सुप्रीम कोर्ट: जब सड़क गाड़ी चलाने लायक नहीं तो टोल वसूली गलत!

सुप्रीम कोर्ट: जब सड़क गाड़ी चलाने लायक नहीं तो टोल वसूली गलत!

प्रेषित समय :22:45:02 PM / Wed, Aug 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
ऐसी अनेक सरकारी सुविधाएं, व्यवस्थाएं हैं जिनके लिए पैसा तो पर्याप्त लिया जाता है, लेकिन उसके सापेक्ष नतीजे नहीं मिलते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि- जब सड़क गाड़ी चलाने लायक नहीं हो, तो उस पर टोल की वसूली गलत है, जो सड़क अधूरी हो, जिसमें गड्ढे हों, जहां ट्रैफिक अटक-अटक कर चलता हो, उसमें टोल नहीं वसूला जाना चाहिए.
इस नजरिए के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें त्रिशूर ज़िले के पालिएक्कारा टोल बूथ पर टोल वसूली बंद करवा दी गई थी.
उल्लेखनीय है कि केरल हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने नेशनल हाई वे 544 के एडपल्ली-मन्नुथी सेक्शन की खराब स्थिति के चलते वहां चार सप्ताह के लिए टोल वसूली रोक कर पहले सड़क ठीक करने का आदेश दिया था.
इसके बाद 65 किलोमीटर के इस सेक्शन में टोल पर रोक के खिलाफ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सड़क का रखरखाव करने सहित टोल वसूली के लिए ज़िम्मेदार कंपनी सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जहां उनका कहना था कि सड़क के बहुत सीमित हिस्से में रुकावट है.
लेकिन, चीफ जस्टिस बीआर गवई और के विनोद चंद्रन की बेंच ने हाईकोर्ट का आदेश बदलने से इनकार कर दिया.
यह कहा गया कि- सड़क की हालत खराब है और जिस सड़क पर 1 घंटे की दूरी 12 घंटे में तय हो रही हो, वहां टोल वसूली की इजाज़त क्यों दी जाए, जनता ऐसी सड़क पर चलने के 150 रुपए क्यों दें.
उल्लेखनीय है कि केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि- यह सही है कि हाईवे का उपयोग करने के लिए लोग टोल चार्ज देने को बाध्य हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की भी ज़िम्मेदारी है कि वह या उसके एजेंट बिना बाधा के सुचारू यातायात सुनिश्चित करें, कानून का सहारा लेकर लोगों से टोल शुल्क वसूलना गलत है, जब सड़क पर पहले ही लोग परेशानी उठा चुके हैं, तब उन्हें पैसे देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है.
यही नहीं, खबरें हैं कि अदालत ने यह भी कहा कि- टोल बूथ पर अक्सर कम कर्मचारी होते हैं, उनके पास काम अधिक होता है और वह अक्सर राजा की तरह बर्ताव करने लगते हैं. लोग लंबी कतार में लगे अपनी बारी का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, वाहनों के इंजन ऑन रहते हैं, जो आमजन के जेब के अलावा पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-