उम्मीदें हैं लेकिन फिर भी राहु, केतु, शनि, मंगल जैसे ग्रहों के गोचर के दुष्प्रभाव के चलते सूर्य का यह गोचर कभी-कभार पूरी तरह से सकारात्मकता देने में कुछ पीछे रह सकता है. अतः कुछ सावधानियां अपनानी जरूरी रहेगी, जिससे कि परिणाम शानदार मिलते रहें.
उपाय: बंदरों को गुड़ और गेहूं खिलाना शुभ रहेगा.

