रेलवे भर्ती परीक्षा 2025 की तारीखों पर कन्फ्यूजन ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बना

रेलवे भर्ती परीक्षा 2025 की तारीखों पर कन्फ्यूजन ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बना

प्रेषित समय :19:45:42 PM / Wed, Aug 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

देश में प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं का महत्व किसी से छिपा नहीं है. लाखों युवाओं के लिए यह केवल नौकरी पाने का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और सम्मान का रास्ता भी है. ऐसे में रेलवे भर्ती परीक्षा (RRB Exam) जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारियों पर हर छोटी-बड़ी सूचना का गहरा असर पड़ता है. लेकिन इस समय जिस तरह से रेलवे भर्ती परीक्षा 2025 की तारीखों को लेकर असमंजस बना हुआ है, उसने अभ्यर्थियों को मानसिक दबाव में डाल दिया है. ट्विटर (अब X) पर मंगलवार से #RRBExamDates लगातार टॉप ट्रेंड में बना हुआ है, और यह मुद्दा केवल एक परीक्षा का नहीं, बल्कि सरकारी भर्ती प्रणाली की विश्वसनीयता से जुड़ गया है.रेलवे भर्ती परीक्षा 2025 की तारीखों पर बना यह कन्फ्यूजन केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर भर्ती प्रक्रिया की खामियों को उजागर करता है. लाखों युवाओं का भविष्य इससे प्रभावित हो रहा है.ट्विटर पर ट्रेंड होना सिर्फ ऑनलाइन गुस्से का इज़हार नहीं, बल्कि यह एक संकेत है कि युवा अब पारदर्शिता और समयबद्धता की मांग खुलकर कर रहे हैं.अगर सरकार और संबंधित एजेंसियाँ जल्द ही इस पर स्पष्ट और ठोस कदम नहीं उठातीं, तो यह सिर्फ परीक्षा ही नहीं, बल्कि पूरे भर्ती तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर देगा.

असमंजस की जड़: अलग-अलग वेबसाइटों पर अलग तारीखें
समस्या की शुरुआत तब हुई जब रेलवे भर्ती बोर्ड के विभिन्न जोनल दफ्तरों की वेबसाइटों पर परीक्षा से जुड़ी सूचनाएँ अपलोड की गईं. कुछ नोटिस में सितंबर 2025 के पहले हफ्ते का ज़िक्र था, तो कुछ में नवंबर-दिसंबर का. कई जगहों पर पुराने नोटिस ही मुख्य पेज पर बने हुए हैं, जबकि नई तारीखों को लिंक सेक्शन में डाला गया है. इससे उम्मीदवारों को भ्रम हो रहा है कि असली और अंतिम परीक्षा शेड्यूल कौन-सा है.

इस बीच कई कोचिंग संस्थान और यूट्यूब चैनल्स ने अधूरी जानकारी को बढ़ा-चढ़ाकर प्रसारित किया, जिससे भ्रम और गहराता चला गया.

सोशल मीडिया पर गुस्सा और व्यंग्य
परीक्षार्थियों का गुस्सा सोशल मीडिया पर साफ दिख रहा है. ट्विटर पर लाखों ट्वीट्स में छात्रों ने अपनी परेशानी साझा की.

एक छात्र ने लिखा: “कभी सितंबर, कभी नवंबर… तैयारी की स्ट्रैटेजी किस हिसाब से बनेगी? यह परीक्षा है या लॉटरी?”

दूसरे ने कटाक्ष किया: “रेलवे की ट्रेन तो टाइम से नहीं चलती, अब परीक्षा की डेट भी लेट-लेट में ही आएगी.”

कई छात्रों ने स्क्रीनशॉट शेयर कर दिखाया कि अलग-अलग जोनल RRB की वेबसाइटों पर अलग-अलग जानकारी अपलोड है.

यानी स्थिति इतनी उलझ गई है कि ट्विटर पर छात्रों के मीम्स और गुस्से भरे ट्वीट्स का अंबार लग गया है.

लाखों छात्रों पर असर
रेलवे भर्ती परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. एक अनुमान के मुताबिक हर साल 1.5 से 2 करोड़ उम्मीदवार इसमें आवेदन करते हैं. इस बार भी आवेदन संख्या करोड़ों में है. ऐसे में परीक्षा शेड्यूल का अस्पष्ट रहना सिर्फ एक तारीख का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह लाखों परिवारों की रणनीति, समय और आर्थिक स्थिति से जुड़ा सवाल है.

कई उम्मीदवार हॉस्टल और कोचिंग सेंटर्स में रहकर महीनों से तैयारी कर रहे हैं.

हजारों छात्र-छात्राएँ छोटे कस्बों से बड़े शहरों में सिर्फ इसलिए आए हैं ताकि यहाँ रहकर तैयारी कर सकें.

परीक्षा की अनिश्चितता उनके परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल रही है.

एक छात्रा, जो पटना से दिल्ली तैयारी करने आई है, कहती है:
"हर दिन सुबह 5 बजे उठकर पढ़ाई करती हूँ, लेकिन जब तक सही डेट क्लियर नहीं होगी, मनोबल टूटता रहेगा."

प्रशासन की चुप्पी
अब तक रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की ओर से कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है. मंत्रालय स्तर पर भी कोई प्रेस रिलीज़ या स्पष्टीकरण जारी नहीं हुआ.
जानकार मानते हैं कि परीक्षा जैसी संवेदनशील प्रक्रिया में स्पष्ट संचार और समयबद्ध कैलेंडर बेहद ज़रूरी है.

शिक्षा मामलों के एक विशेषज्ञ, प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है:
"जब इतनी बड़ी संख्या में युवाओं का भविष्य दांव पर हो, तो सरकारी एजेंसियों को शेड्यूल पारदर्शी रखना चाहिए. डेट्स बार-बार बदलने या स्पष्ट न होने से संस्थान की साख पर असर पड़ता है."

पुराने अनुभव और सीख
यह पहली बार नहीं है जब सरकारी भर्ती परीक्षाओं को लेकर असमंजस पैदा हुआ हो.

2019 और 2021 में भी रेलवे परीक्षाओं की तिथियों को लेकर भ्रम हुआ था.

SSC और अन्य आयोगों की परीक्षाओं में भी ऐसी स्थिति देखी जा चुकी है.

कोविड-19 महामारी के दौरान तो परीक्षाएँ महीनों टलती रहीं और उम्मीदवारों की तैयारी बाधित होती रही.

इन अनुभवों से यही स्पष्ट होता है कि एकीकृत और पारदर्शी परीक्षा कैलेंडर बनाना अब बेहद ज़रूरी है.

कोचिंग और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का रवैया
इस भ्रम की स्थिति का सबसे ज्यादा फायदा कोचिंग संस्थानों और डिजिटल एड-टेक प्लेटफ़ॉर्म को हो रहा है. वे अलग-अलग तारीखों के हिसाब से नए बैच और क्रैश कोर्स निकाल रहे हैं.
कुछ छात्रों का कहना है कि यह भ्रम जानबूझकर बढ़ाया जा रहा है ताकि संस्थान फीस वसूल सकें.

युवाओं की मांग
सोशल मीडिया पर छात्रों ने मिलकर सरकार और मंत्रालय से मांग की है कि:

एक ही नोटिफिकेशन के जरिए परीक्षा की तिथियों को स्पष्ट किया जाए.

सभी जोनल RRB की वेबसाइटों पर समान सूचना जारी की जाए.

परीक्षा का पूरा कैलेंडर कम से कम छह महीने पहले सार्वजनिक किया जाए.

किसी भी बदलाव की स्थिति में उम्मीदवारों को SMS और ईमेल से तत्काल सूचना दी जाए.

राजनीतिक और सामाजिक आयाम
बेरोजगारी पहले से ही एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनी हुई है. विपक्षी दल सोशल मीडिया पर युवाओं के समर्थन में उतर आए हैं. कुछ नेताओं ने ट्वीट करके इसे “युवाओं के साथ खिलवाड़” बताया है.
विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले समय में यह मुद्दा केवल परीक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता और युवाओं में बढ़ती असंतुष्टि का प्रतीक बन जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-