शुक्र का कर्क राशि में गोचर आइए जानें किन-किन राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव

शुक्र का कर्क राशि में गोचर आइए जानें किन-किन राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव

प्रेषित समय :19:48:50 PM / Thu, Aug 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

शुक्र का कर्क राशि में गोचर: भौतिक सुख सुविधाओं के कारक ग्रह शुक्र 21 अगस्त 2025 को 01 बजकर 08 पर बुध ग्रह की पहली राशि अर्थात मिथुन राशि को छोड़कर चंद्रमा की राशि यानी की कर्क राशि में पहुंच रहे हैं. शुक्र ग्रह यहां पर 15 सितंबर 2025 के प्रवेश के समय तक रहेंगे अर्थात 14 सितंबर 2025 को पूरे दिन शुक्र ग्रह कर्क राशि का ही भोग करेंगे लेकिन रात्रि में 12 बजकर 06 पर कर्क राशि से सिंह राशि में चले जाएंगे. अंग्रेजी तिथि के अनुसार वह 15 सितंबर 2025 का शुरुआती समय होगा. कहने का तात्पर्य यह है कि 21 अगस्त 2025 से लेकर 15 सितंबर 2025 तक शुक्र ग्रह चंद्रमा की राशि में रहेंगे. कला और साहित्य के कारक ग्रह शुक्र का रचनात्मक ग्रह चंद्रमा की राशि में जाना कला और साहित्य के दृष्टिकोण से अच्छा हो सकता है. हो सकता है कि स्त्रियों से संबंधित कुछ मामलों में सकारात्मक खबरें सुनने को मिलें लेकिन शुक्र और चंद्रमा के बीच के संबंध बहुत अच्छे नहीं माने गए हैं. इस कारण से शुक्र के द्वारा कई मामलों में नकारात्मक परिणाम भी दिए जा सकते हैं.

शुक्र का कर्क राशि में गोचर 21 अगस्त 2025 को होगा.

फिर भी हम इसे मिले-जुले परिणाम देने वाली स्थिति कह सकते हैं. जैसा कि ज्योतिष प्रेमी जानते हैं कि शुक्र ग्रह भौतिक सुविधाओं के साथ-साथ सौंदर्य, रोमांस, कला, भोग विलास और विवाह आदि का कारक ग्रह माना गया है. ऐसे में स्त्री ग्रह के, स्त्री राशि में जाने की स्थिति में स्त्रियों से संबंधित मामलों में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. यह समय अवधि कला, साहित्य, फिल्म और मनोरंजन जगत के लिए अच्छी स्थिति है.
मेष राशि : शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके चतुर्थ भाव में होने वाला है. वैसे तो चतुर्थ भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है. ऐसे में शुक्र बहुत सारे मामलों में आपको अनुकूल परिणाम देना चाहेगा, आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक बनेगा. धन भाव का स्वामी अपने से तीसरे भाव में जा रहा है. राशि के साथ बेहतर तालमेल न होने के कारण कभी कभार छोटे-मोटे तनाव देखने को मिल सकते हैं. वैसे सामान्य तौर पर इस गोचर से आप अच्छी अनुकूलता की उम्मीद कर सकते हैं.
उपाय: बहते हुए पानी में चावल बहाना शुभ रहेगा.
वृषभ राशि : शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचरवश शुक्र आपके तीसरे भाव में जाने वाले हैं. वैसे तो शुक्र के गोचर को तीसरे भाव में अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है. स्वाभाविक है कि शुक्र का तीसरे भाव में गोचर मित्रों से मेल मिलाप करवाने में सहायक बनेगा. मित्रों के माध्यम से लाभ भी मिल सकता है. सामान्य तौर पर आपका कॉन्फिडेंस अच्छा रहेगा
उपाय: महिलाओं का सम्मान करना और उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा.
 मिथुन राशि : शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके दूसरे भाव में पहुंच रहे हैं. वैसे तो दूसरे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला ही माना गया है. अतः इस गोचर से आपको भी अच्छे परिणाम मिलने चाहिए. नए वस्त्र आभूषण खरीदने में शुक्र का यह गोचर मददगार बन सकता है. गीत संगीत में आपकी रुचि बढ़ सकती है. विशेष कर ऐसे लोग जिनका बैकग्राउंड गीत संगीत या कला साहित्य से है.
उपाय: देसी गाय का घी मां दुर्गा के मंदिर में दान करने से शुभता आएगी._
कर्क राशि : शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में शुक्र आपके पहले भाव में गोचर करने वाले हैं. पहले भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है. ऐसा गोचर सुख सुविधाओं में वृद्धि करवाने का काम कर सकता है. आपके मामले में शुक्र लाभ भाव का स्वामी होकर पहले भाव में आया है. यह आपको विभिन्न माध्यमों से अच्छा लाभ करवा सकता है.
 उपाय: काली गाय की सेवा करना शुभ रहेगा._
सिंह राशि : शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचरवश शुक्र आपके द्वादस भाव में पहुंच रहे हैं. भले ही अधिकांश ग्रहों को द्वादश भाव में बहुत अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है लेकिन द्वादश भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला कहा जा सकता है. भले ही यह बहुत अच्छे परिणाम न दे लेकिन सामान्य तौर पर संतोषप्रद परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत हो रही हैं. कर्म स्थान का स्वामी द्वादश भाव में गया है, ऐसे में यदि आपका काम विदेश से संबंधित है या आप अपने जन्म स्थान से दूर रहकर नौकरी अथवा व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं.
उपाय: किसी सौभाग्यवती स्त्री को सम्मान पूर्वक सौभाग्य सामग्री दें और उसका आशीर्वाद लें.
कन्या राशि : शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके लाभ भाव में पहुंचे हैं. क्योंकि ज्यादातर ग्रह लाभ भाव में पहुंचकर अच्छे परिणाम देते हैं. स्वभाविक है कि शुक्र भी लाभ भाव में जाने की स्थिति में आपको अच्छे परिणाम देगा. वहीं धन स्थान का स्वामी लाभ भाव में गया है अत: यहां से भी आर्थिक लाभ के संकेत मिल रहे हैं. लाभ करवाने में भाग्य का बेहतर सपोर्ट मिल सकेगा इसके अलावा धन भाव का स्वामी लाभ भाव में आया है.
 उपाय: शनिवार के दिन सरसों या तिल के तेल का दान करना शुभ रहेगा.
तुला राशि : शुक्र आपकी कुंडली में आपकी लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान में गोचर करते हुए शुक्र आपके कर्म भाव में गए हैं. क्योंकि दशम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना गया है. अतः इस गोचर से आप बहुत सकारात्मक उम्मीद नहीं लगा सकेंगे. वैसे लग्न या राशि के स्वामी का कर्म स्थान पर जाना कामों में सफलता दिलाने का काम करता है लेकिन दशम भाव में शुक्र का गोचर अच्छे परिणाम नहीं देता. ऐसे में हम कह सकते हैं कि कामों में सफलता तो मिलेगी लेकिन कामों में अड़चने भी देखने को मिल सकती हैं. अन्य किसी कारण से भी कुछ चिंताएं रह सकती हैं.
 उपाय: मांस, मदिरा, अंडे इत्यादि का त्याग करें अर्थात स्वयं को शुद्ध और सात्विक बनाए रखें.
वृश्चिक राशि : शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी होते हैं और गोचर में शुक्र आपके भाग्य भाव में पहुंचे हैं. क्योंकि भाग्य भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है. अतः आप शुक्र से अच्छे परिणामों की उम्मीद रख सकते हैं. सप्तम भाव के स्वामी का भाग्य भाव में जाना कार्य व्यापार में बढ़ोतरी करवाने का काम कर सकता है. 
उपाय: नीम के पेड़ की जड़ों पर, चांदी के लोटे से जल चढ़ाना शुभ रहेगा.
धनु राशि : शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी हैं और शुक्र का कर्क में गोचर आपके अष्टम भाव में पहुंचे हैं. शुक्र का लाभ भाव के स्वामी के रूप में अष्टम भाव में जाने से शुक्र अप्रत्याशित रूप से लाभ करवाने का काम कर सकते हैं. भले ही लाभ में निरंतरता देखने को न मिले लेकिन फिर भी लाभ मिलेगा. अर्थात बीच-बीच में इतना लाभ मिल सकता है कि धन की निरंतर आमदनी न होने के बावजूद भी आप पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा.
 उपाय: नियमित रूप से मां दुर्गा के मंदिर जाएं और उन्हें दंडवत प्रणाम करें.
मकर राशि : शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी हैं और शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके सप्तम भाव में जा रहे हैं. भले ही काल पुरुष की कुंडली में सप्तम भाव शुक्र का अपना भाव माना गया है, यानी कि शुक्र सप्तम भाव के कारक होते हैं लेकिन सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता. ऐसे गोचर के बारे में कहा गया है कि सप्तम भाव में शुक्र का गोचर जननेंद्रियों से संबंधित परेशानियां देता है.
उपाय: लाल गाय की सेवा करना जीवन में शुभता लाएगा.
कुम्भ राशि : शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी हैं और शुक्र का कर्क राशि में गोचर आपके छठे भाव में पहुंच रहे हैं. क्योंकि छठे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता. अतः इस गोचर की अवधि में आपको सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की सलाह हम देना चाहेंगे. विशेष कर इस गोचर की अवधि में प्रतिस्पर्धियों को लेकर सजग रहना जरूरी रहेगा. 
 उपाय: कन्या पूजन कर उनका आशीर्वाद लेना शुभ रहेगा.
मीन राशि : शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के स्वामी हैं और गोचर करते हुए शुक्र आपके पंचम भाव में गए हैं. पंचम भाव में शुक्र के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है. विशेषकर कला और साहित्य से जुड़े हुए लोग इस गोचर की अवधि में काफी अच्छा कर सकते हैं. उनकी क्रिएटिविटी का ग्राफ बढ़ा रह सकता है. मनोरंजन से संबंधित मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है
 उपाय: मां तथा मां समान स्त्रियों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-