नई दिल्ली. निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी सुधारों पर राज्यों के मंत्री समूह के साथ बैठक की. बैठक के दौरान राज्यों के मंत्रिसमूह को जीएसटी व्यवस्था में व्यापक सुधारों के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में बताया गया. इन सुधारों में कर की दरों में कटौती और व्यवसायों के लिए अनुपालन बोझ को कम करना शामिल है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार जीएसटी दरों को मौजूदा 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की चार कैटेगरी से घटाकर मुख्य रूप से 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो कैटेगरी में लाने की योजना बना रही है. वहीं, sin goods (जो समाज के लिए हानिकारक माने जाते हैं) पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू करने का सुझाव भी शामिल है. बीमा कराधान और क्षतिपूर्ति उपकर पर गठित मंत्री समूह दो दिनों तक केंद्र के अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर विचार-विमर्श करेगा.
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने लगभग 20 मिनट के अपने संबोधन में इन सुधारों की जरूरत और इससे होने वाले लाभों को राज्यों के प्रतिनिधियों के सामने रखा. यह बैठक दो दिनों तक चलेगी, जिसमें रेट रेशनलाइजेशन, बीमा पर टैक्स और मुआवजा उपकर जैसे विषयों पर चर्चा की जा रही है. बीमा क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों को कम करने पर विचार कर रहा है. वहीं, मुआवजा उपकर समूह इसके भविष्य को लेकर सुझाव देगा, खासकर ऐसे समय में जब उधार चुकाने की समयसीमा खत्म हो रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम है और केंद्र सरकार आने वाले हफ्तों में राज्यों के साथ आम सहमति बनाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों पर केंद्र का प्रस्ताव तीन स्तंभों पर आधारित है- संरचनात्मक सुधार, दरों को युक्तिसंगत बनाना और जीवन में आसानी. एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ये प्रस्ताव लागू होते हैं तो इससे सरकार को सालाना लगभग 85,000 करोड़ का राजस्व घाटा हो सकता है. अगर नई दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी होती हैं, तो चालू वित्त वर्ष में करीब 45,000 करोड़ रुपये की क्षति हो सकती है.
बता दें कि वर्तमान में जीएसटी 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है. खाद्य और आवश्यक वस्तुओं पर शून्य या 5 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जबकि विलासिता और अवगुण वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जिसके ऊपर उपकर भी लगता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

