वॉशिंगटन डी.सी. में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की संभावनाओं पर चर्चा की गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच बैठक हुई, जहां ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं ने शांति दिवस की दिशा में नए प्रस्तावों पर बातचीत की. इस सम्मलेन को शांति प्रयासों में निर्णायक बदलाव वाला बताया जा रहा है, लेकिन इसमें गहरी चिंताएं और राजनीतिक द्वंद्व भी मौजूद हैं.
18 अगस्त 2025 का यह शिखर सम्मेलन विश्व राजनीति में एक युग-निर्माण क्षण बन सकता है—यदि यह केवल बयानबाजी न रह जाए, बल्कि वास्तविक सुरक्षा गारंटियों और क्षेत्रीय संघर्षों का सम्मान करने वाले समझौतों में बदले. यदि यह बैठक फिक्स वह समझौता लाती है जो यूक्रेन की संप्रभुता, यूरोपीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानूनी व्यवस्था को सम्मान दे, तो यह डिप्लोमैसी का इतिहास रचेगी.
वहीं दूसरी ओर, यदि यह केवल क्षेत्रीय समझौतों को स्वीकार करने पर ज़ोर देकर देशों को कमजोरी की ओर ले जाए, तो यह एक घातक मिसाल बनेगा. यह बैठक एक मौका है—शांति का, लेकिन शांति के साथ न्याय और न्याय के साथ सुरक्षा जरूरी है, और यह तभी संभव है जब सभी पक्ष एकसाथ, रणनीतिक परिपक्वता के साथ आगे आएँ.
नए दृष्टिकोण पर जोर
वॉशिंगटन में ट्रम्प-ज़ेलेंस्की की मुलाकात में यूरोपीय नेता—जिनमें यूर्सुला वॉन डेर लाएन, कीर स्टार्मर, इमैनुएल मैक्रॉन और जॉर्जिया मेलोनी शामिल थे—ने जेलेंस्की का समर्थन किया और कहा कि यूक्रेन को अपने संप्रभु क्षेत्र से कोई अतिरिक्त समझौता नहीं करना चाहिए . जेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय अखंडता सुरक्षित रखनी होगी और केवल बल के आधार पर शांति सुनिश्चित की जा सकती है .
सुरक्षा गारंटी की मांग
यूक्रेन ने NATO जैसा सुरक्षा कवच चाहा—भूमि, समुद्र और आकाश में रक्षा की गारंटी—लेकिन रूस ने अपने लिए भी समान सुरक्षा का प्रस्ताव रखा है . ट्रम्प के प्रतिनिधि की मानें तो पुतिन ने इस प्रस्ताव पर मौलिक तौर पर सहमति तो दी है, लेकिन शंका बनी हुई है कि यह कितनी प्रामाणिक है .
क्षेत्रीय समझौता की संभावना
ट्रम्प ने सीधे संकेत दिया है कि शांति समझौता तब तक संभव है जब तक यूक्रेन अपनी NATO की चाह और क्रीमिया दावे को छोड़ दे . इससे स्पष्ट होता है कि ट्रम्प शांति बनाने में क्षेत्रीय दावों को सरल करने पर विचार कर रहे हैं, जो यूरोपीय और यूक्रेनियाई दृष्टिकोणों से भिन्न है.
स्वतंत्र यूरोपीय भागीदारी
यूरोपीय नेताओं ने पहले से ही वाइमर+ समूह के माध्यम से सुरक्षा गारंटियों और स्वतंत्र रणनीतिक दृष्टिकोण पर जोर दिया है, जिसमें यूरोप ने बिना अमेरिका के भी रणनीतिक रूप से रूस को टक्कर देने की तैयारी की है .
रणनीतिक अंतराल और असहमति
ट्रम्प ने अतीत में व्हाइट हॉउस की चर्चाओं में संघर्ष क्षेत्र से आगे बढ़ कर शांति स्थापित करने पर जोर दिया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आग्रह रूस के प्रति नरमी वाले रवैये को दर्शाता है .
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण
इस बैठक ने दो प्रमुख संदेश दिए हैं:
संघर्ष समाप्ति की आवश्यकता और शातिर राजनीति
शांति की ज़रूरत स्पष्ट है, लेकिन इसमें शामिल हितधारकों—अमेरिका, यूरोप और रूस—की रणनीतिक प्राथमिकताएं अंतरराष्ट्रीय कानून, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा आश्वासनों पर विभिन्न-प्रकार के दृष्टिकोण और संपर्क प्रदान करती हैं.
दबाव बनाम आत्मनिर्भरता
ट्रम्प द्वारा शांति समझौता पर तुरन्त जोर देना—जिसमें रूस के प्रति नरमी और यूक्रेन की NATO की आकांक्षा और क्रीमिया वापसी पर बल न देना शामिल है—यूरोपीय नेताओं में चिंता पैदा कर रहा है कि क्या अमेरिका उसकी राजनीतिक प्राथमिकता के कारण जल्दी समझौता करना चाहता है, बजाय टिकाऊ और न्यायपूर्ण समाधान के.
यूक्रेन पर यूरोपीय भरोसा बढ़ रहा है
यूरोपीय नेता इस वार्ता में जेलेंस्की का साथ देने व रूस को रोकने की कोशिश में शामिल हैं, जिससे यह संदेश जाता है कि अब युद्ध की स्थिति अकेले अमेरिका पर निर्भर नहीं रहेगी.
युद्ध का मानवीय पक्ष
दूसरी ओर, युद्ध अभी जारी है—हरियाव खार्किव और सुमी जैसे शहरों पर रूसी हमले जारी हैं, जो आम जनता की जान जोखिम में डाल रहे हैं AP News। इसलिए, शांति समझौता तत्काल आवश्यकता है, लेकिन यह तब तक टिकाऊ नहीं हो सकता जब तक समान सुरक्षा और क्षेत्रीय संतुलन नहीं मिलेगा.

