सुप्रीम कोर्ट ने की अह्म टिप्पणी, हर शादी में कुछ न कुछ झगड़े होते हैं, अलग रहना है तो शादी न करें..!

सुप्रीम कोर्ट ने की अह्म टिप्पणी, हर शादी में कुछ न कुछ झगड़े होते हैं, अलग रहना है तो शादी न करें..!

प्रेषित समय :17:39:46 PM / Thu, Aug 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. विवाह और निर्भरता पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा कि विवाह के दौरान पति या पत्नी के लिए पूर्ण स्वतंत्रता का दावा करना असंभव है. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने आगाह किया कि जो लोग एक-दूसरे पर निर्भर रहने को तैयार नहीं हैं, उन्हें विवाह के बंधन में बंधना ही नहीं चाहिए.

न्यायमूर्ति श्री नागरत्ना ने कार्यवाही के दौरान कहा कि विवाह का अर्थ है दो आत्माओं, दो व्यक्तियों का मिलन. कोई भी पति या पत्नी यह नहीं कह सकता कि मैं अपने जीवनसाथी से पूरी तरह स्वतंत्र रहना चाहता हूं.  ये टिप्पणियां एक अलग रह रहे दंपति और उनके दो नाबालिग बच्चों से जुड़े विवाद की सुनवाई के दौरान आईं. पति सिंगापुर में काम करता है, वर्तमान में भारत में है. जबकि पत्नी हैदराबाद में रहती है. पीठ ने बच्चों के लिए चिंता व्यक्त करते हुए ज़ोर दिया, अगर वे साथ आ जाते हैं, तो हमें खुशी होगी क्योंकि बच्चे बहुत छोटे हैं. उनका क्या कसूर है कि उन्हें टूटे हुए घर का सामना करना पड़े. वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए पेश हुई पत्नी ने दलील दी कि उसके पति की दिलचस्पी सिफऱ् हिरासत और मुलाक़ात में है, सुलह में नहीं. उसने यह भी दावा किया कि उसे कोई गुज़ारा भत्ता नहीं मिला है, जिससे एक अकेली मां के तौर पर उसका जीवन मुश्किल हो गया है.

पीठ ने पत्नी से पूछा कि वह सिंगापुर क्यों नहीं लौट सकती जहां कभी उसकी और उसके पति की सबसे अच्छी नौकरियां थीं. उसने जवाब दिया कि उसके पति के पिछले कामों के कारण उसके लिए वापस जाना लगभग नामुमकिन हो गया है. उसने अपनी आजीविका के लिए काम करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया. जब पत्नी ने ज़ोर देकर कहा कि वह किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती, तो न्यायमूर्ति नागरत्ना ने बीच में ही कहा आप ऐसा नहीं कह सकतीं. एक बार शादी हो जाने के बाद आप आर्थिक रूप से नहीं तो भावनात्मक रूप से अपने जीवनसाथी पर निर्भर हो ही जाती हैं. अगर आप किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहती थीं तो आपने शादी ही क्यों की.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-