जबलपुर में बड़े कारोबारी-कंपनियों के निदेशक भी है बीपीएल कार्डधारी, नोटिस मिलने पर हड़कंप

जबलपुर में बड़े कारोबारी-कंपनियों के निदेशक भी है बीपीएल कार्डधारी, नोटिस मिलने पर हड़कंप

प्रेषित समय :16:47:52 PM / Wed, Aug 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिले के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की जांच में कई बड़े कारोबारी और कंपनियों के निदेशक भी बीपीएल राशन कार्डधारी पाए गए. इनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक है. कुछ के पास पंजीकृत कंपनियों में निदेशक पद की जिम्मेदारी भी है. इसके बावजूदए ये लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मुफ्त राशन का लाभ ले रहे थे. विभाग ने इन संदिग्ध परिवारों को नोटिस जारी कियाए जिसके बाद संबंधित लोगों में हड़कंप मच गया.

अब तक 5552 संदिग्ध परिवारों की पहचान की गई है. इनमें 45 परिवारों का कारोबार 25 लाख रुपये से अधिक का है और 4997 परिवारों की वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक है. इसके अलावा 510 परिवारों के सदस्य पंजीकृत कंपनियों में निदेशक हैं. सभी को नोटिस भेजे गए हैं और 31 अगस्त तक एसडीएम के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.  विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत धोखाधड़ी तक सीमित नहीं हैए बल्कि पूरे सरकारी रिकॉर्ड और वितरण प्रणाली की जांच.पड़ताल की आवश्यकता को उजागर करता है. जब बड़े लोग बीपीएल कार्ड का लाभ ले सकते हैं, तो वास्तविक गरीब नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं तक पहुंच और भी कठिन हो जाती है. इससे न केवल समाज में असमानता बढ़ती हैए बल्कि भ्रष्टाचार के स्तर में भी इजाफा होता है.

मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में भी इस तरह की घटनाओं की जानकारी सामने आती रही है. उदाहरण के लिए इंदौर में 2023 में एक जांच के दौरान लगभग 1200 परिवार ऐसे पाए गए थे जिनकी आय और संपत्ति बीपीएल पात्रता के दायरे से बाहर थी. इसी तरह भोपाल में 2022 में 950 परिवारों के बीपीएल कार्ड रद्द किए गए थे क्योंकि उनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक थी या उनके पास संपत्ति और व्यावसायिक गतिविधियाँ थीं. रीवा जिले में भी 2024 में सरकारी वितरण प्रणाली में अनियमितताओं का पता चला, जहां 350 से अधिक परिवारों ने लाभ का दुरुपयोग किया. जबलपुर में हालिया इस मामले ने यह भी उजागर किया कि केवल नोटिस जारी करना पर्याप्त नहीं है. आवश्यक है कि उन लोगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई हो, जिन्होंने अनुचित लाभ लिया. विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन कार्डधारियों को तुरंत सूची से हटाया जाए और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून और डिजिटल निगरानी प्रणाली लागू की जाए.

मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में भी बीपीएल कार्डधारियों की जांच-

मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में भी इस तरह के मामलों की जानकारी सामने आती रही है. उदाहरण के लिए इंदौर में 2023 में एक जांच के दौरान लगभग 1200 परिवार ऐसे पाए गए थे. जिनकी आय और संपत्ति बीपीएल पात्रता के दायरे से बाहर थी. इसी तरह भोपाल में 2022 में 950 परिवारों के बीपीएल कार्ड रद्द किए गए थे क्योंकि उनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक थी या उनके पास संपत्ति और व्यावसायिक गतिविधियां थीं. रीवा जिले में भी 2024 में सरकारी वितरण प्रणाली में अनियमितताओं का पता चलाए जहां 350 से अधिक परिवारों ने लाभ का दुरुपयोग किया.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-