आज की दुनिया में यात्राएँ सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रह गई हैं, बल्कि अब पालतू जानवर भी यात्रा का हिस्सा बनते जा रहे हैं. ट्रेवल इंडस्ट्री का नया ट्रेंड है – पेट-फ्रेंडली ट्रैवल. भारत समेत पूरी दुनिया में ट्रेवल एजेंसियां ऐसे पैकेज लांच कर रही हैं, जिनमें यात्रियों को अपने पालतू कुत्ते, बिल्ली या अन्य जानवरों को साथ ले जाने की सुविधा दी जा रही है. सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम और फेसबुक, पर ऐसे ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहे हैं जहाँ यात्री अपने पालतू जानवरों के साथ ट्रेवल की तस्वीरें और वीडियो साझा कर रहे हैं. इससे न केवल यात्रियों की नई संस्कृति बन रही है बल्कि ट्रेवल सेक्टर को एक नया ग्राहक वर्ग भी मिल रहा है.
एक समय था जब यात्रा का मतलब था कि पालतू जानवरों को घर पर छोड़ दिया जाए और उनके लिए कोई केयरटेकर या बोर्डिंग सुविधा तलाशनी पड़े. लेकिन अब यात्रियों की सोच बदल रही है. खासकर युवा पीढ़ी और न्यूक्लियर फैमिली वाले लोग चाहते हैं कि उनका पालतू भी उनकी यात्राओं का हिस्सा बने. यही वजह है कि ट्रेवल कंपनियां अब विशेष पेट-फ्रेंडली पैकेज लांच कर रही हैं, जिसमें होटल से लेकर ट्रांसपोर्ट और रेस्टोरेंट तक सबकुछ पालतू जानवरों की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है.
डेटा की बात करें तो, Statista की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पेट केयर इंडस्ट्री का मार्केट लगभग 7.5 बिलियन डॉलर का हो चुका है और इसमें 14% की वार्षिक वृद्धि हो रही है. इनमें से 35% से अधिक लोग ऐसे हैं जो अपने पालतू जानवरों को सिर्फ घर तक सीमित नहीं रखना चाहते बल्कि उनके साथ हर पल बिताना चाहते हैं. इसी आधार पर ट्रेवल कंपनियों ने पेट-फ्रेंडली पैकेज लाना शुरू किया.
इंस्टाग्राम पर #PetFriendlyTravel और #TravelWithPets जैसे हैशटैग्स पर लाखों पोस्ट्स मौजूद हैं. एक अनुमान के अनुसार, 2025 के पहले छह महीनों में ही ऐसे पोस्ट्स में 120% की वृद्धि दर्ज की गई. सोशल मीडिया पर सबसे अधिक वायरल हो रही तस्वीरें वही हैं जिनमें कोई ट्रैवलर अपने डॉग या कैट के साथ पहाड़ों में ट्रेकिंग कर रहा है या बीच पर खेल रहा है.
भारत में इस ट्रेंड की शुरुआत मुख्य रूप से मेट्रो सिटीज़ से हुई है. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद के ट्रैवल एजेंट्स ने बताया कि पिछले दो सालों में पेट-फ्रेंडली पैकेज की मांग में 70% तक का इज़ाफ़ा हुआ है. खासकर वीकेंड ट्रिप्स, हिल-स्टेशन, बीच हॉलिडे और स्टेकेशन के लिए लोग अपने पालतू को साथ ले जाने लगे हैं.
मनाली, ऋषिकेश, गोवा, उदयपुर और कूर्ग जैसी जगहें अब पेट-फ्रेंडली डेस्टिनेशन के रूप में पहचान बना रही हैं. इन जगहों पर रिसॉर्ट और होमस्टे मालिकों ने पालतू जानवरों के लिए स्पेशल रूम, पालतू भोजन, खेलने की जगह और यहां तक कि वेटरनरी हेल्पलाइन भी उपलब्ध करानी शुरू कर दी है.
दूसरी ओर, एयरलाइंस और रेलवे भी इस ट्रेंड को समझ रही हैं. भारत की कुछ प्राइवेट एयरलाइंस ने पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने की अनुमति दी है, बशर्ते वे तय वजन सीमा में हों. इंडिगो और एयर इंडिया जैसी कंपनियां धीरे-धीरे अपनी पॉलिसीज़ को आसान बना रही हैं. वहीं, रेलवे में भी छोटे पालतू जानवरों को साथ ले जाने के लिए विशेष डिब्बे या आरक्षण विकल्प दिए जाने लगे हैं.
पश्चिमी देशों में यह संस्कृति पहले से ही मजबूत रही है. यूरोप और अमेरिका के कई होटल्स और रेस्टोरेंट्स Pet Welcome Policy अपनाते हैं. अब भारत में भी वही संस्कृति अपनाई जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया पैसिफिक क्षेत्र में Pet-Friendly Tourism Market की सालाना ग्रोथ रेट लगभग 18% है, जो अन्य टूरिज्म सेक्टर्स से कहीं अधिक है.
इसका एक बड़ा कारण है सोशल मीडिया का प्रभाव. आजकल ट्रेवलिंग का मतलब सिर्फ यात्रा करना नहीं बल्कि अनुभवों को साझा करना भी है. और जब कोई पालतू जानवर ट्रिप में शामिल होता है, तो उसकी तस्वीरें और वीडियो स्वाभाविक रूप से ज्यादा आकर्षक लगते हैं. इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर कई ट्रैवल व्लॉगर ने सिर्फ पेट-फ्रेंडली कंटेंट बनाकर लाखों फॉलोअर्स जुटा लिए हैं.
साथ ही, महामारी के बाद से लोग अपने पालतू जानवरों के प्रति और भी ज्यादा भावनात्मक रूप से जुड़ गए हैं. कोविड-19 के समय बहुत से लोगों ने पालतू अपनाए थे और अब वे उन्हें परिवार का सदस्य मानकर साथ लेकर चलना पसंद करते हैं. यही वजह है कि Pet Tourism को एक लंबी अवधि तक चलने वाला ट्रेंड माना जा रहा है.
हालांकि इस ट्रेंड के साथ चुनौतियाँ भी हैं. जैसे कि हर होटल या रेस्टोरेंट पालतू जानवरों को अनुमति नहीं देते, कई यात्रियों को एलर्जी या डर हो सकता है, और पालतू जानवरों की देखभाल के लिए अतिरिक्त खर्च भी होता है. लेकिन फिर भी, पेट-फ्रेंडली पैकेज खरीदने वाले ग्राहकों का कहना है कि यह उनके लिए खर्च से ज्यादा अनुभव का विषय है.
उद्योग जगत का अनुमान है कि अगले पाँच वर्षों में भारत में Pet-Friendly Travel Industry का मार्केट साइज 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का हो जाएगा. इसमें न सिर्फ ट्रेवल एजेंसियां बल्कि होटल चेन, एयरलाइंस, कैफे और ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म भी हिस्सा लेंगे.
कुल मिलाकर, Pet-Friendly Travel केवल एक ट्रेंड नहीं बल्कि नई यात्रा संस्कृति का हिस्सा बन चुका है. पालतू जानवर अब यात्रा के साथी बन रहे हैं और इसने ट्रेवल इंडस्ट्री को एक नया आयाम दे दिया है. इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होती तस्वीरें और वीडियो इस बात का सबूत हैं कि भविष्य का पर्यटन अब इंसानों के साथ-साथ उनके प्यारे पालतू दोस्तों का भी होगा.यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि आने वाले वर्षों में Pet-Friendly Travel न सिर्फ एक बिज़नेस ट्रेंड बल्कि एक सामाजिक बदलाव भी साबित होगा, जहाँ पालतू जानवर वास्तव में परिवार का हिस्सा बनकर यात्राओं का आनंद लेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

