समुद्र शास्त्र के अनुसार जानिए कान, गर्दन और बाल से इंसान का नेचर

समुद्र शास्त्र के अनुसार जानिए कान, गर्दन और बाल से इंसान का नेचर

प्रेषित समय :19:18:46 PM / Wed, Aug 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कान, बाल और हिंदी में गर्दन के अनुसार कायम किए Shastra- मानव प्रकृति: समुद्र शास्त्र, भारतीय ज्योतिष शास्त्र की ही एक शाखा है जिसके अनुसार किसी भी व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगों को देखकर उसके बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है . आज हम आपको बता रहे हैं की किसी इंसान के कान, गर्दन और बाल से उसके स्वभाव के बारे में क्या पता चलता है.

समुद्र शास्त्र और कान (सामुद्रिक शास्त्र और कान)

कान मनुष्य की चौथी ज्ञान इंद्री है. इसका एक हिस्सा शरीर के बाहर दिखाई देता है, जबकि एक हिस्सा शरीर के अंदर होता है. आइए जानते है कैसे कान वाले इंसान का नेचर कैसा होता है.
छोटे कान- जिन लोगों के कान सामान्य से थोड़े छोटे आकार के होते हैं, ऐसे लोग बहुत बलशाली सकते हैं हो. ये विश्वसनीय भी होते हैं. साथ ही ये कला के क्षेत्र में भी रूचि रखते हैं. यदि कोई इनसे कोई वस्तु मांग ले, तो ये उसे मना नहीं करते.
बड़े कान- यदि किसी व्यक्ति के कान बड़े हों, तो वह विचारशील, कर्मठ, व्यवहारिक तथा समय का पाबंद होता है. उन्हें किसी भी काम में लेटलतीफी पसंद नहीं आती और ये सब काम व्यवस्थित तरीके से करने में विश्वास रखते हैं.
चौड़े कान- समुद्र शास्त्र के अनुसार यदि किसी के कानों की चौड़ाई सामान्य से अधिक हो, तो ऐसे लोगों के पास सभी तरह सुख-सुविधाएं होती हैं. ये अपने जीवन में हर सुख प्राप्त करते हैं. ऐसे लोग अवसरवादी भी होते हैं.
सामान्य से अधिक छोटे कान- यदि किसी व्यक्ति के कान बहुत ही छोटे हों, तो ऐसे लोग स्वभाव से थोड़े चंचल सकते हैं हो. ये भगवान पर बहुत विश्वास करते हैं. कभी-कभी ऐसे लोग लालची भी हो जाते हैं और किसी के साथ धोखा करने से नहीं हिचकते. किसी से काम निकालना इन्हें बखूबी आता है.
बीच से दबे हुए कान- जिस व्यक्ति के कान के बीच का भाग दबा हुआ हो, आमतौर पर वह अपराधी प्रवृत्ति का होता है.

समुद्र शास्त्र और गर्दन (सामुद्रिक शास्त्र और गर्दन)
गर्दन शरीर का वह हिस्सा होता है, जिस पर सिर का भार टिका होता है. मस्तिष्क से निकलकर सभी अंगों में पहुंचने वाली नसें और नाड़ियां इसी से होकर गुजरती हैं. आइए जानते है कैसी गर्दन वाले इंसान का नेचर कैसा होता है.
मोटी गर्दन- समुद्र शास्त्र के अनुसार जिस इंसान की गर्दन सामान्य से अधिक मोटी होती है, उस पर आसानी से भरोसा नहीं किया जा सकता. ऐसे लोग क्रोध करने वाले होते हैं. पैसा होने पर इनमें अभिमान भी आ सकता है.
सीधी गर्दन- जिन लोगों की गर्दन सीधी होती है, ऐसे लोग स्वाभिमानी होते हैं. साथ ही ये लोग समय के पाबंद, वचनबद्ध एवं सिद्धांत प्रिय होते हैं. इन पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है.
लंबी गर्दन- अगर गर्दन सामान्य से अधिक बड़ी हो तो ऐसे लोग बातूनी, मंदबुद्धि, अस्थिर, निराश और चापलूस होते हैं. यह अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की आदत से लाचार होते हैं.
छोटी गर्दन- अगर गर्दन सामान्य आकार से छोटी होती है, तो ऐसे लोग कम बोलने वाले, मेहनती, कंजूस, अविश्वसनीय व घमंडी हो सकते हैं. ऐसे लोगों का फायदा दूसरे लोग उठाते हैं, मगर इन्हें इस बात का पता भी नहीं चलता.
सूखी गर्दन- ऐसी गर्दन में मांस कम होता है तथा नसें स्पष्ट दिखाई देती हैं. ऐसे लोग सुस्त, कम महत्वाकांक्षी, सदैव रोगी रहने वाले, आलसी, क्रोधी, कम समझ वाले हो सकते हैं. ये सामान्य स्तर के लोग होते हैं और अपने जीवन से संतुष्ट भी.
ऊंट जैसी गर्दन- ऐसी गर्दन पतली व ऊंची होती है. ऐसे लोग आमतौर पर सहनशील व मेहनत करने वाले होते हैं. इनमें से कुछ लोग धूर्त भी होते हैं. ये लोग अपना हित साधने में लगे होते हैं और समय आने पर किसी भी हद तक जा सकते हैं.
आदर्श गर्दन- ऐसी गर्दन पारदर्शी व सुराहीदार होती है, जो आमतौर पर महिलाओं में पाई जाती है. ऐसी गर्दन कला प्रिय, कोमल, ऐश्वर्य और भोग की परिचायक होती है. ऐसे लोग सुख का जीवन जीते हैं.

समुद्र शास्त्र और बाल (समुद्र शास्त्र और बालों के लिए)
बाल मृत कोशिकाओं से बने होते हैं. मनुष्य के चेहरे को आकर्षक बनाने में बालों का अहम योगदान होता है. आइए जानते है कैसे बाल वाले इंसान का नेचर कैसा होता है.
दो मुंहे बाल- समुद्र शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के सिर में एक रोमकूप में एक बाल होना ही शुभ होता है. ऐसे बाल ही उत्तम होते हैं, लेकिन यदि एक बाल से कई शाखाएं निकली हों, तो ऐसे व्यक्ति का स्वास्थ्य थोड़ा खराब रहता है. ऐसे लोग दो विचारधाराओं के मध्य उलझे रहते हैं. किसी निर्णय तक नहीं पहुंच पाते, जिससे उन्हें सफलता नहीं मिलती.
काले बाल- जिस इंसान के बाल काले होते हैं, वह मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ, कर्मठ, विश्वास करने योग्य एवं उच्च जीवन शक्ति वाले होते हैं तथा जिस इंसान के बाल कम उम्र में ही सफेद हो जाते हैं, वे लोग मानसिक रूप से अपेक्षाकृत हैं होते कमजोर.
पतले बाल- जिनके बाल पतले होते हैं, उनका स्वभाव उत्तम होता है. वह व्यक्ति उदार, प्रेमी, दयालु, संकोची तथा संवेदनशील भी होता है. इसके विपरीत मोटे एवं कड़े बालों वाले लोगों में उत्तम स्वास्थ्य एवं उच्च जीवन शक्ति होती है.
सरल, सीधे बाल आत्म संरक्षण, सरल स्वभाव एवं सीधी कार्यप्रणाली सूचक हैं के. यदि बालों में सरलता की अपेक्षा लहरीलापन हो तो ऐसा व्यक्ति विनम्र, सभ्य, कला प्रेमी, सच्चा मित्र एवं दयालु होता है.
काले, चिकने, मुलायम आकर्षक तथा सरल बाल स्त्रियों को सौभाग्य, सम्पत्ति तथा स्वास्थ्य प्रदान करते हैं. जबकि पीले, लाल, कर्कश, रूखे, छोटे तथा बिखरे बाल वाली स्त्रियां सदैव दु: खी रहती हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-